Category: आलेख

केटी कोटी -गुलामी का अतीत – (आलेख)

केटी कोटी -गुलामी का अतीत – डॉ ऋतु शर्मा (नंनन पांडे), नीदरलैंड आज हम जिस यूरोप को बहुत ही सम्मानित व आधुनिकीकरण के लिए जानते हैं उस यूरोप का एक…

भाषा का मर्म – (अनुवाद)

~ आशुतोष अडोणी, (मराठी लेखक,वक्ता), नागपुर, महाराष्ट्र हिंदी अनुवाद – विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र भाषा का मर्म वेध एक एक मराठी लेखिका के बेटे के शादी का स्वागत समारोह था।…

सब सुंदर! – (आलेख)

सब सुंदर! डॉ. अशोक बत्रा, गुरुग्राम मैंने पूछा — ऋषिकेश गए थे। कैसा लगा?बोले — बहुत सुंदर! बहुत खूबसूरत!–और गंगा का किनारा?–अरे पूछो मत! बहुत सुंदर!— रास्ते की पहाड़ियाँ?— अरे…

‘राष्ट्रभाषा विचार संग्रह’ – (पुस्तक परिचय)

‘राष्ट्रभाषा विचार संग्रह‘ ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र ‘राष्ट्रभाषा विचार संग्रह‘ 🏢 प्रकाशक एवं संपादन विवरण संपादक: श्री मोहनलाल भट्ट प्रकाशक: राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, हिंदीनगर, वर्धा महाराष्ट्र प्रथम प्रकाशन वर्ष:…

ललित निबंध – (आलेख)

ललित निबंध कृति “नदी तुम बोलती क्यों हो” की भूमिका का अंश निबंध-लेखन की पुरानी और समृद्ध परम्पराओं में जब ललित निबंध आया तो उस निबंध के बारे में यही…

बापू कुटी सेवाग्राम आश्रम (गांधी आश्रम, वर्धा) में घूमते हुए… – (आलेख)

महात्मा गांधी महात्मा गांधी द्वारा स्थापित आश्रम, बापू की सोच, चिंतन की प्रयोगस्थली है, उनके जीवनदृष्टि की बुनियाद है। इतिहास का एक विद्यार्थी होने के नाते जब गांधी आश्रम (फीनिक्स-1904,…

भाषा में दबंगई – (आलेख)

भाषा में दबंगई – डॉ. अशोक बत्रा, गुरुग्राम संविधान बनाए ही इसलिए जाते हैं कि व्यवस्था और शासन नियम से चलें, न कि उठाईगिरी, दबंगई या जबरदस्ती के कब्जे-से। कब्जा…

गोपाल सिंह नेपाली – (आलेख)

गोपाल सिंह नेपाली -अलका सिन्हा हिंदी और नेपाली भाषा के सम्मानित कवि गोपाल सिंह नेपाली अपने गीतों के लिए विशेष लोकप्रिय रहे। उन्होंने फिल्मों के लिए भी गीत लिखे और…

विश्व विरासत सांची का स्तूप – (आलेख)

विश्व विरासत सांची का स्तूप – डॉ. मुन्नालाल गुप्ता मध्य भारत में सांची के स्तूप, मंदिर, विहार और स्तंभ प्राचीनतम और सबसे परिपक्व कलाओं और स्वतंत्र वास्तुकला के उदाहरणों में…

अपने बुजुर्गों को अकेला मत छोड़िए – (आलेख)

अपने बुजुर्गों को अकेला मत छोड़िए – डॉ शिप्रा शिल्पी जर्मनी में विगत एक दशक से ज्यादा समय हो गया है। यहां के जीवन मे सहज रूप मे रम भी…

अधूरी उड़ान – (आलेख)

अधूरी उड़ान – शिखा रस्तोगी, थाईलैंड चाहा था नभ को छूना, सपनों को रंग देना,पर हर मोड़ पर कहा गया — तू लड़की है, संयम से रह लेना। हर कहानी…

अमेरिका में विश्व भाषा मानक आधारित पाठ्यक्रम रचना – (आलेख)

अमेरिका में विश्व भाषा मानक आधारित पाठ्यक्रम रचना – सुषमा मल्होत्रा, सहायक व्याख्याता, क्वींस कॉलेज, न्यूयॉर्क वैश्वीकरण के इस युग में भारत की राष्ट्रीय और आधिकारिक भाषा और एशिया की…

जापान में भारतीय ज्ञान परंपरा की कुछ छवियाँ – (आलेख)

जापान में भारतीय ज्ञान परंपरा की कुछ छवियाँ डॉ वेदप्रकाश सिंह ओसाका विश्वविद्यालय, जापान जापान की संस्कृति में शिंतो और बौद्ध धर्म का अमिट प्रभाव है। शिंतो धर्म जापान में…

शरद जोशी हास्य का मर्म, व्यंग्य का धर्म और साहित्य की आत्मा थे – (आलेख)

शरद जोशी हास्य का मर्म, व्यंग्य का धर्म और साहित्य की आत्मा थे ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र “लेखक होना केवल शब्दों से खेलना नहीं होता, बल्कि समाज की नब्ज…

गणेश लेखनविद्या और ॐ – (आलेख)

गणेश लेखनविद्या और ॐ ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर महाराष्ट्र मानव सभ्यता के इतिहास में संवाद की कला ने एक विशेष स्थान बनाया है। प्राचीन काल से ही मनुष्य ने परस्पर…

दक्षिण, मध्य और पूर्व एशिया में हिंदी शिक्षण: समस्याएँ और सुझाव – (आलेख)

दक्षिण, मध्य और पूर्व एशिया में हिंदी शिक्षण: समस्याएँ और सुझाव डॉ. ज्ञान प्रकाश विजिटिंग प्रोफेसर, हांगुक यूनिवर्सिटी ऑफ़ फॉरेन स्टडीज़ (HUFS),सिओल, दक्षिण कोरिया ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना से संचालित…

दक्षिण कोरिया में “बुद्धं शरणं गच्छामि!” – (आलेख)

दक्षिण कोरिया में “बुद्धं शरणं गच्छामि!” डॉ. संजय कुमार, दक्षिण कोरिया बिहार स्थित गया (जिसका नया नामकरण गया जी किया गया है) मेरी पुश्तैनी धरती रही है। गया बौद्ध धर्म…

अंग्रेजी माध्यम : दोषी कौन – (विचार स्तंभ)

अंग्रेजी माध्यम : दोषी कौन – डॉ. अशोक बत्रा, गुरुग्राम निसंदेह नन्हे-नन्हे बच्चों से नन्हीं-सी आयु में अपनी भाषा छुड़वाकर किसी विदेशी भाषा में पढ़वाना डायलिसिस जैसा कष्टकारी है। भाषांतरण…

‘मानस’ में रामभक्त के मापदंड – (आलेख)

‘मानस’ में रामभक्त के मापदंड प्रो.आलोक गुप्त, पूर्व प्रोफेसर, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने तुलसी के सदाचार और भक्ति को अन्योन्याश्रित बताया है। वैसे तो इसमें कोई नवीनता…

पंडित दीनानाथ मंगेशकर की अंतिम यात्रा: जब संगीत मौन हो गया – (आलेख)

पंडित दीनानाथ मंगेशकर की अंतिम यात्रा : जब संगीत मौन हो गया – प्रस्तुति- विजय नगरकर अप्रैल की तपती दोपहर थी। सड़कें सुनसान थीं, जैसे खुद शहर ने भी मौन…

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