मेरी माँ – (पत्र)
मेरी माँ – आशा बर्मन यह भी कैसी विडम्बना है कि माँ तुमको पत्र तो लिख रही हूं यह जानते हुए भी कि यह पत्र कभी तुम तक पहुंचेगा तो…
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मेरी माँ – आशा बर्मन यह भी कैसी विडम्बना है कि माँ तुमको पत्र तो लिख रही हूं यह जानते हुए भी कि यह पत्र कभी तुम तक पहुंचेगा तो…
-आशा बर्मन, कनाडा प्रश्न यह प्रश्नचिन्ह क्यों बार-बार ?क्यों उसे जीत, क्यों मुझे हार ?यह प्रश्न उठे क्यों बार-बार ? जीवन में जो भी किये कर्म,तत्समय लगा था, वही धर्म…
-आशा बर्मन, कनाडा तुमने मुझको नहीं मनाया तुमने मुझको नहीं मनाया बात ना कोई ऎसी भारी.हो गयी तकरार हमारी,सीमा पार हुई जब बातें,चुप रहने की मेरी बारीयत्न किया, पर थमें…
-आशा बर्मन, कनाडा मन की आँखे मन की आँखे खोल रे बन्दे,अपने मन को तोल रे बन्दे,बोल प्यार के बोल रे बन्दे,भर मन में झनकार।बोलो, प्यार प्यार प्यार ।।१।। याद…
-आशा बर्मन, कनाडा सुखमय जीवन यह जीवन है क्षणभंगुर,लोग सदा से कहते हैं,फिर न क्यों हम कष्ट भुलाकरसहज रूप से जीते हैं? जब भी जाए तुम पर दृष्टिमुख गभीर और…
एक साधारण सी औरत -आशा बर्मन वह सचमुच एक अत्यंत साधारण सी औरत थी। लोगों की आँखों के सामने से गुजर जाए तो कोई उस पर ध्यान भी नहीं देता।…
जीवन की साँझ जीवन की साँझ का प्रहर,ढल चली है दोपहर।बयार मंद-मंद है,धूप भी नहीं प्रखर॥ यह समय भला-भला,नये से रंग में ढला।जीवन का नया मोड़ है,न कोई भाग दौड़…
मेरा सर्वस्व जीवन में है मिला बहुत कुछइससे कब इन्कार किया?जो भी पाया, जितना पाया,सबसे मैंने प्यार किया॥कभी नहीं चाहा मैंनेहाथ बढ़ाकर छू लूँ नभ।और धरा को मापूँ मैं,करी कामना…
मैं और गणित प्रसन्नता में मैंने स्वयं को जोड़ा,अवसाद में स्वयं को घटाया,मद में स्वयं को गुणित किया,घोर निराशा में स्वयं को विभाजित किया, और आश्चर्य से पाया किइन सारे…
छोटी छोटी बातें छोटी छोटी बातों में, कितना सुख समाया है !उनकी वो मुस्कुराहट, उनके आने की आहट,छोटी सी पाती में किसका सन्देसा आया है ?छोटी छोटी बातों में…. नन्हे…
माँ माँ बनकर ही मैंने जाना,क्या होता है माँ का प्यार।जिस माँ ने अनजाने ही,दे दिया मुझे सारा संसार॥ गरमी से कुम्हलाये मुखपर भी जो जाती थी वार।शीत भरी ठंडी…
मेरे जीवन का कैनवास मेरे जीवन के कैनवास पर तुमने जो चित्र अंकित किया हैउसमें समय-समय पर कई-कई रंग बिखरते गए हैं एक दीर्घ समय तक का हमारा साथ,और उस…
आकांक्षा थक चले हैं पाँव, बाहें माँगती हैं अब सहारा।चहुँ दिशि जब देखती हूँ, काम बिखरा बहुत सारा॥ स्वप्नदर्शी मन मेरा, चाहता छू ले गगन को,मन की गति में वेग…
बीते ऐसे दिन बीते ऐसे दिन बहुतेरे।बीते दिन बीती रातों में,सुधियों के बढ़ते से घेरे।बीते ऐसे दिन बहुतेरे॥ बचपन के सुन्दर सपनों मेंछिपा हुआ सुखमय संसार।सहजप्राप्य अभिलाषाओं मेंभरा हुआ सुख-चैन…
बँधे-बँधे लोग खुला आकाश,दूर-दूर तक फैली धरती,स्वच्छंद समीरणऔर बँधे-बँधे लोग। भले-बुरे विभिन्न कार्य-कलाप करते हुये,अपने-अपने अहम् के सूत्र से बँधे लोग।अपने से सशक्त देखा,उनकी परिधियों सेस्वयं को भी बाँधने लगे…
मैं और मेरी कविता कभी कभी मुझे ऐसा होता है प्रतीत,कि मेरी कविताओं का भीबन गया है अपना व्यक्तित्व । वे मुझे बुलाती हैं,हँसाती हैं, रुलाती हैं,बहुत दिनों तक उपेक्षित…
अभिशप्त पृथ्वी को केन्द्र मानकर,चाँद उसके चारों तरफ़घूमता रहता है। और स्वयं पृथ्वी भी तोविशाल विस्तृत पृथ्वी,शस्य-श्यामला पृथ्वी,रत्नगर्भा पृथ्वी, सूर्य केचारों ओर घूमती रहती है-बाध्य सी,निरीह सी,अभिशप्त सी। फिर भी,…
समय का वरदान! बदल जाता समय-संग ही प्यार का प्रतिमान।समय का वरदान ! साथ था उनका अजाना, वह समय कितना सुहाना।एक अनजाने से पथ पर, युव पगों का संग उठना॥…
आजकल अधिकतर देशों में नारी पुरुष दोनों ही काम करते हैं। अतः उनके छोटे बच्चों के देख-रेख की समस्या भी दिनों दिन बढ़ रही है। टूटते हुए संयुक्त परिवारों ने…
स्मृति के तारों की झंकार के तीव्र स्वरों में एक स्वर अत्यन्त स्पष्टता से मुखरित हो रहा है। वह स्वर अत्यन्त पुराना तो है पर चितपरिचित भी। वह स्वर है…