Category: प्रवासी कहानी

  संस्कार – (कहानी)

संस्कार – रीता कौशल, ऑस्ट्रेलिया इशान फूला नहीं समा रहा था। ख़ानदान-परिवार में ही नहीं बल्कि अपनी मित्र मंडली में वह पहला व्यक्ति है जो अपनी मास्टर डिग्री करने के…

मधुमक्खी – (कहानी)

मधुमक्खी – डॉ मीनाक्षी गोयल नायर, कोबे, जापान बालकनी में लगे पौधौं पर फूल खिलने लगे हैं। छोटे छोटे तीन फूलों के गमले जो गार्गी ने कुछ उदासी दूर करने…

बदलाव की परछाई – (कहानी)

बदलाव की परछाई डॉ सुनीता शर्मा, न्यूजीलैंड रमेश, संस्कृत का अध्यापक, दिल्ली से दूर एक छोटे कस्बे के कन्या विद्यालय में नियुक्त हुआ। यह नौकरी उसकी काबिलियत का सम्मान तो…

एक दिन सुबह – (कहानी)

एक दिन सुबह अमरेन्द्र कुमार, अमेरिका अपनी नौकरी से रिटायर होने के बाद एक एकदम नये और अंजाने शहर में बसने का फैसला मेरा ही था। फैसलों में किसी की…

तिरस्कार – (कहानी)

तिरस्कार – डॉ. पद्मेश गुप्त सिमरन को भाई नहीं बहन चाहिए। ‘लड़के बहुत गंद होते है। मारपीट, उछल कूद और चीखने चिल्लाने के अलावा उनको आता ही क्या है? घर…

उसका नाम – (कहानी)

उसका नाम – आस्था नवल, वर्जीनया, यू एस ए हम अपने आस पास कितनी ही कहानियाँ बुन सकते हैं। पता नहीं कहानी बुनने की ज़रूरत होती है या कहानी पहचाननी…

अमरीका में आई.ए.एस. – (कहानी)

अमरीका में आई.ए.एस. आस्था नवल, वर्जीनया, यू एस ए बड़े शहर के पास स्थि‍त एक छोटा शहर अमरीका के छोटे शहर का एक मामूली-सा मोहल्‍ला। ऐसा मोहल्‍ला जिसमें रहने वाले…

देवी पूजन – (कहानी)

देवी पूजन – आस्था नवल, वर्जीनया, यू एस ए उत्तराखण्ड के भव्य मंदिरों में से एक मंदिर के सबसे बड़े पुरोहित जी ने अपने बेटे को अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल से…

मालिनी – (कहानी)

मालिनी – डॉ स्मिता सिंह मालिनी ने कभी एक निर्णय लिया था कि कभी भी भारत नहीं लौटेगी। आज इतने वर्ष बाद अपने देश की मिट्टी पर कदम रखते ही…

इंद्रधनुष – (कहानी)

इंद्रधनुष – डॉ स्मिता सिंह सोना और कीर्ति लक्ष्मी जी की दोनों बेटियाँ उनके जन्मदिन को एक भव्य तरीके से मनाने लिए उत्सुक थीं, बिना उन्हें कुछ बताए। इन दोनों…

राजरानी – (कहानी)

राजरानी – डॉ स्मिता सिंह रोज़ सुबह ईश्वर को नमन करते समय यह ख़याल आता की वह क्यों भाग्य विहीन हैं। कोई भी उसे सहारा देनेवाला क्यों नहीं है। रानी…

गाँव की गोरी – (कहानी)

गाँव की गोरी अनुसूया साहू फूलों से मुझे विशेष प्रेम है, और तितलियाँ भी मेरे मन को बहुत भाती हैं। जैसे वे रंग-बिरंगे पंखों के साथ आकाश में स्वच्छंद उड़ान…

 वोदका भरी आँखों वाली लड़की – (कहानी)

वोदका भरी आँखों वाली लड़की – शिखा वार्ष्णेय कुछ कुछ किसी ग्रीक लड़की सा डील- डौल था उसका। लंबा कद, भरा हुआ बदन, लंबे काले बाल, और लंबी चौड़ी सी…

वो चाचा निकल गए काये – (कहानी)

वो चाचा निकल गए काये – शिखा वार्ष्णेय शाम के चार बजे रहे थे। धूप के साथ पंछी भी लौटने लगे थे। आँगन में पड़े फोल्डिंग पलंग पर राजवंती, अपने…

एक पक्षी की डायरी – (कहानी)

एक पक्षी की डायरी -अमरेन्द्र कुमार (१) जब मेरा जन्म हुआ तो मैं अपनी प्रजाति के अन्य पक्षियों के जैसा ही दिखता था, मेरे माता-पिता ने मुझे ऐसा बतलाया और…

डायरी के पन्ने से……द रिफ्यूज़ कलेक्टर – (कहानी)

डायरी के पन्ने से……द रिफ्यूज़ कलेक्टर – उषा राजे सक्सेना मेरी अपनी सांस्कृतिक पहचान और मूल्य जो इस ब्रिटिश समाज के दबदबे में खो गए थे। आज इस इनसेट (इन-सर्विस…

मेरा अपराध – (कहानी)

मेरा अपराध – उषा राजे सक्सेना उन दिनों मेरे पिता पोर्टस्मथ में एक जहाजी बेड़े पर काम करते थे। उनकी अनुपस्थिति और अकेलेपन को न झेल पाने के कारण मेरी…

दर्द का रिश्ता… – (कहानी)

दर्द का रिश्ता… – उषा राजे सक्सेना मिहिर-मंजरी का गठबंधन न तो कोई इत्तफाक था और ना ही किसी दबाव का परिणाम। उनका विवाह माँ दयामयी, मिहिर के माता-पिता और…

विच – (कहानी)

विच शैल अग्रवाल उसका यूं इस तरह से प्रकट हो जाना पूरी तरह से आलोड़ित कर चुका था उसे। ‘तू यहां पर कैसे?… मार्स और वीनस से कब लौटी?’ जैसे…

अड़तालीस घंटे – (कहानी)

अड़तालीस घंटे – शैल अग्रवाल अँधेरा अब भी चारों तरफ पसरा पड़ा था और इक्की-दुक्की कारों के अलावा ट्रैफिक शांत ही था, वरना लंदन कब सोता है! घड़ी देखी तो…

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