Month: December 2024

गुल्लक (कविता)

गुल्लक मन में कहीं छिपे विहंगचहक उठे फिर आज। बचपन की उन यादों मेंछिपे हैं अनगिन राजउस गुल्लक के सिक्केखनक उठे फिर आज। मिट्टी की गुल्लक थीअधिक नहीं था दामएक…

कचनार – (कविता)

कचनार खेत बीच या खेत किनारेवृक्ष लगे कचनार केकोमल फूल लगे हर डालीरूप रखा संवार के। हरा वसन पहन झूमतेपात सभी और हर डालीप्रति दिन इनको पानी देताबगिया का बूढ़ा…

कनेर का वन – (कविता)

कनेर का वन कुछ दूर यहाँ से हटकरएक कनेर का वन हैजिसके सुरभित कानन मेंअलि करते कुछ गुंजन हैं l उस वन के झुरमुट मेंकुछ नन्ही परियाँ रहती हैंदिन भर…

मेरे बचपन की मस्ती – (कविता)

मेरे बचपन की मस्ती बात करें अपने बचपन की तोवह अलग तरह की मस्ती थी। घर से स्कूल को आना-जानाघर आकर होमवर्क करनाअगले दिन टीचर को दिखानावरना डांट खूब खानी…

बिन मोबाइल के दिन – (कविता)

बिन मोबाइल के दिन हमने भी करी बचपन में मस्तीकलम दवात भी थीं बड़ी सस्ती। रात में लालटेन या लैंप जलाकरहाथ से मच्छर मार-मार करतैयारी इम्तहान की करते थेवह दिन…

जी लो, जी लो – (कविता)

जी लो, जी लो यह समय धोखेबाज है। जी लो, जी लो, जी भरकेजो पास तुम्हारे आज हैकल क्या होने वाला हैउसका कुछ भी पता नहीं यह समय धोखेबाज है।…

चमेली – (कविता)

चमेली क्यारी में अम्मा ने जबपौधा एक लगायाखिलीं चमेली की कलियाँऔर फूल लगे मुसकाने। सूरज की किरनें बिखरींतो झूम उठी हर डालीघूँघट से झाँक-झाँकहर कली लगी इतराने। चाँदी जैसा गात…

शन्नो अग्रवाल – (परिचय)

शन्नो अग्रवाल जन्म : 9 दिसंबर,1947; पीलीभीत, उत्तर प्रदेश। लंदन, ब्रिटेन में लंबे समय तक रहना. वर्त्तमान में ऑस्ट्रेलिया में रह रही हैं। दो काव्य संग्रह ‘रोशनदान’ और ‘ओस’ नाम…

देवी नागरानी की ग़ज़लें – (ग़ज़ल)

देवी नागरानी की ग़ज़लें 1. ग़ज़ल घरोंदे साहिलों पर जो बने हैंवो मौजों के थपेड़ों से बहे हैं ऐ खंजर सब्र कर ले तू ज़रा-सापुराने ज़ख़्म तो अब तक हरे…

मैं भारत हूँ – (कविता)

मैं भारत हूँ मैं भारत हूँ, सिर्फ़ नाम से मत पहचानो मुझे।कभी मुग़लों ने तो कभी अंग्रेजों ने लूटा था बहुत,अडिग हूँ आज भी, तो शान से जानो मुझे। मैं…

अतुल शर्मा – (परिचय)

अतुल शर्मा मेरा नाम अतुल शर्मा है। मैं उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले से हूँ, जहाँ मेरा बचपन बीता। मैंने अपनी शिक्षा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से एम.कॉम (स्नातकोत्तर)…

वैंकटेश्वरा में विख्यात साहित्यकार डा. मधु चतुर्वेदी कृत महाकाव्य ‘देवयानी’ का भव्य लोकार्पण – (रिपोर्ट)

वैंकटेश्वरा में विख्यात साहित्यकार डा. मधु चतुर्वेदी कृत महाकाव्य ‘देवयानी’ का भव्य लोकार्पण श्री वैंकटेश्वरा विश्वविद्यालय के रवीन्द्रनाथ टैगोर आडिटोरियम में आयोजित महाकाव्य ‘देवयानी’ का लोकार्पण समारोह को भव्य आयोजन…

डॉ. पुष्पा सत्यशैल द्वारा संकलित एवं संपादित चार नवीनतम कृतियों “गीत पल्लवी चतुर्थ भाग – 1 और 2, सत्य कथा पुष्प – 3 तथा सात्विका” के लोकार्पण समारोह – (रिपोर्ट)

दिनांक 12.12.2024 को नई दिल्ली के लोदी एस्टेट के मैक्समूलर मार्ग स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के कमलादेवी काम्प्लेक्स के सेमिनार हॉल में जयसेव समिति के तत्वावधान में वरिष्ठ साहित्यकार, संगीतज्ञ,…

प्रिये, तुम्हारी आँखें बोलती हैं – (कविता)

प्रिये, तुम्हारी आँखें बोलती हैं अपनी सहधर्मिणी के साथ, दशकों से रहते हुए, अत्यंत निकट से मैंने अनुभव किया कि उसकी आँखें बोलती हैं। जो मनोदशा, भावना शब्दों से निरूपित…

नारी कौशल – (कविता)

नारी कौशल जीवन की उलट-पलट और झंझावतों के बीच, कभी-कभी मन में कई तरह के विचार उठते हैं। और जब मैं अपने आसपास की घटनाओं, विशेषकर अपने निकटम साथी को…

दर्पण और अहम् – (कविता)

दर्पण और अहम् दर्पण और अहम् कविता में द्वन्द्व है। मन के रूपक अहम और सत्य के रूपक दर्पण के बीच, कवि का मन उसका अहम् दर्पण से अपने ही…

हाँ, मेरे कई मन हैं! – (कविता)

हाँ, मेरे कई मन हैं! मन एक बहु आयमी पटल है। मेरे विचार से विश्व का अस्तित्व मात्र मन है, मन है तो विश्व है। यह आशाओं, आकांक्षाओं, संभावनाओं, प्रतिरोध,…

Translate This Website »