ज़मीं खा गई आसमां कैसे कैसे – (आलेख)
ज़मीं खा गई आसमां कैसे कैसे – मीनाक्षी जोशी फिल्मी दुनिया की चकाचौंध, ग्लेमर, धन और यश की क्षणभंगुरता से कौन परिचित नहीं है? न जाने कितने सितारे रोज नए…
हिंदी का वैश्विक मंच
ज़मीं खा गई आसमां कैसे कैसे – मीनाक्षी जोशी फिल्मी दुनिया की चकाचौंध, ग्लेमर, धन और यश की क्षणभंगुरता से कौन परिचित नहीं है? न जाने कितने सितारे रोज नए…
वेनिस का सौदागर : यहूदी घृणा की जड़ें डॉ वरुण कुमार दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान नाजी सरकार द्वारा यहूदियों का नरसंहार बीसवीं सदी की हृदयविदारक घटनाओं में से एक है,…
अद्भुत भाषा संस्कृत संस्कृत में 1700 धातुएं, 70 प्रत्यय और 80 उपसर्ग हैं, इनके योग से जो शब्द बनते हैं, उनकी संख्या 27 लाख 20 हजार होती है। यदि दो…
वेदांत से वैराग्य -सुरेश पटवा आध्यात्मिक ग्रंथ उन ऊंचाइयों पर सृजित होते हैं जहाँ नाम, रूप, काल, दिग, दिशायें सब खो जाते है। साधक के भीतर खिला हुआ शून्य, ज्ञान…
तमिल रामायण ‘रामावतारम्’ : एक विवेचन (-डॉ. दंडिभोट्ला नागेश्वर राव) भारत में नैतिक मूल्यों की स्थापना में साहित्य का विशेष स्थान है। काव्य-सौंदर्य के प्रतिमानों में सामाजिक एवं सामूहिक हित…
युक्रैनी हिंदी-शिक्षण में कला-प्रेम का योगदान -डॉ. यूरी बोत्वींकिन, युक्रैन प्रत्येक देश का इतिहास कितना भी जाटिल और दुख-भरा क्यों न हो उससे राष्ट्रीय चेतना का एक गहरा जुड़ाव अवश्य…
हिन्दी साहित्य की विश्व में भारतीय संस्कृति को बढ़ाने में भूमिका -परवीन लता हमें ये जानना है कि संस्कृति का शब्दlर्थ क्या है? संस्कृति याने कि उत्तम या सुधरी हुई…
हिन्दी को बैसाखी नहीं चाहिए -हंसा दीप इन दिनों सभी को हिन्दी पठन और लेखन को लेकर एक समान चिन्ता है। भारत हो या भारत के बाहर, हर ओर एक…
सिंगापुर में हिंदी -डॉ. संध्या सिंह भारतीय डायस्पोरा का फैलाव विश्व के कई देशों में काफी बड़े स्तर पर है। यह सिर्फ फैलाव ही नहीं है बल्कि उस देश के…
थाईलैंड में भारतीय संस्कृति का प्रभाव –शिखा रस्तोगी भाषा, संस्कृति प्राण देश के,इनके रहते राष्ट्र रहेगा।भारतीय संस्कृति का जयघोष गुंजाकर,भारत मां का मान बढ़ेगा।। प्रत्येक राष्ट्र की पहचान उसकी सांस्कृतिक…
थाईलैंड में हिंदी –शिखा रस्तोगी गूंजे हिंदी विश्व में स्वप्न हो साकार, थाई देश की धरा से हिंदी की जय-जय कारहिंदी भाषा का जयघोष है सात समुंदर पार, हिंदी बने…
जोगिन्द्र सिंह कंवल : फीजी के प्रेमचंद डॉ. सुभाषिनी लता कुमार स्वर्गीय श्री जोगिन्द्र सिंह कंवल एक महान लेखक, अद्भुत व्यक्तित्व और सामान्य रूप में शिक्षा और समाज में योगदान…
कालिदास की वैज्ञानिक दृष्टि और उनका राष्ट्रीय क्षितिज – कमलाकांत त्रिपाठी याद हो कि न याद हो: कालिदास की वैज्ञानिक दृष्टि और उनका राष्ट्रीय क्षितिज पुराणमित्येव न साधु सर्वं न…