एक साधारण सी औरत – (संस्मरण)
एक साधारण सी औरत -आशा बर्मन वह सचमुच एक अत्यंत साधारण सी औरत थी। लोगों की आँखों के सामने से गुजर जाए तो कोई उस पर ध्यान भी नहीं देता।…
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एक साधारण सी औरत -आशा बर्मन वह सचमुच एक अत्यंत साधारण सी औरत थी। लोगों की आँखों के सामने से गुजर जाए तो कोई उस पर ध्यान भी नहीं देता।…
जीवन की साँझ जीवन की साँझ का प्रहर,ढल चली है दोपहर।बयार मंद-मंद है,धूप भी नहीं प्रखर॥ यह समय भला-भला,नये से रंग में ढला।जीवन का नया मोड़ है,न कोई भाग दौड़…
मेरा सर्वस्व जीवन में है मिला बहुत कुछइससे कब इन्कार किया?जो भी पाया, जितना पाया,सबसे मैंने प्यार किया॥कभी नहीं चाहा मैंनेहाथ बढ़ाकर छू लूँ नभ।और धरा को मापूँ मैं,करी कामना…
मैं और गणित प्रसन्नता में मैंने स्वयं को जोड़ा,अवसाद में स्वयं को घटाया,मद में स्वयं को गुणित किया,घोर निराशा में स्वयं को विभाजित किया, और आश्चर्य से पाया किइन सारे…
छोटी छोटी बातें छोटी छोटी बातों में, कितना सुख समाया है !उनकी वो मुस्कुराहट, उनके आने की आहट,छोटी सी पाती में किसका सन्देसा आया है ?छोटी छोटी बातों में…. नन्हे…
माँ माँ बनकर ही मैंने जाना,क्या होता है माँ का प्यार।जिस माँ ने अनजाने ही,दे दिया मुझे सारा संसार॥ गरमी से कुम्हलाये मुखपर भी जो जाती थी वार।शीत भरी ठंडी…
मेरे जीवन का कैनवास मेरे जीवन के कैनवास पर तुमने जो चित्र अंकित किया हैउसमें समय-समय पर कई-कई रंग बिखरते गए हैं एक दीर्घ समय तक का हमारा साथ,और उस…
बँधे-बँधे लोग खुला आकाश,दूर-दूर तक फैली धरती,स्वच्छंद समीरणऔर बँधे-बँधे लोग। भले-बुरे विभिन्न कार्य-कलाप करते हुये,अपने-अपने अहम् के सूत्र से बँधे लोग।अपने से सशक्त देखा,उनकी परिधियों सेस्वयं को भी बाँधने लगे…
मैं और मेरी कविता कभी कभी मुझे ऐसा होता है प्रतीत,कि मेरी कविताओं का भीबन गया है अपना व्यक्तित्व । वे मुझे बुलाती हैं,हँसाती हैं, रुलाती हैं,बहुत दिनों तक उपेक्षित…
अभिशप्त पृथ्वी को केन्द्र मानकर,चाँद उसके चारों तरफ़घूमता रहता है। और स्वयं पृथ्वी भी तोविशाल विस्तृत पृथ्वी,शस्य-श्यामला पृथ्वी,रत्नगर्भा पृथ्वी, सूर्य केचारों ओर घूमती रहती है-बाध्य सी,निरीह सी,अभिशप्त सी। फिर भी,…
आकांक्षा थक चले हैं पाँव, बाहें माँगती हैं अब सहारा।चहुँ दिशि जब देखती हूँ, काम बिखरा बहुत सारा॥ स्वप्नदर्शी मन मेरा, चाहता छू ले गगन को,मन की गति में वेग…
बीते ऐसे दिन बीते ऐसे दिन बहुतेरे।बीते दिन बीती रातों में,सुधियों के बढ़ते से घेरे।बीते ऐसे दिन बहुतेरे॥ बचपन के सुन्दर सपनों मेंछिपा हुआ सुखमय संसार।सहजप्राप्य अभिलाषाओं मेंभरा हुआ सुख-चैन…
समय का वरदान! बदल जाता समय-संग ही प्यार का प्रतिमान।समय का वरदान ! साथ था उनका अजाना, वह समय कितना सुहाना।एक अनजाने से पथ पर, युव पगों का संग उठना॥…
आजकल अधिकतर देशों में नारी पुरुष दोनों ही काम करते हैं। अतः उनके छोटे बच्चों के देख-रेख की समस्या भी दिनों दिन बढ़ रही है। टूटते हुए संयुक्त परिवारों ने…
स्मृति के तारों की झंकार के तीव्र स्वरों में एक स्वर अत्यन्त स्पष्टता से मुखरित हो रहा है। वह स्वर अत्यन्त पुराना तो है पर चितपरिचित भी। वह स्वर है…
जन्म-स्थान : कोलकाता, पश्चिम बंगाल। निवास : टोरोंटो (ओंटारियो) शिक्षा : बी.ए.(हिन्दी ऑनर्स) कोलकाता; ग्रेजुएशन रायर्सन यूनिवर्सिटी (एकाउंटिंग) प्रकाशन : कही अनकही (काव्य संग्रह) २०११, ’हिन्दी संवाद’, ’हिन्दी चेतना’, साहित्यकुंज…