Category: ब्रिटेन

कृष्ण कन्हैया

कृष्ण कन्हैया डॉ. कृष्ण कन्हैया जन्म स्थान :– पटना, बिहार, भारत शिक्षा :– एम.बी .बी .एस .(आनर्स), एम. एस.(सर्जरी), एफ. आर. सी. एस.( एडिनबरा), एम. आर. सी. जी. पी. (लंडन),…

नाम – (कहानी)

प्रणव बाबू अकेले रहते थे। उनकी पत्नी का देहांत हुए दो साल हो गए थे। उनके बच्चे दुनिया के दो कोनों में रहते थे – अमरीका और ऑस्ट्रेलिया। हालाँकि भारत…

वंदना मुकेश की कविताएँ

1. बरगद पुराने बरगद में भी, इक नई चाह पैदा हुई, तब नई पौध, जड़ सहित नई जगह रोपी गई। शाखाओं का रूप बदला, चाल बदली, रंग बदला, और फिर,…

‘पुनरपि जन्मम्, पुनरपि मरणम्, पुनरपि जननी जठरे शयनम्’ – (ललित निबंध)

इस रास्ते पर सप्ताह में चार दिन जाते हुए लगभग आठ साल। रास्ता मानो रट-सा गया है। घर से निकलने पर आधे मील के बाद बाँयी तरफ मुड़ने पर एक…

बोलिए सुरीली बोलियाँ…      (ललित निबंध)        

संगीत की अनौपचारिक महफ़िल में बैठी हूँ। महफ़िल अनौपचारिक अवश्य है लेकिन महफ़िल संगीत के बड़े जानकारों की है। बड़े उस्ताद हैं तो छोटे उस्ताद भी, और निष्ठावान शागिर्द भी,…

आधी रात का चिंतन – (ललित निबंध)

‘सर’ के यहाँ घुसते ही लगा कि शायद घर पर कुछ भूल आई हूँ। लेकिन समझ में नहीं आया। अरे, आप सोच रहे होंगे, ये ‘सर’ कौन हैं? तो बताऊँ…

साजिदा नसरीन – (कहानी)                      

“हैलो, साजिदा…, हैलो, माफ़ कीजिएगा, आय एम साजिदाज़ टीचर…हाउ इज़ शी कीपिंग?” अगले छोर से कुछ अजीब सी फुसफुसाहट सी आई। फ़ोन पर किसी का नाम पुकारा गया, कुछ देर…

सरोज रानियाँ – (कहानी)

क्लास में घुस ही रही थी कि मिसेज़ चैडवेल की आवाज़ से मेरे चाबी ढूँढते हाथ अनजाने ही सहम गए। “दैट्स हाऊ वी टीच! इफ़ यू डोंट लाईक, यू मे…

मशीन – (कहानी)

शाम के सात बज चुके हैं। तुम्हें घर आए लगभग तीन घंटे से भी अधिक समय हो चुका है। हमारे बीच कोई विशेष संवाद नहीं हुआ है। वैसे जो संवाद…

वंदना मुकेश

वंदना मुकेश 1. जन्म- 12 सितंबर 1969 (पंजीकृत) भोपाल मध्यप्रदेश 2. प्रवास- 2002 से इंगलैंड में निवास। 3. पद- 4. शिक्षा- 5. लेखन एवं प्रकाशन- 6. सहलेखन- मॉम, डैड और…

जय वर्मा की कविताएँ – (कविता)

1. एक टिमटिमाता तारा तारों की छाँव में चलते-चलतेएक टिमटिमाता तारासाथ देता रहामुस्कराता हुआआँख मिचौली खेलता रहाकभी आगे की ओर दौड़ जाताकभी पीछे वह रह जाताउसका साथ मुझे अच्छा लगतावह…

सात क़दम – (कहानी)

सात क़दम -जय वर्मा “कभी हमारे भी दिन बदलेंगे। सभी लोग छुट्टियाँ मनाने दूसरे देशों में घूमने-फिरने के लिए जाते हैं और एक हम हैं कि इंडिया भी नहीं जाते!……

फिर मिलेंगे – (कहानी)

फिर मिलेंगे – जय वर्मा, ब्रिटेन “माँ मुझे अपना हीरे का कंगन और शादी की अँगूठी उतारकर दे दो। मैं घर जाकर आपके सेफ़ बोक्स में इन्हें रख दूँगी। वरना…

गुलमोहर – (कहानी)

गुलमोहर – जय वर्मा, ब्रिटेन खिड़की के बाहर झाँककर कमला ने देखा कि बगीचे में सब ओर घुप अँधेरा है। ‘माली भी आजकल मनमानी करने लगा है। अपनी मर्जी से…

जय वर्मा

जय वर्मा जन्म : जिवना, मेरठ, भारत। शिक्षा : प्राथमिक–रुद्रपुर, नैनीताल। बी. ए.–रघुनाथ गर्ल्स कॉलेज, मेरठ विश्वविद्यालय। ब्रोक्स्टो कॉलेज से बी. टेक., वित्त। नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी से एडवांस डिप्लोमा एवं…

डेड एंड (कहानी संग्रह) -लेखक : पद्मेश गुप्त

पिछली सदी में भारत से ब्रेन ड्रेन के दुष्परिणाम का सुपरिणाम विदेशों में हिन्दी का व्यापक विस्तार रहा है। विस्थापित प्रवासियों के परिवार जन भी उनके साथ विदेश गये। उनकी…

दिव्या माथुर

वातायन-यूके की संस्थापक, दिव्या माथुर एक वरिष्ठ और बहु-पुरस्कृत लेखिका, अनुवादक और इम्प्रेसरियो हैं, जिन्हें तीन दशकों में सैंकड़ों सफल और सार्थक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए भारत और ब्रिटेन…

अंतिम तीन दिन

अपने ही घर में माया चूहे सी चुपचाप घुसी और सीधे अपने शयनकक्ष में जाकर बिस्तर पर बैठ गई; स्तब्ध। जीवन में आज पहली बार मानो सोच के घोड़ों की…

प्रवासी लेखन में ‘नौसटैलजिया’

दिव्या माथुर समय तेजी से बदल रहा है, जाहिर है कि हमारे साहित्य में भी यह बदलाव, व्याकुलता और बेचैनी छलक रही है जो हिन्दी साहित्य को अपनी मौलिकता से…

लोरी – (कविता)

लोरी निंदिया बनके तेरी पलकों में छिप जाऊंतू जागे मैं जागूं, तू सोए सो जाऊंकाली रात की अलकें भारी भारीतेरी आँखें हैं कारी कजरारीभोर किरण बन आऊंतुझको चूमूं जगाऊँतू जागे…

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