अस्तित्व
“हाय दीदी!” चहकती हुयी निनी लिसा के कन्धों पर झूल गयी। “बहुत खराब हैं दीदी आप। कितना वेट कराया। नहीं आना था तो पहले ही बता देतीं। सारे लोग आप…
हिंदी का वैश्विक मंच
“हाय दीदी!” चहकती हुयी निनी लिसा के कन्धों पर झूल गयी। “बहुत खराब हैं दीदी आप। कितना वेट कराया। नहीं आना था तो पहले ही बता देतीं। सारे लोग आप…
डॉक्टर अशोक अपने शयनकक्ष की बालकनी में दोलन कुर्सी पर गुमसुम बैठे हुए हैं। डॉक्टर अशोक ने ज़िंदगी में कभी भी अपने आपको इतना निरीह और नि:सहाय महसूस नहीं किया।…
आज बहुत दिनों बाद आभा अचानक पोर्ट ऑफ स्पेन के इंडियन ग्रोसरी स्टोर में मीना से टकरा गई। दोनों ही एक-दूसरे को देखकर चौंक गई। दोनों ने एक-दूसरे को ज़ोर…
१ ।। ज़िंदगी और मौत में एक क्षण का अंतराल होता है जैसे कि एक पानी का बुलबुला जिसके ऊपर सूर्य की किरण पड़ने से सतरंगी इन्द्रधनुष दिखाई दे रहा…
सावधान मेरे मित्रों मेरे भारतवासियों अभी भी समय है संभल जाओ समय रहते नहीं तो अगले पचास-सौ सालों में हिन्दी वैसे ही डूब जायेगी भारत में, जैसे डूबी ट्रिनिडाड में।…
वक़्त इंसान को बहुत कुछ सिखा देता है वक़्त इंसान से बहुत कुछ करा देता है! कभी उसे देवता तो कभी हैवान बना देता है कभी उसे यश तो कभी…
हिंदी भाषा के कुछ प्रामाणिक शब्दकोश यहाँ लिंक के रूप मे दिया गया है| ये सभी शब्दकोश हमें साभार प्राप्त हुये हैं| https://dsal.uchicago.edu/dictionaries/dasa-hindi https://www.hindwidictionary.com/?gad_source=1&gclid=Cj0KCQjwv7O0BhDwARIsAC0sjWO0Q4HJgk2E_2wx32VOn-X-XxE_mLPmj48VgdFdTHAeysAWHlyUahsaAvnaEALw_wcB
Prabodh_Kit1 Prabodh_Kit2 Prabodh_Kit3 Prabodh_Kit4 Prabodh_Kit5 Prabodh_Kit6 Prabodh_Kit7 Prabodh_Kit8
प्रवासी भारतीय, हिंदुस्तान से बाहर क्यों हैं? बार बार मन से यह सवाल करती हूँ, जवाब का इंतजार करती हूँ, पर अनुत्तरित रह जाती हूँ। क्या वे पैसे की खातिर…
जन्म : 25 अक्तूबर 1960, झाँसी, उत्तर प्रदेश, भारत में। कार्यक्षेत्र : पूर्व कर्मचारी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, झाँसी। हिंदी में कविताएँ ,लेख ,कहानी एवं लघुकथाएँ लिखने में रुचि। पश्चिम…
फूफा जी छोटा कद के, श्यामल छवि के, हल्के डील-डौल के, अधेड़ उम्र के व्यक्ति के रूप में बचपन की यादों में अंकित हैं। सिर और मूंछों के डाई किए…
https://docs.google.com/document/d/1cFoDD0iigIBPZJYAdasAtqt89w_-PDqIvPP6ufSpR0Q/edit?usp=sharing रोहन: आओ खेलने चलें। समीर: कहां? रोहन: पास ही खेल का बड़ा मैदान है। समीर: चलो। रोहन: बच्चे खेल रहे हैं। समीर: यहां कितने झूले भी हैं। रोहन: मेरे…
कुछ साधारण बाल कथाओं का रोचक वीडियो प्रस्तुतिकरण छात्रों को वाक्य विन्यास सिखाने हेतु बेहद उपयोगी है। इन्हें प्रभावशाली तरीक़े से वाक्य बोलने हेतु प्रयोग में लाया जा सकता है।…
भारतीय संस्कृति से जोड़ने हेतु भारतीय मूल की कहानियाँ एक श्रेष्ठ उपाय है। इसे प्रस्तुत करते हुए छात्र की मातृभाषा में अनुवाद करते जाने से उसके शब्दकोष में वृद्धि होगी।
किसी भी नयी भाषा को बोलना सीखते हुए, उस भाषा को बोलने में सहजता लाने के लिए ये छोटी अवधि की बाल कविताएँ अत्यंत सहायक तथा रोचक हैं।
सूरज कहता धन्य दीप तुम, धन्य तुम्हारा त्याग से नाता जब मैं चलकर थक हूं जाता, दीप तब अपना तन पिघलाता बना तेल बाती की सेना, चल पड़ते हो तान…
छोटी उम्र के बच्चे विशेष तौर पर इन वर्णमाला गीतों से प्रेरित होते हैं और इन्हें गुनगुनाते हुए शीघ्र हिंदी वर्णमाला से परिचित हो जाते हैं। एक एक भाग अलग…