Category: प्रवासी साहित्य

सुबह साढ़े सात से पहले

वह साढ़े पाँच बजे से जाग रहा था। आदत है, बचपन से ही – चाह कर भी देर तक नहीं सो पाता। वह बार-बार नाईट टेबल पर पड़ी घड़ी की…

माँ

माँ की मृत्यु हुए क़रीब दो वर्ष बीत गए थे। एक दिन माँ की बहुत याद आ रही थी सोचा कि भाई-भाभी से भी मिल आऊँगी और भैया भी बीमार…

पिता जी का प्यार

पौ फटते ही चिड़ियों की चहचहाट शुरू हो गई। मेरी खिड़की के एक कोने में चिड़िया ने अपना घोंसला बना रखा था। छोटे-छोटे बच्चे चूँ-चूँ कर रहे थे। थोड़ी देर…

एक और विदाई

विमला आठ भाई बहनों में सबसे छोटी थी। माता पिता के पास धन का अभाव होने के कारण चाहते हुए भी विमला को बारह कक्षा पूरी होने के बाद पढाई…

विज्ञान और कला : एक अध्ययन

अमरीका में या कैनेडा में रहना अलग बात है और भारत में रहना अलग। इससे भला कौन न सहमत होगा। जो न होगा वो मूर्ख कहलायेगा और मूर्ख कहलाना किसी…

बेबी, खाना खा लिया?

से हाऊस वाईफ़ होती हैं, याने कि वो महिला जिसकी ज़िम्मेदारी घर सँभालना रहती है मसलन खाना बनाना, कपड़े धोना एवं घरेलू कार्य करना। वह कहीं काम पर नहीं जाती…

कड़वी निंबोली

माँ की धुँधली सी तस्वीर उसके मानस पटल पर अंकित है। साफ़-साफ़ तो नहीं याद, जब माँ गुज़री तब वो बहुत छोटा था। रात माँ के बाजू में ही दुबक…

हिन्दी प्रचारिणी सभा की आवश्यकता

जब एक भारतीय अपना देश छोड़ता है और किसी भी नये देश में जाकर एक नये वातावरण में अपना जीवन पूर्ण रूप से प्रारम्भ करता है। अपने परिजनों से दूर,…

हाइकु – रमा पूर्णिमा शर्मा

1 गुड़िया नहीं अब कोई औरत समझें सब नहीं खिलौना न ही कठपुतली आज की नारी सारे आदेश नहीं मानेगी अब जान लो तुम जागी है नारी पढ़ेगी अब बेटी…

कहत कबीर सुनो भई साधो

हिंदी के संत साहित्य में कबीर का अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है। चार प्रमुख भक्त कवियों में कबीर सबसे पहले आते हैं। भक्ति काल का समय मुहम्मद बिन तुगलक से शुरू…

ये दुनिया-वो दुनिया

वर्मा जी बहुत परेशान हैं। उनके छठे कहानी संकलन पर एक बड़ी गोष्ठी ज़ूम पर आयोजित की जा रही है और उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि वे कल…

उसका जाना

बेला हैरान थी, माँ को यूँ जार-जार रोते उसने कभी नहीं देखा था। कभी-कभी घर के कोनों में छुप कर माँ सुबक तो लेती थी पर इस तरह किसी अजनबी…

फूल और माली

कुछ दिनों में मुझे कैनेडा आए एक साल पूरा हो जाएगा, पिछले साल जनवरी में, मैं सपरिवार इंडिया में था। कैनेडा गमन होने वाला था इस लिए माँ-डैड से मिलने…

कोरोना की डायरी का पन्ना

मेरा नाम कोरोना है। मेरे इस नाम को सुनकर कुछ लोग तो यही सोचकर ख़ुशी के मारे चहकने लगे होंगे कि अब उन्हें इसी कोरोना नाम की दुनिया की मशहूर…

टैक्सी ड्राईवर का एक दिन

यूँ तो मेरा टैक्सी चलाने का समय दुपहर १२ बजे से शुरू होकर सुबह के चार बजे तक होता है, लेकिन उस दिन शहर में एकाएक बसों की हड़ताल होने…

प्रोफ़ेसर आदेश जी- एक संस्मरण

जुलाई १९९४ में हिंदी परिषद् (टोरोंटो), हिंदी लिटरेरी सोसाइटी (ओटवा) एवं अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति (यू.एस.ए.) द्वारा यॉर्क यूनिवर्सिटी (टोरोंटो) में एक अंतर्राष्ट्रीय हिंदी अधिवेशन का आयोजन बड़ी सफलता पूर्वक सम्पन्न…

स्पेस

“बड़े दुख से गुज़री हो तुम, है न? सच बड़ा कठिन समय रहा होगा”। उसे नहीं चाहिये थी सहानुभूति । “साइको थेरैपी” के लिये कई जगह जा चुकी थी वह।…

पाव भर सच

जल्दबाज़ी में यूँही, स्कूटर को आड़ा-टेड़ा खड़ा करके, तेज़ क़दमों से राकेश बढ़ा और सड़क के कोने पर छोटी सी फलों की छबड़ी लगाए लड़के से बोला, “अरे भईया, ज़रा…

मैं, श्यामली

आज सभी प्रदर्शनी की तैयारी में जुटे हुए हैं। एक कोलाहल सा मचा हुआ है। नहीं नहीं! हम कहीं बाहर प्रदर्शनी देखने नहीं जा रहे हैं, प्रदर्शनी यहीं है, हमारे…

देहरी

आज नेहा के ऑफ़िस का वार्षिक उत्सव था। उसने अपने आप को आख़िरी बार आईने में निहारा- गुलाबी बनारसी साड़ी और उसपर सोने, मोती का हार व झुमके– वह बेहद…

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