Category: विदेशी हिन्दी लेखन

  भारतीय प्राचीन ज्ञान-परंपरा में प्रसव पूर्व मनोविज्ञान (Prenatal Psychology) – (आलेख)

भारतीय प्राचीन ज्ञान-परंपरा में प्रसव पूर्व मनोविज्ञान (Prenatal Psychology) – यूरी बोत्वींकिन, हिंदी शिक्षक एवं भारतविद्, तरास शेव्चेंको कीव राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, यूक्रेन “ज्ञान ही शक्ति है” – मेरी मातृभाषा यूक्रेनी…

आत्मा के पत्ते – (अनुवाद)

गिओर्गी दारछिश्विली- जॉर्जियाई अभिनेता और कवि हिंदी अनुवाद : गायाने आग़ामालयान मूल कविता : गिओर्गी दारछिश्विली- जॉर्जियाई अभिनेता और कविहिंदी अनुवाद : जॉर्जियाई से गायाने आग़ामालयान *** *** *** आत्मा…

                               पिता… – (संस्मण)

पिता… – यूरी बोत्वींकिन खुले मैदान में सोवियत आर्मी के सैन्य अभ्यास चल रहे थे। नवशिक्षित जवान टैंक चलाने की परीक्षा दे रहे थे। हर परीक्षार्थी के साथ एक अनुभवी…

जॉर्जियाई कवि गीओर्गी दारचहिअश्विली की कविता का हिंदी अनुवाद – (अनुवाद)

प्यास नौकरानी की नाज़ुक उंगलियाँ नेमुझे लाल वाइन से भरा एक प्याला दिया।मैंने ध्यान से कांच के प्याला को छुआ,और मेरा दिल तेजी से धड़कने लगा,मेरी प्रिया, तुम्हारे होंठ ने…

ब्रह्मांड के पैटर्न की पच्चीकारी हम – (कविता)

ब्रह्मांड के पैटर्न की पच्चीकारी हम हम ब्रह्मांड के पैटर्न की पच्चीकारी की तरह हैंसमझ में नहीं आता जिसका अर्थ!नीले आकाश की मेहराब के नीचे हम छल्ले छोड़ते हैं,जो हमसे…

पृथ्वी के मुख पर केवल धूल हैं हम – (कविता)

पृथ्वी के मुख पर केवल धूल हैं हम पृथ्वी के मुख पर केवल धूल हैं हमएक निस्संकोच नृत्य में हिमकण-फीता हैं जैसे..हम हैं मानों पिघले बादल जो माँ के गर्भ…

खुद का सहारा – (कविता)

खुद का सहारा खुद से सहारा बनने का वादा करो.अपना जीव तिरस्कार से नहीं पर समर्थन से भर लो,अपने लिए मित्र, पिता और सलाहकार बनो,बाहर से किसी की तलाश करने…

पेड़ों को – (कविता)

पेड़ों को कुछ अकेले ही उगते हैं,और कुछ, अपनी शाखाएँ जोड़कर,एक परिवार बनाते हैंएक पतली बेल बच्ची पैदा करके. जोड़ा बनाके एक दूसरे के तने बांहों में लेते हैंऔर आपस…

और भीड़ में भी मुझे तुम्हारी थकान महसूस हो रही है… – (कहानी)

और भीड़ में भी मुझे तुम्हारी थकान महसूस हो रही है… और भीड़ में भी मुझे तुम्हारी थकान महसूस हो रही है…सिर झुककर, तुम देर रात को मेट्रो से बाहर…

जीवन मेरा पैचवर्क कम्बल – (कविता)

जीवन मेरा पैचवर्क कम्बल मैं एक पैचवर्क कम्बल सिल दूँमेरे जीवन के प्रसंगों से।यहाँ गहरा नीला है, यहाँ चमकीला बैंगनी है, और भूरा, लाल और सभी हरा है!हर टुकड़ा मुझे…

मौसा… – (संस्मरण)

मौसा… यूरी बोत्वींकिन जब मैं पैदा हुआ था मेरे पिता दूसरे शहर में थे एक सैनिक संस्था में कोर्स करते हुए, कुछ महिनों बाद ही आ पाए। अस्पताल से मेरी…

यूक्रेनी कवि वसील स्तूस का हिंदी कविता – (अनुवाद)

मूल कविता : वसील स्तूस अनुवाद : यूरी बोत्वींकिन Ярій, душе… Ярій, душе. Ярій, а не ридай.У білій стужі сонце України.А ти шукай — червону тінь калинина чорних водах —…

वसील सिमोनेंको की युक्रेनी कविता का अनुवाद (अनुवाद)

मूल कविता : वसील सिमोनेंको अनुवाद : यूरी बोत्वींकिन Ти знаєш, що ти — людина Ти знаєш, що ти — людина.Ти знаєш про це чи ні?Усмішка твоя — єдина,Мука твоя…

गीओर्गी दार्चियाश्विली की कविता का अनुवाद – (जोर्जियन से अनुवाद)

जन्मदिन (8 दिसंबर) पर विशेष मूल कविता : गीओर्गी दार्चियाश्विली अनुवाद : गायाने आग़ामालयान एस्मेराल्डा लगता है कि मैं सपने में हूंमानो मेरी आत्मा उड़ रही होवहाँ उस औरत के…

दादा… – (संस्मरण)

दादा… – यूरी बोत्वींकिन दादा रूसी थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय जर्मनों ने उनका गांव जलाकर लोगों को पश्चिम की ओर भगाया था तो उनका परिवार यूक्रेन पहुंचकर एक गांव…

सब ठीक है, माँ… – (कहानी)

सब ठीक है, माँ… -यूरी बोत्वींकिन मुझे नहीं पता मैं अच्छा बेटा हूँ या बुरा… अपनी माँ से झूठ बोलना यदि बुराई है तो बुरा ही हूँ। बहुत झूठ बोलता…

युक्रैनी हिंदी-शिक्षण में कला-प्रेम का योगदान – (आलेख)

युक्रैनी हिंदी-शिक्षण में कला-प्रेम का योगदान -डॉ. यूरी बोत्वींकिन, युक्रैन प्रत्येक देश का इतिहास कितना भी जाटिल और दुख-भरा क्यों न हो उससे राष्ट्रीय चेतना का एक गहरा जुड़ाव अवश्य…

कबीर की रचनाओं में गुरु-भक्ति – (शोध आलेख)

कबीर की रचनाओं में गुरु-भक्ति -मक्सीम अर्तयोमोव (हिंदी छात्र, द्वितीय वर्ष, तरास शेव्चेंको कीव राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, युक्रैन) भारतीय दर्शन में तथा पूरी भारतीय संस्कृति में ‘गुरु’ की अवधारणा अर्थों और…

कैसे भूला जा सकता है – (कविता)

कैसे भूला जा सकता है कैसे भूला जा सकता हैIIभारत माँ का अनोखा प्यारमाँ के बच्चे थे बड़े मिलनसारढूँढ़ता हुआ हिंदी ज्ञान का सागरज्ञान के साथ ही पाया अपारख़ुशी से…

गुरुदेश ने जो सिखाया – (संस्मरण)

गुरुदेश ने जो सिखाया -अतिला कोतलावल बारिश का मौसम था। रात भर हुई मूसलाधार बारिश के बाद प्रकृति ने कुछ विश्राम का रूप धारण किया। सारा वातावरण ठंडक की चादर…

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