Month: February 2025

महाशिवरात्रि के अवसर पर कविताओं की प्रस्तुति – (दिन विशेष)

तुम शिव हो तुम शिव होतुम साध होतुम सृष्टि होहम भँवर हैंतुम समुंदर होतुम शिव हो तुम शिव होतुम गंगा होहमारा मन दियालौ जैसे मृगतृष्णातुम हवा होतुम शिव हो तुम…

शिव विरोधाभासी प्रतीकों के परे हैं – (आलेख – महाशिवरात्रि पर विशेष प्रस्तुति)

शिव विरोधाभासी प्रतीकों के परे हैं – अनिल जोशी मेरा भी पहला संपर्क शिव से रामकथा के माध्यम से आया आता है। रामकथा में हम पाते हैं कि रावण पर…

मृणाल पाण्डे – (आज जिनका जन्म दिन है_26.02)

मृणाल पाण्डे मृणाल पाण्डे का जन्म 26 फरवरी, 1946 को हुआ। वे जानी मानी हिंदी लेखिका व पत्रकार हैं। टीकमगढ़, मध्य प्रदेश में जन्मी मृणाल पाण्डे को साहित्यानुराग विरासत में…

रुद्रावतार – (कविता – महाशिवरात्रि के अवसर पर विशेष प्रस्तुति)

रुद्रावतार भगवान भुवन-भास्कर का मुख झलका पूरब की दिशा हुई रक्तिमलहरियाँ उठीं मद्धिम-मद्धिम शिव समाधिस्थ थे, ध्यान कलश छलका भगवान भुवन-भास्कर का मुख झलका देखा__धर्म की ध्वजा है जीर्ण-शीर्ण अहसास…

उद्भ्रांत – (परिचय)

उद्भ्रांत जन्मतिथि : 4 सितम्बर, 1948 ई. नवलगढ़ (राज.) – कागजों में 6 मई, 1950 ई; कानपुर में शिक्षा-दीक्षा: वर्ष 1959 से रचनारंभ। प्रकाशित पुस्तकों की संख्या 150 से अधिक,…

मातृभाषा दिवस पर विशेष कविताएँ – (मातृभाषा दिवस)

हैरान हूँ! जो माँअपने शिशु कोअपने सिवाकिसी को छूने नहीं देती वहीं माँशिशु कोमातृभाषा छूने नहीं देती! कोई हैजो मुझे समझाए!या माँ -भाषा कोशिशु सेदूर न ले जाए। ***** –…

अशोक कुमार बत्रा – (परिचय)

डॉ. अशोक कुमार बत्रा पूर्व प्राचार्य, श्री लाल नाथ हिंदू कॉलेज रोहतक हरियाणा पता – H-1004, माइक्रोटेक ग्रीनबर्ग,सेक्टर 86, गुरुग्राम 122005 साहित्यिक लेखन पुस्तकें — * सन 57 * तेजपुंज…

महाकुंभ 2025 : आस्था को सहेजने के लिए मुझे सौ आंखें और चाहिए – (आलेख)

महाकुंभ 2025 : आस्था को सहेजने के लिए मुझे सौ आंखें और चाहिए – रामा तक्षक मेरा बहुत समय से भारतीय ज्ञान परम्परा और महाकुंभ के बारे में लिखने का…

लंदन स्थित नेहरू सेंटर में भारतीय उच्चायोग द्वारा अंतरराष्ट्रीय भाषा दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य समारोह का आयोजन – (रिपोर्ट)

लंदन स्थित नेहरू सेंटर में भारतीय उच्चायोग द्वारा अंतरराष्ट्रीय भाषा दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य समारोह का आयोजन लंदन स्थित नेहरू सेंटर में भारतीय उच्चायोग द्वारा अंतरराष्ट्रीय भाषा दिवस…

लौट चलो घर – (कविता)

लौट चलो घर साँझ हो चली, लौट चलो घर। अब न शेष है आतप रवि में,सुषमा रही न दिन की छवि में,मिला ज्योति को देश-निकाला,घनी तमिस्रा छाती भू पर॥ हर…

सरस्वती वन्दना – (कविता)

सरस्वती वन्दना मुझको नवल उत्थान दो।माँ सरस्वती! वरदान दो॥ माँ शारदे! हंसासिनी!वागीश! वीणावादिनी!मुझको अगम स्वर-ज्ञान दो॥माँ सरस्वती! वरदान दो॥ निष्काम हो मन कामना,मेरी सफल हो साधना,नव गति, नई लय तान…

नया उजाला देगी हिन्दी – (कविता)

नया उजाला देगी हिन्दी तम-जाला हर लेगी हिन्दी,नया उजाला देगी हिन्दी।विश्व-ग्राम में सबल सूत्र बन,सौख्य निराला देगी हिन्दी।द्वीप-द्वीप हर महाद्वीप में,हम हिन्दी के दीप जलाएँ। जीवन को सक्षम कर देगी,वर्तमान…

धरती कहे पुकार के – (कविता)

धरती कहे पुकार के दूर-दूर तक फैली धरती,देखो कहे पुकार के।ओ वसुधा के रहने वालों!रहो सर्वदा प्यार से॥ नाम अलग हैं देश-देश के,पर वसुन्धरा एक है,फल-फूलों के रूप अलगपर भूमि…

हरिशंकर आदेश – (परिचय)

स्व. प्रो. हरिशंकर आदेश जन्म-स्थान: भारत शिक्षा: एम.ए.(हिन्दी, संस्कृत, संगीत), बी.टी. साहित्याचार्य, साहित्यालंकार, साहित्य रत्न, विद्या वाचस्पति, संगीतविशारद, संगीताचार्य आदि । उपलब्धियाँ: त्रिनिदाद और टोबैगो सरकार का हमिंग बर्ड स्वर्ण…

मेरी काया – (कविता)

मेरी काया श्वासों के द्वार पर खड़ीमेरी कायाकाल का कासा पकड़ेमुक्ति का दान माँगती है! मेरी कायामेरा दिल चाहता है,तेरे मस्तक पर मैं कोई नया सूरजरौशन कर दूँ! तेरे पैरों…

गुमशुदा – (कहानी)

गुमशुदा बहुत सरल लगता था कभीचुम्बकीय मुस्कराहट सेमौसमों में रंग भर लेना सहज हीपलट करइठलाती हवा काहाथ थाम लेना गुनगुने शब्दों काजादू बिखेरउठते तूफ़ानों कोरोक लेना और बड़ा सरल लगता…

विराट – (कविता)

विराट वह मेरी दोस्त-रानी,अपने अस्तित्व का रहस्य समझइक दिन जब घर से निकलीतो ओस की बूँदों नेउसके पाँव धोएपर्वत की ओर जाती पगडंडी नेउसको अपनी ओर आकर्षित कियापंछि यों की…

पैग़म्बर – (कविता)

पैग़म्बर पर्वत चोटी पे खड़ा था वहबाँहें ऊपर की ओर फैलाएशान्त स्थिरगगन की ओर झाँकता . . . काले पहरनों में वहउक़ाब की तरह सज रहा . . . उसके…

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