लालफूल – (कहानी)
(कहानीकार – वस्येवलद गार्शिन) (रूसी भाषा से हिंदी में अनुवाद – प्रगति टिपणीस) I. – महाराजाधिराज पीटर प्रथम के आदेश पर मैं इस पागलख़ाने के मुआयने का ऐलान करता हूँ!…
हिंदी का वैश्विक मंच
(कहानीकार – वस्येवलद गार्शिन) (रूसी भाषा से हिंदी में अनुवाद – प्रगति टिपणीस) I. – महाराजाधिराज पीटर प्रथम के आदेश पर मैं इस पागलख़ाने के मुआयने का ऐलान करता हूँ!…
ख़ाकी पोशाकें और भारी फ़ौजी बूट पहने धूल से पूरी तरह लथपथ वे अपने ख़ेमों की ओर लौट रहे थे। उनके चेहरे बता रहे थे कि मन में बहुत उथल-पुथल…
प्रणव बाबू अकेले रहते थे। उनकी पत्नी का देहांत हुए दो साल हो गए थे। उनके बच्चे दुनिया के दो कोनों में रहते थे – अमरीका और ऑस्ट्रेलिया। हालाँकि भारत…
घंटी बजने पर दरवाज़ा खोला तो वहाँ पर सोनिया एक सहमी से उन्नीस-बीस साल की लड़की के साथ खड़ी थी। सोनिया को मैं जानती थी, वह मेरी एक सहेली के…
“हैलो, साजिदा…, हैलो, माफ़ कीजिएगा, आय एम साजिदाज़ टीचर…हाउ इज़ शी कीपिंग?” अगले छोर से कुछ अजीब सी फुसफुसाहट सी आई। फ़ोन पर किसी का नाम पुकारा गया, कुछ देर…
क्लास में घुस ही रही थी कि मिसेज़ चैडवेल की आवाज़ से मेरे चाबी ढूँढते हाथ अनजाने ही सहम गए। “दैट्स हाऊ वी टीच! इफ़ यू डोंट लाईक, यू मे…
शाम के सात बज चुके हैं। तुम्हें घर आए लगभग तीन घंटे से भी अधिक समय हो चुका है। हमारे बीच कोई विशेष संवाद नहीं हुआ है। वैसे जो संवाद…
-चाय पियोगी? आयशा हैरान कि यह कौन पूछ रहा! -???- उसने प्रश्न चिन्ह भेज दिए। -सॉरी! गलती से आ गया सन्देश आपके पास। 🙂 – उसने स्माइली भेज दी और…
“सिगरेट मुक्त तुम्हारी उँगलियाँ देखना मुझे ज्यादा अच्छा लगेगा लड़की”… उस शांत दोपहर सोफिया को ऐसा कहने से रोक न पाई खुद को। “या! इन्तेन्तो देखार दे फुमार। मी माद्रे…
“नीको, नीको! उठो न जल्दी!” “क्या हो गया लोली? क्यों सुबह सुबह शोर कर रही हो डिअर?”, नीकोलास ने आँख जबरन खोलते हुए हैरानी से पूछा। “यहाँ आओ न! हम…
सात क़दम -जय वर्मा “कभी हमारे भी दिन बदलेंगे। सभी लोग छुट्टियाँ मनाने दूसरे देशों में घूमने-फिरने के लिए जाते हैं और एक हम हैं कि इंडिया भी नहीं जाते!……
फिर मिलेंगे – जय वर्मा, ब्रिटेन “माँ मुझे अपना हीरे का कंगन और शादी की अँगूठी उतारकर दे दो। मैं घर जाकर आपके सेफ़ बोक्स में इन्हें रख दूँगी। वरना…
गुलमोहर – जय वर्मा, ब्रिटेन खिड़की के बाहर झाँककर कमला ने देखा कि बगीचे में सब ओर घुप अँधेरा है। ‘माली भी आजकल मनमानी करने लगा है। अपनी मर्जी से…
भीषण गर्मी के मारे सबका बुरा हाल था। आख़िर कब तक कोई घर की चारदीवारी में बन्द, पंखों और कूलरों की ओट में छुपा रहता, काम-काज के लिए बाहर तो…
टन टन टन टन। घनघनाता कानफोड़ू इमरजेंसी अलर्ट। सभी के फोन बज उठे। एक विशेष आपातकालीन संदेश फोन की स्क्रीन पर चमक रहा था- “तेज बारिश और हवाओं का मिला-जुला…
एक ही घर में दो दुनिया, एक गतिमान और दूसरी स्थिर। व्हील चेयर में धँसी कैमिला की दुनिया में पहिए चलते लेकिन वह स्थिर रहती। हेनरी खुद भी चलता और…
हल्की-फुल्की कसरत करते हुए वह रोज मिलती थी। सुबह-सवेरे खूब ताली बजाना फिर थोड़ी देर रुककर हाथ-पैर मोड़ना। शाम को पार्क में भी कभी हाथ ऊपर, कभी नीचे, कभी सीधे,…
उसकी लाश सड़क के किनारे फुटपाथ पर पड़ी मिली थी। उस लाश को पहले इन्हीं गलियों रहने वाले लोगों ने देखा था। इस इलाक़े के अधिकतर निवासी भारतीय या पाकिस्तानी…
वह साढ़े पाँच बजे से जाग रहा था। आदत है, बचपन से ही – चाह कर भी देर तक नहीं सो पाता। वह बार-बार नाईट टेबल पर पड़ी घड़ी की…
विमला आठ भाई बहनों में सबसे छोटी थी। माता पिता के पास धन का अभाव होने के कारण चाहते हुए भी विमला को बारह कक्षा पूरी होने के बाद पढाई…