विश्व हिन्दी दिवस विशेष आलेख
10 जनवरी 1974 में नागपुर में आयोजित पहले विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगाँठ को चिह्नित करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के द्वारा 10 जनवरी 2006 से एक…
हिंदी का वैश्विक मंच
10 जनवरी 1974 में नागपुर में आयोजित पहले विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगाँठ को चिह्नित करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के द्वारा 10 जनवरी 2006 से एक…
किन्हीं कम प्रसिद्ध कविवर के काव्य-संकलन को जब साहित्य के श्रेष्ठ सम्मान से पुरस्कृत किया गया तो मन में जिज्ञासा जागी कि तनिक उनकी कविताओं का आस्वादन किया जाए। हम…
घर के अहाते में क़दम रखते ही गुड्डी की नज़र बरामदे में टंगे हुए डंडों पर झूलते नए पर्दों पर गई । प्रतिदिन की तरह विद्यालय से लौटते ही वह…
मेज़ पर जमी हुई धूल को तर्जनी ऊँगली से हटाते हुए और उसे शेष उंगलियों से रगड़कर झाड़ते हुए शर्मा जी झुंझलाए और फिर ऊँचे स्वर में कामिनी को पुकारते…
(मैथिली कविता एवं उसका हिन्दी अनुवाद – आराधना झा श्रीवास्तव) ज्यों जहाज का पंछी अपने पंखों से माप देता है सागर पर संध्याकाल में लौट आता है पुन: उसी जहाज…
इस प्रवासी काया में मेरा देसी मन ये कहता है, मैं जाऊँ जहाँ, जहाँ भी रहूँ इक भारत मुझमें बसता है । बेहतर कल की आशा में हमने लाँघी देश…
समय की मार ने उधेड़ दी है घर के दीवारों की चमड़ी बुज़ुर्ग छत पर पड़ गयी हैं सिलवटें झुर्रीदार दरवाज़ों की भिंची हुई मुट्ठियाँ पड़ती जा रही हैं नरम…
आराधना झा श्रीवास्तव, सिंगापुर यूट्यूब : https://www.youtube.com/c/AradhanaShrivastavaUvach फ़ेसबुक पेज : https://www.facebook.com/aradhanakiabhivyakti.writer एक्स : https://twitter.com/AradhanaJhaShri इंस्टाग्राम : https://www.instagram.com/aradhanajhashrivastava आराधना झा श्रीवास्तव एक दशक से अधिक समयावधि से सिंगापुर में प्रवास कर…
सुहाना सुहाना लगे यह मौसम, यह रिमझिम यह सरगम यह गुंजन यादों के बीच चले जब बचपन मदहोश लहरों से सतरंगी सपने आँखों में ठहरे साँझ सबेरे धरती को चूमें…
मैं चाहे अभी मज़बूर हूँ रुग्ण हूँ पर टूटी नहीं हूँ आंचल में खुशियाँ समेटे, मैं सदा यूँ मुस्कराती रहूँगी। रावण से कैंसर को भस्म करे, वह राह चाहे है…
चाहती हूँ आज देना प्यार का उपहार जग को। मुग्ध सपनों की बगिया से, तोड़ मैं कुछ फूल लाई भावनाओं के भवन से, रस भरे वह मधु गान लाई। कंठ…
नीना ने गणेश जी की मूर्ति के सामने आरती का दिया रखा और श्रृद्धा से सिर झुकाकर प्रार्थना की। वहीं साथ ही क्राइस्ट की मूर्ति भी थी, उसके सामने भी…
“हाय दीदी!” चहकती हुयी निनी लिसा के कन्धों पर झूल गयी। “बहुत खराब हैं दीदी आप। कितना वेट कराया। नहीं आना था तो पहले ही बता देतीं। सारे लोग आप…
डॉक्टर अशोक अपने शयनकक्ष की बालकनी में दोलन कुर्सी पर गुमसुम बैठे हुए हैं। डॉक्टर अशोक ने ज़िंदगी में कभी भी अपने आपको इतना निरीह और नि:सहाय महसूस नहीं किया।…
आज बहुत दिनों बाद आभा अचानक पोर्ट ऑफ स्पेन के इंडियन ग्रोसरी स्टोर में मीना से टकरा गई। दोनों ही एक-दूसरे को देखकर चौंक गई। दोनों ने एक-दूसरे को ज़ोर…
१ ।। ज़िंदगी और मौत में एक क्षण का अंतराल होता है जैसे कि एक पानी का बुलबुला जिसके ऊपर सूर्य की किरण पड़ने से सतरंगी इन्द्रधनुष दिखाई दे रहा…
सावधान मेरे मित्रों मेरे भारतवासियों अभी भी समय है संभल जाओ समय रहते नहीं तो अगले पचास-सौ सालों में हिन्दी वैसे ही डूब जायेगी भारत में, जैसे डूबी ट्रिनिडाड में।…
वक़्त इंसान को बहुत कुछ सिखा देता है वक़्त इंसान से बहुत कुछ करा देता है! कभी उसे देवता तो कभी हैवान बना देता है कभी उसे यश तो कभी…
प्रवासी भारतीय, हिंदुस्तान से बाहर क्यों हैं? बार बार मन से यह सवाल करती हूँ, जवाब का इंतजार करती हूँ, पर अनुत्तरित रह जाती हूँ। क्या वे पैसे की खातिर…
जन्म : 25 अक्तूबर 1960, झाँसी, उत्तर प्रदेश, भारत में। कार्यक्षेत्र : पूर्व कर्मचारी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, झाँसी। हिंदी में कविताएँ ,लेख ,कहानी एवं लघुकथाएँ लिखने में रुचि। पश्चिम…