Category: विनीता तिवारी

अमेरिका में हिन्दी एवं देवनागरी लिपि – (आलेख)

अमेरिका में हिन्दी एवं देवनागरी लिपि – विनीता तिवारी, वर्जीनिया, अमेरिका विनीता तिवारी, वर्जीनिया, अमेरिका द यूनाइटेड स्टेट्स आफ़ अमेरिका, देश- दुनिया के सभी लोगों को अपनी और आकर्षित करने…

सावन – (गीत)

– विनीता तिवारी, वर्जीनिया, अमेरिका *** *** *** सावन——— सावन की रिमझिम बौछारभीग रहा मन भाव पसारटप टप बूँदों सी थिरकूँ मैंगाऊँ पी संग राग मल्हार नाचे मोर पपीहा बोलेफुदक…

बसंत ऋतु – (गीत)

– विनीता तिवारी, वर्जीनिया, अमेरिका *** *** *** बसंत ऋतु————— ऋतु बसंत की सुन किलकारीसजी धरा की क्यारी-क्यारी। लाल गुलाबी पीले रंग मेंभ्रमरों की गुनगुन ले संग मेंकलियों ने आरती…

भूल रहे सब भाईचारा – (कविता)

– विनीता तिवारी, वर्जीनिया, अमेरिका *** *** *** भूल रहे सब भाईचारा————————- हर भाषा कोदूसरी भाषा से ख़तरा हैहर इंसान यहाँतरकीबों का पिंजरा हैकैसे,किससे आगे निकलेकैसे, किसकोपीछे छोड़ेंभाषा हो याराष्ट्र,…

सपने और अपने – (कविता)

बचपन में देखे थे सपने सोचा, पूरे होंगे एक दिन लेकिन जब वो उम्र हुई कुछ करने की कर जाने की सपनों को सच बनाने की तो सलाह मिली अपनों…

एक जीवन हूँ – (कविता)

एक ख़ामोशी सी रहती है जाने मुझसे क्या कहती है सोचा करती कि कौन हूँ मैं अपने ही तन में मौन हूँ मैं क्यूँ शांत स्वरूप सी फिरती हूँ कुछ…

विनीता तिवारी की ग़ज़लें – (ग़ज़ल)

विनीता तिवारी की ग़ज़लें – विनीता तिवारी, वर्जीनिया, अमेरिका *** ** *** ** *** ग़ज़ल-1 तेरा मुझसे मुझको चुराना ग़ज़ब है।चुराना, फिर अपना बताना ग़ज़ब है। यूँ ही रात ख़्वाबों…

विदेश में देश – (संस्मरण आलेख)

विदेश में देश – विनीता तिवारी देश से बाहर निकले करीब पच्चीस साल हो गए लेकिन इन पच्चीस वर्षों में से शुरू के लगभग तेरह वर्ष ऐसे थे, जिनमें हर…

कवि और कविता – (कविता)

कवि और कविता——————— हिन्दी के कवि और कविता कीदेखो कितनी लाचारी है।बिना मानदेय छप-छप कर भीसंपादक का आभारी है। कोविड ने जब से दिखलाईराह नई अंतर्जालों कीज़ूम बराबर ज़ूम हो…

नया साल : नया गीत – (कविता)

नया साल : नया गीत———————— नये साल में गीत लिखेंकुछ नये भाव के ऐसेहर शाखा पर पत्र-पुष्प नवऋतु बसंत में जैसे ख़ुशियाँ हों हर घर आँगन मेंप्रेम प्यार हो मन…

पहुँच गए अमरीका – (कविता)

पहुँच गए अमरीका———————— बाँध गठरिया घर से निकलेपहुँच गए अमरीकानए देश के नए शहर मेंलगता था सब फीका धीरे-धीरे समय गुजरतादिखती थी चहुँओर विषमतासात समुंदर पार करे नहींकोई रोली टीका…

विनीता तिवारी की ग़ज़लें – (ग़ज़ल)

ग़ज़ल- 1. न तुम अच्छे, न मैं अच्छी, ग़लतफ़हमी में मत रहना,हुई ये बात अब नक्की, ग़लतफ़हमी में मत रहना। सितारों पर घुमाने का मुझे सपना दिखाते हो,बहुत भोले हो…

विनीता तिवारी – (परिचय)

विनीता तिवारी आप लेखन के अतिरिक्त हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत, नृत्य एवं चित्रकला में अभिरुचि रखती हैं। आप इंडिया इंटरनेशनल स्कूल, शैंटिली, वर्जीनिया में हिन्दी का अध्यापन कार्य कर रही हैं।…

Translate This Website »