Category: रेखा राजवंशी

ऑस्ट्रेलिया में हिंदी साहित्य – (लेख)

ऑस्ट्रेलिया में हिंदी साहित्य -रेखा राजवंशी कहा जाता है साहित्य समाज का दर्पण है। ऑस्ट्रेलिया में हिंदी साहित्य का इतिहास अधिक पुराना नहीं है। लगभग चालीस वर्ष पहले हिंदी भाषी…

ऑस्ट्रेलिया में हिंदी शिक्षण – (लेख)

ऑस्ट्रेलिया में हिंदी शिक्षण -रेखा राजवंशी ऑस्ट्रेलिया भी भारत की ही तरह एक बहु-सांस्कृतिक देश है, जहाँ अनेक देशों के लोग आकर बस गए हैं। यहाँ के खान-पान, रंग, रूप,…

चंदा मामा दूर के – (कहानी)

चंदा मामा दूर के -रेखा राजवंशी आज मेरा जन्मदिन है। बर्थडे नहीं बल्कि वह दिन, जिस दिन मैं अपनी माँ की कोख से जन्म लूंगा। माँ और पापा बहुत खुश…

तलाश – (कहानी)

तलाश -रेखा राजवंशी मेरा नाम नेटा है, किसने रखा, शायद मेरे माता पिता ने रखा होगा। या शायद बाद में मेरे इंस्टीट्यूशन ने रखा हो। पर इससे क्या फर्क पड़ता…

पागलपन – (ग़ज़ल)

पागलपन ऐसा भी मौसम होता है नैन हँसें और मन रोता है यादो की रिमझिम होती है आँखो में सावन होता है अपने गुलशन के ख़ारो से बँधा हुआ दामन…

ख़लिश – (ग़ज़ल)

ख़लिश इक ख़लिश सी हुई मेरे दिल मेंकोई डूबा है आके साहिल में शख़्स वो उठ गया अचानक सेजान डाली था जिसने महफ़िल में रस्ते साफ़ थे, सफ़र आसाँख़ार लेकिन…

ढलती शाम – (ग़ज़ल)

ढलती शाम धीरे-धीरे घर में आई ढलती शाम कितनी भूली बातें लाई ढलती शाम पैरो की आहट आई तो मुझे लगा तुम्हें ढूँढ कर वापस लाई ढलती शाम फिर से…

अन्जान – (ग़ज़लें)

अन्जान उम्र भर घर में रहा, अपनों से अन्जान रहा शख़्स दीवाना था, दुनिया से परेशान रहा कुछ ख़रीदार जो आते रहे, जाते भी रहे ख़्वाहिशें बिकती गईं और वो…

ज़ख्म पुराने – (ग़ज़लें)

ज़ख्म पुराने जाने क्यों फिर रोने का मन करता है ज़ख्म पुराने धोने का मन करता है यूँ तेरी यादों के मंज़र तारी हैं दामन आज भिगोने का मन करता…

एक फोटो भर नहीं – (कविता)

एक फोटो भर नहीं मैं कोई फोटो भर नहीं मैं मात्र चेहरा भी नहीं जिसे देखो रॉयल डॉल्टन क्रिस्टल के फ्रेम में जड़ो, सराहो रंगीन सपने सजाओ प्रेम गीत गाओ…

स्त्री मरेगी नहीं – (कविता)

स्त्री मरेगी नहीं स्त्री मरेगी नहीं अलस्सुबह खिलेगी गुलाबों की तरह महकती रहेगी मोगरे जैसी बिखरती रहेगी ज़िन्दगी के मरुथल में तुहिन कणों सी कंधे के थैले में भर कर…

बलात्कार – (कविता)

बलात्कार माँ ने कहा था तुम लड़की हो अकेले कहीं मत जाना रात बिरात देर से मत आना बात बेबात मत खिलखिलाना ज़माना खराब है किसी को कुछ मत बताना…

बिल्लौची – (कविता)

बिल्लौची लड़की अब माँ है माँ रोती हुई बच्ची को चुपाती लोरी सुनाती न सोये तो डराती ‘सो जा, नहीं सोई तो बिल्लौची आ जाएगा’ बच्ची सो जाती सुबह उठती…

मुखौटे -(कविता)

मुखौटे पढ़ी लिखी लड़की काम पर जाती है हवाई जहाज़ उड़ाती है स्पेस शिप चलाती है बिल्डिंग्स बनाती है और टीचर बनकर जीवन कैसे जियें पाठ पढ़ाती है वो इंजीनियर…

इश्तेहार – (कविता)

इश्तेहार भारत हो या ऑस्ट्रेलिया यूरोप हो या अमेरिका अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस बार – बार आता है स्त्री अधिकारों के चर्चे स्वतंत्रता के नारे और नारी – मुक्ति का युद्ध…

रेखा राजवंशी

रेखा राजवंशी शैक्षिक योग्यता: एम. ए. मनोविज्ञान, एम्. एड. एवं एम्.फ़िल. शिक्षा शास्त्र भारत, स्नातकोत्तर डिप्लोमा स्पेशल एजुकेशन मक्वारी विश्वविद्यालय सिडनी कार्यक्षेत्र: प्रकाशन: कुल मिलाकर 14 पुस्तकों का लेखन और…

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