Month: August 2024

हिंदी – थाई शब्दकोश

हिंदी – थाई शब्दकोश संग्रहकर्ता – सत्यव्रत शास्त्री शब्दकोश देखने के लिए नीचे लिंक को क्लिक करें https://archive.org/details/uGWO_hindi-thai-shabdkosh-satya-vrat-shastri-collection/page/46/mode/2up

अहंकार की माया  – (कविता)

अहंकार की माया (दार्शनिक सन्दर्भ) मैंने सुना हैनश्वर शरीर बना है पंचमहाभूतों सेसभी हैं शाश्वत और सात्त्विकजो हैं मानव सृष्टि के आधारभूत तत्त्व,आत्मा भी है ईश्वर का एक अंशअखंड, अनश्वर,…

प्रेम-दिवस का जश्न  – (कविता)

प्रेम-दिवस का जश्न (श्रृंगार रस) प्रेम-दिवस की मधुशाला में तेरी आज प्रतीक्षा हैतेरे ओंठो की मदिरा से प्यास बुझाना बाकी है l तेरे नयनों के आकर्षण में मदहोशी का आलम…

बोल रहे हैं वृक्ष आज  – (कविता)

बोल रहे हैं वृक्ष आज (जलवायु परिवर्तन) वृक्ष बोलते वृक्षों से कहते एक कहानीहरे-भरे उद्यानों में, विस्तृत वन्य प्रदेशों मेंउनकी वाणी फैल रही है दुनिया के आँचल मेंमानव जाति नहीं…

 मेरा गाँव, मेरी परछाई  – (कविता)

मेरा गाँव, मेरी परछाई (ग्रामीण जीवन) यह था वसन्त ऋतु का आगमनप्रकृति का स्वागतम, जीवन का स्पंदन l मुझे भी था इसका इंतज़ारताकि कर सकूँ रगों में नयी ऊर्जा का…

बाला की अभिलाषा – (कविता)

बाला की अभिलाषा (युग परिवर्तन की नारी) ग्रामीण कुटिया में बैठी बाला ध्यानमग्न है पुस्तक मेंसंवाद सुनती रेडियो पर ‘मोदी’ की चर्चा चालू हैकभी किताब, कभी रेडियो, दोनों के प्रति…

समय की आवाज – (कविता)

समय की आवाज (आतंकवाद का शाप) बंदूकों से निकले धर्म, ग्रंथ हुए बेकारमानवता घायल हुई, पीड़ा का संचार l धमाका हुआ विस्फोट का, हिल गया संसारअंधकार छाया गगन में, धरा…

मन का विषाद  – (कविता)

मन का विषाद (विदेशी जीवन की एक झलक) दक्षिण ध्रुव का निकट पड़ोसी, कंगारू का देशसौम्य, सुशोभित, दृश्य मनोरम, उत्तम है परिवेश lहलवा पूड़ी भूल गया, खाते हैं बर्गर पिज़्ज़ापत्नी…

क्या आप कवि हैं? – (कविता)

क्या आप कवि हैं? (व्यंग्य, परिहास) मैंने पढी है एक कविता :“वह दरवाजे से आयी, खिड़की से निकल गयीबालों की सुगंध छोड़ती गयीमेरी नासिका है व्यस्त, मस्तिष्क हुआ रिक्तदिल में…

वैश्विक भगवान की खोज -(कविता)

वैश्विक भगवान की खोज नया ज़माना, नयी संस्कृति, नूतन है परिवेशवैश्वीकरण के आँचल में पलता है देश- विदेश l दुनिया के इस वैश्वीकरण में गाऊँ किसका गानप्रभु प्रार्थना भी है…

‘कलाओं में श्री कृष्ण की उपस्थिति’ – (यू-ट्यूब)

‘कलाओं में श्री कृष्ण की उपस्थिति’ विषय पर डॉ बरुण कुमार का वक्तव्य

कहाँ है मेरी पहचान? – (कविता)

कहाँ है मेरी पहचान? (भारत की गौरवगाथा) सात समंदर पार से मैं आया कंगारू के देश मेंकुछ यादें, कुछ सपने, कुछ पुस्तक, कुछ तस्वीर लिएजीवन की इस भागदौड़ में एक…

Translate This Website »