बनीठनी: प्रेमकला से चित्रकला – (ब्लॉग)
बनीठनी: प्रेमकला से चित्रकला नर्मदा प्रसाद उपाध्याय देखना और है, लेकिन देखते रह जाना कुछ और। बनीठनी या बणीठणी की तस्वीर जब सबसे पहले देखी तो उसे देखा नहीं, बल्कि…
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बनीठनी: प्रेमकला से चित्रकला नर्मदा प्रसाद उपाध्याय देखना और है, लेकिन देखते रह जाना कुछ और। बनीठनी या बणीठणी की तस्वीर जब सबसे पहले देखी तो उसे देखा नहीं, बल्कि…
अंतरिक्ष में नौ महीने बिताने के बाद अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स द्वारा पत्रकारों से किया गया वक्तव्य इस समय पूरे विश्व में चर्चा का विषय बना हुआ है। “मुझे अंतरिक्ष…
गणेश चतुर्थी विशेष: जर्मनी में बप्पा : उमंग उत्साह और इतिहास डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना गणेश चतुर्थी भारत का एक प्रमुख त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप…
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)। कोंकणी साहित्य के प्रमुख स्तंभों की चर्चा हो और रवींद्र केलकर का नाम न आए, यह असंभव-सा है। रवींद्र केलकर ही थे, जिन्होंने कोंकणी भाषा…
श्री कृष्ण की विश्व में प्रासंगिकता डॉ शिप्रा शिल्पी कान्हा संस्कार है, आचार है, व्यवहार है। अन्याय का प्रतिकार है और प्रेम का व्यवहार है। कर्म का सिद्धांत है, जीवन…
आज के दौर में लोग अपने अंदर की कमी को दूर करने से ज्यादा दूसरों में कमी ढूंढने की तलाश में रहते हैं। लोगों को सोच ऐसी हो गई है…
101 वर्ष : सृजन और सादगी का अमृत पर्व अलका सिन्हा आज के दिन, हम सब सौभाग्यशाली हैं कि शताब्दी साहित्यकार डॉ. रामदरश मिश्र जी का जन्मदिन मना रहे हैं।…
14 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि में भारत ने अपनी स्वतंत्रता हासिल की डॉ अर्जुन गुप्ता ‘गुंजन‘, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। सन्…
शांतिनिकेतन में आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी डॉ. वरुण कुमार हिंदी आलोचना के शिखर पुरुषों में पंडित हजारी प्रसाद द्विवेदी आते हैं। आज १९ अगस्त को उनकी जन्म तिथि है। यों…
हिंदी साहित्य और भारतीय संस्कृति का इतिहास जब भी लिखा जाएगा, उसमें हजारी प्रसाद द्विवेदी का नाम भी स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा। 19 अगस्त को जन्मे हजारी प्रसाद द्विवेदी…
आत्मिक आनंद का उत्सव : जन्माष्टमी डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना, कोलोन, जर्मनी जन्माष्टमी मात्र एक धार्मिक उत्सव के रूप में ही नहीं वरन अधिकांशतः एक आत्मिक उत्सव के रूप में…
सद्भावों की संकल्पना- रक्षाबंधन – नीलू शेखावत रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति का अद्भुत पर्व है। अपने सुहृद इष्ट मित्रों की रक्षा-सुरक्षा का भाव इसमें भरा हुआ है। अनिष्ट से रक्षा की…
सीमा- प्रहरियों की कलाइयों पर बंधे रेशमी धागे – अलका सिन्हा सावन की रिमझिमी फुहार में जब बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र के गीत गाती रेशमी धागों की मोहक…
ऐया या वैया डॉ. अशोक बत्रा, गुरुग्राम कल शाम एक हिंदी अध्यापिका ने व्हाट्सएप करके मुझसे पूछ लिया कि गवैया शब्द में प्रत्यय ऐया है या वैया। एक बार तो…
हिंदी भाषा: सिर्फ एक भाषा नहीं, विज्ञान का एक साथी भी! नंदिता सायम, अमेरिका हिंदी एक माँ के जैसी है, जो अपने सभी बच्चों को प्रेम और ममता से गले…
भारतीय आर्ष विचार पश्चिमी संस्कृतियों में घर कर रहे हैं डा० सुरेन्द्र गंभीर, यूनिवर्सिटि ऑफ़ पेन्सिल्वेनिया (सेवा-निवृत्त) वर्ष 2010 में एन्ड्रयू हारवी नामक एक प्रसिद्ध अमरीकी विद्वान लेखक ने लिखा…
हिन्दी शिक्षण की मार्गदर्शिका डॉ. सुरेन्द्र गंभीर, यूनिवर्सिटि ऑफ़ पेन्सिल्वेनिया मातृभाषा हो या परभाषा – उसके अधिग्रहण की चार विधाएं होती हैं – बोलना, दूसरों की बात समझना, पढ़ना, लिखना।…
राष्ट्रपति भवन में कला उत्सव डॉ सच्चिदानंद जोशी माननीय राष्ट्रपति जी भेंट होना हमेशा ही अत्यंत सुखद रहता है। उनकी सादगी और सहजता बहुत कुछ सिखा देती है। साथ ही…
‘न्यू नॉर्मल’ का अर्थ (लोकसभा में प्रयुक्त) ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर महाराष्ट्र आज (29 जुलाई, 2025) लोकसभा सत्र में, “न्यू नॉर्मल” शब्द का व्यापक रूप से उपयोग किया गया, खासकर…
प्रेम जन्मेजय के कलम से : -प्रेम जन्मेजय मित्रो! पिछले डेढ़ महीने से मेरा ओढ़ना- बिछौना बना ‘व्यंग्य यात्रा’ का 148 पृष्ठीय जुलाई- सितंबर 2025 अंक प्रेस में चला गया…