मुकम्मल इश्क की अधूरी दास्तान: एक सम्यक़ विवेचन – (पुस्तक समीक्षा)
मुकम्मल इश्क की अधूरी दास्तान दिनेश कुमार माली, तालचेर, ओड़िशा आज शाम यानि 10.11.2025 को जब मैं युवा लेखक दिनेश कुशवाहा की ‘मुकम्मल इश्क़ की अधूरी दास्तान’ उपन्यास पर आलोचनात्मक…
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मुकम्मल इश्क की अधूरी दास्तान दिनेश कुमार माली, तालचेर, ओड़िशा आज शाम यानि 10.11.2025 को जब मैं युवा लेखक दिनेश कुशवाहा की ‘मुकम्मल इश्क़ की अधूरी दास्तान’ उपन्यास पर आलोचनात्मक…
नई केंद्रीय कार्यकारिणी का गठन, धर्मांतरण और OTT सामग्री के विरुद्ध प्रस्ताव पारित; रीवा की विंध्य भूमि पर हुआ साहित्य का महाकुंभ अखिल भारतीय साहित्य परिषद का तीन दिवसीय 17वां…
डॉ. मंजु गुप्ता ***** फूल की ज़िद बाल हठराज हठत्रिया हठसारे संसार में प्रसिद्ध हैंपर फूल की ज़िद की अभी तक अनदेखी हैइस ओर किसी की दृष्टि ही नहीं गईहमने…
‘लेखक गाँव’ देहरादून में ‘स्पर्श हिमालय-२०२५’ महोत्सव में ५.११.२०२५ को ‘कथेतर साहित्य : विचार और यथार्थ’ सत्र के कुछ दृश्य :
आमंत्रण विश्व रंग फाउंडेशन, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय एवं मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा ‘विश्व रंग 2025 आरंभ मुंबई’ का आयोजन 13 एवं 14 नवंबर 2025 को ‘ग्रीन टेक्नोलॉजी सभागार, मुंबई विश्वविद्यालय, कलीना…
डॉ॰ अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश 🪷 भानु नित्य भोर में 🪷 भानु नित्य भोर में रश्मियाँ प्रसारता।भृंग बाग में सदा धुन मधुर सँवारता॥पेड़ नित्य झूमते बाँह नित पसारते।पुष्प…
डॉ॰ अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन’, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश 🌸 सत्कर्म के डगर पर 🌸 (दिग्पाल/ मृदुगति छंद) सत्कर्म के डगर पर, सुविचार हो हमारा।सद्भाव सत्य संबल, सन्मार्ग हो सहारा॥मधुरिम सदैव वाणी,…
‘ऐसे-ऐसे लोग’ रवींद्र कात्यायन श्रीमद्भगवद्गीता में कहा गया है- ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन’। यह है निष्काम कर्म का उपदेश जो गीता हमें सिखाती है। मनुष्य अपने कर्मों का फल प्राप्त…
जर्मनी से डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना (अंतरराष्ट्रीय प्रवासी संयोजक, लेखक गांव) का लेखक गांव में अविस्मरणीय अनुभव कुछ पल, कुछ स्थल और व्यक्तित्व अविस्मरणीय होते है। ये वो पल है,…
वैश्विक हिंदी परिवार द्वारा हिंदीतर प्रदेशों के युवाओं के लिए आयोजित ऑनलाइन हिंदी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान पुणे, 10 नवंबर 2025 बार-बार हिंदी के खतरे की बात हो…
9 नवंबर, 2025 रविवार को कीर्ति मोंटेसरी स्कूल, गुरुग्राम में भाषा संस्कार की पहली बैठक में पधारे प्रमुख भाषाविद और हिंदी अध्यापक – प्राध्यापक। दिल्ली से पधारे श्री वरुण कुमार,…
आह से ही तो उपजा था पहला गान स्वरांगी साने आषाढ़ के किसी दिन बादल बरसे पर हुआ कुछ ऐसा कि वाह न निकली और मुँह से आह निकल गई!…
4 नवंबर 2025, लेखक गाँव, देहरादून में आयोजित स्पर्श हिमालय महोत्सव 2025 के दूसरे दिन 5:30 सायं, मुख्य पंडाल में ‘वैश्विक परिदृश्य में हिन्दी’ पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।…
4 नवंबर 2025, लेखक गाँव, देहरादून में आयोजित स्पर्श हिमालय महोत्सव 2025 के दूसरे दिन 4:00 अपराह्न सायं, स्थानः प्रेक्षागृह में ‘हिन्दी कविताः स्वर संवेदना एवं भावाभिव्यक्ति’ सत्र में काव्य…
5 नवंबर 2025, लेखक गाँव, देहरादून में आयोजित स्पर्श हिमालय महोत्सव 2025 के समापन समारोह में उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री Pushkar Singh Dhami जी की उपस्थिति रही। मुख्यमंत्री पुष्कर…
जर्मनी से डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना के संयोजन, चीन से डॉ विवेकमणि त्रिपाठी के संचालन, हिमालय विरासत ट्रस्ट की संरक्षक आशना कंडियाल एवं सृजनी ग्लोबल (यूरोप) के संयुक्त तत्वावधान में…
1900 के शुरुआती दशक में भारत के अंदर आजादी के लिए ज्वाला और तेजी से धधकी रही थी। कुछ समूहों ने ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने के लिए क्रांतिकारी हिंसा…
01 नवंबर 2025, रवीन्द्र भवन सभागार, मंडी हाउस, नई दिल्ली में विदुषी कहानीकार निधि अग्रवाल के कहानी संग्रह “प्रेम एक पालतू बिल्ली” पर चर्चा रखी गई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता…
संजीव कुमार के जीवन का आखिरी दिन 06 नवंबर 1985 को संजीव कुमार की मृत्यु हुई थी। “उन्होंने मुझसे ‘राही’ की डबिंग कंप्लीट करने को कहा। मैं तैयार नहीं था।…