Category: प्रवासी रचनाकार

मेरी आँखों में – (कविता)

मेरी आँखों में आज सुबह को देखना तुममेरी आँखों मेंउस सपने की तरहजो लाती है सूरज को रोज़ किसीसच की तरहदेखना वो हो जाएगा बर्फतुम्हारे प्यार की आग के सामने…

ख़्वाब – (कविता)

ख़्वाब कितनी ही चीज़ों कोतुमने जोड़ दिया हैमेरे दायरे में-फ़िलहालसोच के ढेरों ख़्वाबहथेलियों में छपाक-छपाकफिसलती जा रही है देहनस-नस मेंदरिया की तरह बदलतीजा रही है तुम्हारी मौजूदगीबहुत सारे मायनें बदल…

चाहत – (कविता)

चाहत क्या हुआ जो तुम मुझे नहीं चाहतेमेरा प्यारहो यासमुद्र की अथाह गहराईन तुम उसे भाँप सकेन इसे नाप सकेफिर भी तुम आया करोक्योंकितुम्हारा आना जैसेपतझड़ के मौसम मेंबहार का…

अकेली – (कविता)

अकेली तुम खुद हीअपनी दुनिया सेमेरी दुनिया में आए थेमैंने तुम्हें स्वीकारा थाअन्तरमन से चाहा थातुम्हारे दिखाये सपनों केइन्द्रधनुषी झूले से झूली थीतुमने दिखाई थी बहारेंलिपट गयी थी गुलाबों से…

माँ नहीं रही – (कविता)

माँ नहीं रही माँ तो गईअब मकान भी पिता कोअचरज से देखता हैमानो संग्रहालय होने से डरता हैउसने खंडहरों में तब्दील होतेमुहल्ले के कई मकानों को देखा है माँ तो…

युद्ध – (कविता)

युद्ध जब वो कहते हैंजब तुम भी कहते होकि मैं गलत हूँतो मैं मान भी लेती हूँकि मैं गलत हूँलेकिन उनके कहने मेंऔर तुम्हारे कहने मेंजो अंतर हैउस अन्तर के…

धूप की मछलियाँ – (कविता)

धूप की मछलियाँ बनारस के घाटों परनयी करवटें बदलती ज़िंदगीअंतिम यात्राएक बुलबुला फटता हैजिसमे जीवन कैद था।बस यह तो बाहरी छिलका था जो गिर गयाबाहरी सतह टूट गयीअंदर की तो…

अध्यात्म की अनुभूति – (कविता)

अध्यात्म की अनुभूति आत्मा और परमात्मा सेसंबंधित शाश्वत ज्ञानईश्वरीय आनंद की अनुभूतिस्वयं के अस्तित्व के साथ जोड़नामार्ग है अध्यात्म काऔर अनुगमन है अध्यात्म विद्याभौतिकता से परे जीवन का अनुभवसूक्ष्म विवेचन…

तुम – (कविता)

तुम मैं शब्द बुनती रहीतुम अर्थ उघेड़ते रहेपूरा न हो पाया रिश्तों का स्वेटरतुम ऐसे क्यो हो?मैं रेत पर घर बनाती रहीतुम लहरें बुलाते रहेबन न पाया प्यार का घरतुम…

फूलों से कह दो अपना नाम…ख़त रख लें – (कविता)

फूलों से कह दो अपना नाम…ख़त रख लें फूलों से कह दो अपना नाम…ख़त रख लेंफिर किसी भी सूरत में ये मुरझाएंगे नहींजितना पुराने होंगे …और ज्यादा महकेंगेफूलों से कह…

ख़ामोशी कभी न छटने वाली उस धुंध की तरह है … – (कविता)

ख़ामोशी कभी न छटने वाली उस धुंध की तरह है … ख़ामोशी कभी न छटने वाली उस धुंध की तरह है …जिसमे किसी के चेहरे की कुछ परतें …दिखाईं देती…

बारिश का ख़त – (कविता)

बारिश का ख़त बारिश को बाँध कर रोशनाई की जगहभर लिया था दवात मेंबस वही ख़ततुम्हारी खिड़की परकोहरे से लिखा है मैंनेउसे धीरे सेआफताब के सामने खोल करबूँद बूँद पढ़…

सब कृष्ण संग खेले फाग – (कविता)

सब कृष्ण संग खेले फाग नभ धरा दामिनी नर नारी रास रंग रागभाव विभोर हो सब कृष्ण संग खेले फागसूर्य किरण ‘सलोने’ से छन करभूमि पर करे सुन्दर अल्पनाबृज धरा…

साँवरी घटाएँ पहन कर जब भी आते हैं गिरधर – (कविता)

साँवरी घटाएँ पहन कर जब भी आते हैं गिरधर साँवरी घटाएँ पहन कर जब भी आते हैं गिरधरतो श्याम बन जाते हैंबांसुरी अधरों का स्पर्श पाने को व्याकुल हैवो खुद…

वो दिया – (कविता)

वो दिया वो दियाजो जल कर रौशन करता हैतेल भी जलता है इसका बाती भीऔर इसकी ऊपरी और भीतरी सतह भीदिवाली की रात जब सितारेइसकी लौ से अपनी चमक आँकते…

कैकयी तुम कुमाता नहीं हो – (कविता)

कैकयी तुम कुमाता नहीं हो अध्यात्म की ओर बढ़ो राजन, मोह का त्याग करोइन वचनों के साथ मुनिराज विश्वामित्र काअयोध्या से प्रस्थान हुआराजा दशरथ को आज समय बीतने का ज्ञान…

उस क्षितिज से आवाज़ दो हमें कृष्ण – (कविता)

उस क्षितिज से आवाज़ दो हमें कृष्ण उस क्षितिज से आवाज़ दो हमें कृष्णजहाँ दिन और रात ढलते नहींविलय होते होंआकाश में उस सूर्य की तरह उदित होजिसकी ऊष्मा धरा…

नहीं भूली हूँ – (कविता)

नहीं भूली हूँ नहीं भूली हूँ मैं आज तकअपने बचपन का वो पहला मकानपिताजी का बनाया वो छोटा मकानकुछ ऋण ऑफिस सेबाकी गहने माँ के काम आएमेरे लिए वो ताजमहल…

शब्द और स्वर की बातचीत – (कविता)

शब्द और स्वर की बातचीत शब्द ने स्वर सेअवतरित होने का रहस्य पूछातो स्वर ने कहासृष्टिशब्दों की गुफाएँमैं तपस्वीमैं बारिश की बंद से आयाशब्दों से लिपटबादलों से टपकाबिजली में कड़काहृदय…

अनिता कपूर

अनिता कपूर डॉ. अनिता कपूर जन्म : भारत (रिवाड़ी) शिक्षा : एम .ए.(हिंदी एवं अँग्रेजी), पी-एच.डी (अँग्रेजी), सितार, कथ्थक नृत्य, जर्मन भाषा और पत्रकारिता में डिप्लोमा। व्यवसाय: “बे-एरिया इमिग्रेशन एवं…

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