अंग्रेज अपने दुर्दांत कर्मों की माफी कब माँगेंगे? – (ब्लॉग)
स्वतंत्रता संग्राम की याद में रामा तक्षक यह तीर्थ महातीर्थों का है,मत कहो इसे कालापानी,तुम सुनो यहाँ की धरती केकण-कण से गाथा बलिदानी। – गणेश दामोदर सावरकर कालापानी : तीर्थ…
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स्वतंत्रता संग्राम की याद में रामा तक्षक यह तीर्थ महातीर्थों का है,मत कहो इसे कालापानी,तुम सुनो यहाँ की धरती केकण-कण से गाथा बलिदानी। – गणेश दामोदर सावरकर कालापानी : तीर्थ…
गणेश चतुर्थी विशेष: जर्मनी में बप्पा : उमंग उत्साह और इतिहास डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना गणेश चतुर्थी भारत का एक प्रमुख त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप…
श्री कृष्ण की विश्व में प्रासंगिकता डॉ शिप्रा शिल्पी कान्हा संस्कार है, आचार है, व्यवहार है। अन्याय का प्रतिकार है और प्रेम का व्यवहार है। कर्म का सिद्धांत है, जीवन…
पुरस्कार विजेता Anita Barar की documentary film ‘फाइंडिंग ग्रैंडपा’ का Indian Film Festival of Melbourne में World Premiere, Melbourne में 19 august 2025 को है। इससे पहले इस फिल्म को…
आत्मिक आनंद का उत्सव : जन्माष्टमी डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना, कोलोन, जर्मनी जन्माष्टमी मात्र एक धार्मिक उत्सव के रूप में ही नहीं वरन अधिकांशतः एक आत्मिक उत्सव के रूप में…
हिंदी भाषा: सिर्फ एक भाषा नहीं, विज्ञान का एक साथी भी! नंदिता सायम, अमेरिका हिंदी एक माँ के जैसी है, जो अपने सभी बच्चों को प्रेम और ममता से गले…
नंदिता सायम जन्म : रायपुर, छत्तीसगढ़। शिक्षा : रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से डिग्री। कार्य : बी एस एन एल में ५ साल नौकरी, फिर विप्रो टेक्नोलॉजी में २.५ साल। २०१४…
भारतीय आर्ष विचार पश्चिमी संस्कृतियों में घर कर रहे हैं डा० सुरेन्द्र गंभीर, यूनिवर्सिटि ऑफ़ पेन्सिल्वेनिया (सेवा-निवृत्त) वर्ष 2010 में एन्ड्रयू हारवी नामक एक प्रसिद्ध अमरीकी विद्वान लेखक ने लिखा…
डॉ. सुरेन्द्र गंभीर वरिष्ठ प्राचार्य (1973-2008) – यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेन्सिल्वेनिया अध्यक्ष भाषा-समिति – अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिन स्टडीज़ (1998-2007) विषय – सामाजिक भाषा-विज्ञान, भाषा-संरक्षण, भाषा-ह्रास, भाषा-अधिग्रहण, संस्कृत साहित्य शोध-क्षेत्र –…
हम लखनौवा है : दोस्ती नहीं यारी निभाते है डॉ शिप्रा शिल्पी, कोलोन, जर्मनी क्या फर्क पड़ता कोई आपको क्या समझता है, दोस्त वही जो आपको समझने की समझ रखता…
हिन्दी शिक्षण की मार्गदर्शिका डॉ. सुरेन्द्र गंभीर, यूनिवर्सिटि ऑफ़ पेन्सिल्वेनिया मातृभाषा हो या परभाषा – उसके अधिग्रहण की चार विधाएं होती हैं – बोलना, दूसरों की बात समझना, पढ़ना, लिखना।…
नीना पॉल को याद करते हुए -डॉ अरुणा अजितसरिया एम बी ई, ब्रिटेन नीना पॉल से मेरा परिचय मेरे घर पर तेजेंद्र शर्मा जी द्वारा आयोजित कथा यूके की कथा…
बैरंग पाती रामा तक्षक, नीदरलैंड आपका घर, मेरा घर और इससे भी आगे बढ़कर, सभी जीव जन्तुओं और जीवाश्मों, हम सबका घर है यह धरती। यह धरती भी इस अस्तित्व…
डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना यूरोप में आगरा विश्वविद्यालय के प्रो. प्रदीप श्रीधर एवं सदस्यों के साथ मिलकर करेंगी भारतीय ज्ञान परम्परा का प्रचार प्रसार 21 जुलाई, 2025 डॉ. भीमराव आंबेडकर…
सर्कस के क्लाउन की डायरी का पन्ना विजय विक्रान्त, कनाडा जैमिनी ब्रदर्स सर्कस में क्लाउन की नौकरी करते हुये मुझे बीस साल से ऊपर हो गये थे। अपनी उछल कूद…
एक डॉक्टर की डायरी का पन्ना विजय विक्रान्त, कनाडा पिछली रात पार्टी से वापस आते आते बहुत देर हो गई थी। नींद पूरी न होने के कारण अभी बिस्तर पर…
यमराज की डायरी का पन्ना – विजय विक्रान्त, कनाडा यमराज के पद पर अपनी नौकरी लगने के कुछ दिन बाद ही जब मैं ने अपने काम और ज़िम्मेवारियों के बारे…
सिंगल मदर से सुपरमदर -अर्चना पैन्यूली “हर एक कथाकार की हर रचना की कोई प्रेरणा होती है। इस पुस्तक के लिए प्रेरणादायक कौन है?” टीना ने मुझसे पूछा तो मैं…
कबूतरी, थारो कबूतर गूटर-गूटर-गू बोल्यो रे… (कितनी माँएं हैं मेरी) –अर्चना पैन्यूली गूटर गू… गूटर–गू…। वह उसे छेड़ रहा है…। इन दिनों उसकी गर्दन, सिर और छाती पर आकर्षक पंख…
क्या लिखूँ आप पर… (हिंदी के मूर्धन्य साहित्यकार डॉ. कमल किशोर गोयनका पर आधारित अर्चना पैन्यूली का संस्मरण) अर्चना पैन्यूली डॉ. कमल किशोर गोयनका के कृतित्व के संबंध में कुछ…