भीकाजी कामा : क्रांति की मशाल, जिसने अंग्रेजी हुकूमत को ललकारा – (ब्लॉग)
कल्पना कीजिए उस दौर की जब महिलाओं का जीवन घर की चारदीवारी तक ही सीमित था। चूल्हा-चौका, बच्चों की परवरिश और परिवार का देखभाल ही उनका काम था। ऐसे समय…
हिंदी का वैश्विक मंच
कल्पना कीजिए उस दौर की जब महिलाओं का जीवन घर की चारदीवारी तक ही सीमित था। चूल्हा-चौका, बच्चों की परवरिश और परिवार का देखभाल ही उनका काम था। ऐसे समय…
जयपुर के संस्थापक महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय की वास्तुकला, विज्ञान और कला में गहरी रुचि थी, जिन्होंने साल 1727 में जयपुर का निर्माण किया और इसे आधुनिक नगर नियोजन के…
किराये की साइकिल . .! ©डॉ महादेव एस कोलूर 🚲🚲🚲🚲🚲🚲🚲🚲🚲🚲 पहले (1970-80) हम लोग गर्मियों में किराए की छोटी साईकिल लेते थे, अधिकांस लाल रंग की होती थी जिसमें पीछे…
वाह! द्वारका एक्सप्रेस डॉ. अशोक बत्रा, गुरुग्राम वाह द्वारका एक्सप्रेस मार्ग!तेरा भी जवाब नहीं!!भारतेन्दु हरिश्चन्द्र अपने नाटक अँधेर नगरी में आज से 150 वर्ष पहले ही लिख गए थे —मानहु…
हिंदी साहित्य की धरती ऐसी कई सशक्त रचनाकारों से समृद्ध है, जिन्होंने अपनी कलम से स्त्री-मन की गहराइयों को न केवल अच्छे से पेश किया है बल्कि नारी के अंदर…
नटराज नर्मदा प्रसाद उपाध्याय आदरणीया शोभासिंह जी ने कुबेरजी के चिंतन को केंद्र में रखकर अध्ययनपरक तथा गंभीर चिंतनपरक टिप्पणी की है। उन्हें साधुवाद।उनकी विस्तृत टिप्पणी पर अपना मत मैं…
“कहां गए हिंदी के चौकीदार” ~ सुधीश पचौरी,हिंदी साहित्यकार हिंदी दिवस आता है, तो मुझे कुछ-कुछ होने लगता है। कभी गर्व महसूस करता हूं, तो कभी गर्व से अधिक शर्म।…
सेलिब्रेटी का अंधानुकरण शंभुनाथ लगता है, अंग्रेजी में लिखकर ही कोई भारतीय लेखक विश्व में सेलिब्रेटी हो सकता है और उसकी किताबों का इतना क्रेज हो सकता है कि हिंदी…
राजा जनक की सभा ओशो जनक ने एक धर्म—सभा बुलाई थी। उसमें बड़े—बड़े पंडित आए। उसमें अष्टावक्र के पिता भी गए। अष्टावक्र आठ जगह से टेढ़े थे, इसलिए तो नाम…
राधा जी डॉ. नर्मदा प्रसाद उपाध्याय इतिहास में ऐसे क्षण भी आते हैं, जब ऐतिहासिकता चाहे वह कितनी ही प्रामाणिक क्यों न हो, अनैतिहासिकता के सामने पराजित हो जाती है।…
हिन्दी, जनपदीय-भाषाएं और भारतीय-साहित्य राजेंद्र रंजन चतुर्वेदी डा रामविलास शर्मा ने हिन्दी-जनपद और हिन्दी-जाति की बात कही थी। हिन्दी-प्रदेश के सभी लोग अपने घर-परिवार में अपने-अपने अंचलों की बोली भी…
स्वतंत्रता संग्राम की याद में रामा तक्षक यह तीर्थ महातीर्थों का है,मत कहो इसे कालापानी,तुम सुनो यहाँ की धरती केकण-कण से गाथा बलिदानी। – गणेश दामोदर सावरकर कालापानी : तीर्थ…
इश्क़ मिज़ाजी से इश्क़ हक़ीक़ी तक अनीता वर्मा जिंदगी की रसीदी टिकट पर हस्ताक्षर करने वाली पंजाबी व हिंदी की लेखिका अमृता प्रीतम के जन्मदिन पर उनसे जुड़ी पुरानी यादें…
श्री गणेश चतुर्थी: विघ्नहर्ता की आराधना और एक प्रसिद्ध आरती की कहानी ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर महाराष्ट्र यह पावन पर्व हर वर्ष भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को…
गणेश भगवान नर्मदा प्रसाद उपाध्याय आस्था,आराध्य में परिणत होकर हमारा सौभाग्य हो जाती है और यह तब होता है जब पत्थर या मिट्टी में उसकी प्रतिष्ठा हो। हम इस प्रतिष्ठित…
‘बहुत पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं, तुझे ऐ जिंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं’, ये अल्फाज हैं, उर्दू के महानतम शायरों में से एक फिराक…
भारतीय संस्कृति और संस्कृत साहित्य के क्षेत्र में एक युगपुरुष के रूप में विख्यात डॉ. कपिलदेव द्विवेदी का योगदान आज भी प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने 75 से अधिक ग्रंथों…
श्री राधेश्याम कथावाचक का जन्म 25 नवम्बर, 1890 को संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध में बरेली शहर के बिहारीपुर मोहल्ले में हुआ था। वे एक हिंदी साहित्यकार थे। पारसी रंगमंच…
बनीठनी: प्रेमकला से चित्रकला नर्मदा प्रसाद उपाध्याय देखना और है, लेकिन देखते रह जाना कुछ और। बनीठनी या बणीठणी की तस्वीर जब सबसे पहले देखी तो उसे देखा नहीं, बल्कि…
अंतरिक्ष में नौ महीने बिताने के बाद अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स द्वारा पत्रकारों से किया गया वक्तव्य इस समय पूरे विश्व में चर्चा का विषय बना हुआ है। “मुझे अंतरिक्ष…