‘भारतीयता की मूल प्रतिज्ञा है स्वत्वबोध’ — प्रो. चितरंजन मिश्र – (रिपोर्ट)
द्विवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन संपन्न स्वत्वबोध ही भारतीयता की मूल प्रतिज्ञा है। भारतीय साहित्य का उत्तमांश जीवन-मूल्यों की सर्जना है। समावेशिता, सह-अस्तित्व, स्वीकार्यता और परदुःखकातरता ही भारतबोध का वैशिष्ट्य…
