Category: कहानी

गूंगा – (कहानी)

गूंगा –शिवानी सर्जन पंड्या को दूर से देखने पर लगता, कोई अंग्रेज़ चला आ रहा है। सुर्ख़ गालों पर सुख, सन्तोष और स्वास्थ्य की चमक थी। उनके हाथ में कुछ…

जमने वाली बर्फ – (कहानी)

जमने वाली बर्फ -निखिल कौशिक लंदन से लगभग 210 मील उत्तरी पूर्व-ब्रिटेन के जिस छोटे से शहर में मैं रहता हूँ, यहाँ बहुत बर्फ तो नहीं पड़ती पर जब पड़ती…

परदेस में पतझड़ – (कहानी)

परदेस में पतझड़ –अरुणा सब्बरवाल वह भी अकेला बैठा था। बिलकुल अकेला, सिकुड़ा सा। वहीं, जहाँ वो अक्सर बैठा करता है। उसी सार्वजनिक बैंच पर। जो मॉरीसन सुपरमार्केट के राउंड…

छोटा सा शीश महल – (कहानी)

छोटा सा शीश महल -अरुणा सब्बरवाल परेशान थी वह। परेशानियों जैसी परेशानी थी। दिल में एक दर्द जमा बैठा था। पिघलता ही नहीं। आकाश से बर्फ गिरती है। दो-तीन दिन…

रोजी – (कहानी)

रोजी -अरुणा सब्बरवाल आज रोजी बड़े अनमने मन से अपना सामान बाँध रही थी, यद्यपि जोयस और जॉन ने रोजी को गोद लेने के पश्चात् उसके लालन-पालन में कोई कमी…

इंटरनेट वाला प्यार – (कहानी)

इंटरनेट वाला प्यार –सुभाषिनी कुमार कई बार ऐसा होता है कि हमारी खुशी हमारे आस पास ही होती है लेकिन वो हमें दिखती नहीं। मैं बा शहर के एक छोटे…

नाम में का रखा है! -(कहानी)

नाम में का रखा है! -खमेन्द्रा कमल कुमार चलो सुनाई तुम लोग के एक कहानी। तो सुनो! सुन्दर दिन रहा, चटक घाम निकला और मंद मंद पुरवैया चलत रहा। जब…

चलो मुलुक – (कहानी)

चलो मुलुक खमेंद्रा कमल कुमार हम भी सोचा कि ई कौन झंझट में फस गवा। दुई चार पेनी पैसा बचा है, जनाइ बुढ़ापा में यहो डूब जई। ई सब मुसीबत…

जिनकी गोद-भराई नहीं होती – (कहानी)

जिनकी गोद-भराई नहीं होती -अनिल प्रभा कुमार चाय का प्याला साथ की तिपाई पर रखते हुए, मां ने प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरा। “उठ जा बेटे, आज तो…

फिर से – (कहानी)

फिर से –अनिल प्रभा कुमार केशी पांच सीढ़ियां नीचे धंसे फ़ैमिली रूम में, आराम-कुर्सी पर अधलेटे से चुपचाप पड़े थे। व्यस्तता का दिखावा करने के लिये सीने पर किताब नन्हे…

पीपल, पुरखे और पुरानी हवेली – (कहानी)

पीपल, पुरखे और पुरानी हवेली – अलका सिन्हा चैटर्जी लेन का यह सबसे पुराना, दो तल्ला मकान होगा जिसे समय के साथ नया नहीं कराया गया। नीचे-ऊपर मिला कर लगभग…

धिनाधिन…धिन… धिनाधिन… – (कहानी)

धिनाधिन…धिन… धिनाधिन… -अलका सिन्हा हल्की बरसात के बाद मौसम सुहावना हो गया था। रास्ते में बिछे सुनहले पत्तों से आती चर्र- मर्र की आवाज अस्फुट-सी कुछ कह रही थी जो…

जन्मदिन मुबारक – (कहानी)

जन्मदिन मुबारक – अलका सिन्हा बगल के कमरे से उठती हुई दबी-दबी हंसी की आवाज उसके कमरे से टकरा रही है। ये हंसी है या चूड़ियों की खनक! पता नहीं,…

चांदनी चौक की जुबानी – (कहानी)

चांदनी चौक की जुबानी -अलका सिन्हा बहुत अच्छा गाती हैं आप!”मैंने कहा तो वान्या मुस्करा दी, ”धन्यवाद, मुझे संगीत बहुत प्रिय है।” अबकी बार मैं हंस पड़ी। विदेशी मूल का…

रिहाई – (कहानी)

रिहाई –अलका सिन्हा उम्रकैद की लंबी सजा को तेरह साल में निबटा कर आज वह अपने घर के सामने खड़ा था। टकटकी लगाए वह देर तक उस दरवाजे को घूरता…

सुन्दर बाबा की कहानी – (कहानी)

सुन्दर बाबा की कहानी हाइन्स वरनर वेस्लर सुंदरपुर नामक बिल्कुल मामूली एक गांव था। वहाँ रहते थे सुंदरलालजी। मालूम होता है कि नाम इसलिये रखा गया था क्योंकि सुंदरपुर में…

गंगासागर – (कहानी)

गंगासागर नितीन उपाध्ये आज जब से डाकिया जान्हवी दीदी की चिट्ठी दे कर गया है, सारे घर का वातावरण ही बदल गया है। अम्मा तो रसोईघर में जाकर सुबह से…

दाई मां – (कहानी)

दाई मां नितीन उपाध्ये भारत के प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जब आजादी के गुमनाम नायकों को उचित सम्मान देकर उनकी वीर गाथा आज की पीढ़ी को बताने की…

जीवन चक्र – (कहानी)

जीवन चक्र भावना कुँअर बात उन दिनों की है जब रूपा ने तीसरे बेटे को जन्म दिया। दो बेटे पहले से ही थे। दो अबॉर्शन तो पहले ही उसके ससुराल…

ख़ुद्दारी – (कहानी)

ख़ुद्दारी भावना कुँअर आज फिर शीला अपने छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर काम की तलाश में सुबह-सुबह ही निकल पड़ी। पूरा दिन बच्चों को लेकर यहाँ-वहाँ भटकती रही किंतु…

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