Category: भौगोलिक इकाई

चंद्रयान ने खिड़की खोली – (परिचय)

चंद्रयान ने खिड़की खोली इंद्रधनुष की किरणो से चंद्रयान की हँसी ठिठोली। उड़ान का फर्राटा ऐसा,ठुमकों पर चलती हो गोलीमामा देखेंगे कठपुतलीनाचे पहनी घाघर चोलीकत्थक गरबा और भाँगड़ा, नृत्य की…

हरिहर झा – (परिचय)

हरिहर झा शिक्षा : M. Sc. (उदयपुर विश्बविद्यालय)बीएआरसी में वैज्ञानिक अधिकारी के पद पर कार्य करने के पश्चात मेलबोर्न के मौसम विभाग में। प्रकाशित कृतियाँ : ‘भीग गया मन’ ‘Agony…

ऐल सैल्वाडौर का यात्रा-संस्मरण – (यात्रा-संस्मरण)

ऐल सैल्वाडौर का यात्रा-संस्मरण – विजय विक्रान्त बात सन 1967 की है। मुझे कैनेडा में आये हुये अभी दो वर्ष ही हुये थे और मैं मॉन्ट्रेयाल इन्जिनियरिंग कम्पनी (Monenco) मॉन्ट्रेयाल…

वसील सिमोनेंको की युक्रेनी कविता का अनुवाद (अनुवाद)

मूल कविता : वसील सिमोनेंको अनुवाद : यूरी बोत्वींकिन Ти знаєш, що ти — людина Ти знаєш, що ти — людина.Ти знаєш про це чи ні?Усмішка твоя — єдина,Мука твоя…

अजनबी शहर में – (कहानी)

अजनबी शहर में – वंदना मुकेश मौसम आज फिर बेहद उदास था। सूरज देवता रजाई में ऐसे दुबके थे कि पूरा सप्ताह बीत गया…। यहाँ सुबह लगभग आठ बजे तक…

ध्वनियों का संसार – (कविता)

ध्वनियों का संसार क्या तुमने कभी विचार कियाशब्दों को कोई नाम दिया? आवाहन है तो हुंकारढोल-नगाडे की टंकार ।पीड़ा में निकले सिसकारी,आनंदित मन किलकारी। पंछी बोलें चहचह चुक-चुकभँवरे करता गुनगुन…

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में भाषा और साहित्य  – (आलेख)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में भाषा और साहित्य डॉ. वंदना मुकेश भूमिका बचपन में लोककथाओं में जादू की छड़ी वाली परी के चमत्कार लुभाते थे नरभक्षी डायन और राक्षसों की…

ब्रिटेन में हिंदी शिक्षण एवं प्रशिक्षण : एक संक्षिप्त अवलोकन – (शोध आलेख)

ब्रिटेन में हिंदी शिक्षण एवं प्रशिक्षण – एक संक्षिप्त अवलोकन – डॉ. वंदना मुकेश भाषा, भाव और विचारों की अभिव्यक्ति का साधन है। किसी भी भाषा को सीखना, सिखाना या…

जीवन यात्रा – (कविता)

जीवन यात्रा ये जीवन के लम्बे-चौड़े टेढ़े-मेढ़े रास्तेकुछ तेरे हिस्से के हैं तो कुछ हैं मेरे वास्तेक़दम न चाहें फिर भी हमें चलते ही जाना हैमिल जायेगी मंज़िल यूं ही…

ये कमाल हमें करना है… – (कविता)

ये कमाल हमें करना है… समय कठिन है फिर भी हमेंहंसते-गाते रहना है,हो धारा चाहे जितनी उल्टीदरिया-सागर तरना है,लिये हाथ में प्रेम पताकाआसमान तक चलना हैये कमाल हमें करना है,नहीं…

वसीयतनामा – (कविता)

वसीयतनामा क्यों न हमखुले आकाश तलेबहती हवा, बहता पानीपरिंदों के गीत, जीवन के संगीत,इन सबकी मौजूदगी मे आजएक दूजे के दिल परअपना-अपना वसीयतनामा लिख दें,जीवन तो एक दूजे के साथ…

मुझको चाहिये – (कविता)

मुझको चाहिये चाहिये मुझको अदब की इक सौग़ात चाहियेकलम को रवानी मेरे दिल को जज़बात चाहिये आस्मां से उतर समा जाये रग रग मे जोशब्दों की ऐसी पूरी एक क़ायनात…

निर्मल सिद्धू – (परिचय)

निर्मल सिद्धू जन्म स्थान : पंजाब निवास स्थान : मिसिसागा शिक्षा : कोलकाता लेखन विधाएं : कविता, गजल, नज्म, हाइकु, लघु कथा, कहानी प्रकाश : निर्मल भाव {काव्य संकलन },…

दादा… – (संस्मरण)

दादा… – यूरी बोत्वींकिन दादा रूसी थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय जर्मनों ने उनका गांव जलाकर लोगों को पश्चिम की ओर भगाया था तो उनका परिवार यूक्रेन पहुंचकर एक गांव…

यक्षिणी का मेघदूत – (मराठी से अनुवादित कहानी)

यक्षिणी का मेघदूत मूल कहानी की भाषा – मराठीलेखिका – डॉ. निर्मोही फडके.अनुवाद- डॉ. वसुधा सहस्रबुध्दे अपने घर के अटारी की सफाई करते समय उसे एक फटी पुरानी बैग मिल…

वसुधा सहस्रबुध्दे – (परिचय)

वसुधा सहस्रबुध्दे डॉ. वसुधा सहस्रबुध्दे पीएच.डी. (विषय : डॉ. शंकर शेष का नाट्यसाहित्य) सिध्दार्थ महाविद्यालय, फोर्ट, हिंदी विभाग में 2009 तक कार्यरत। शोध प्रकल्प- 1] स्वातंत्र्योत्तर काल का मुंबई का…

सुएता  दत्त चौधरी – (परिचय)

सुएता दत्त चौधरी सुएता दत्त चौधरी, फिजी के नाउसोरी स्थित सवानी की निवासी, एक उत्कृष्ट शिक्षिका, कवयित्री और समाजसेवी हैं। वर्तमान में वह DAV GIRLS कॉलेज में हिंदी और अंग्रेजी…

एक साधारण सी औरत – (संस्मरण)

एक साधारण सी औरत -आशा बर्मन वह सचमुच एक अत्यंत साधारण सी औरत थी। लोगों की आँखों के सामने से गुजर जाए तो कोई उस पर ध्यान भी नहीं देता।…

प्राकृतिक आपदा – (कविता)

प्राकृतिक आपदा बारिश की गिरफ्त में,मैं असहाय बैठी हूँ,डर के हाथों से झकझोर दी गई हूँ। जहाँ पक्षी आकर चहचहाने चाहिए थे,वहाँ केवल अराजकता और बेचैनी की गूँज चीखती है।मैं…

ब्रजराज किशोर कश्यप की कविताएँ – (कविता)

ब्रजराज किशोर कश्यप की कविताएँ 1. मानव और गणित मानव ने जब गणना सीखी वह हर्षायाबड़े चाव से उसने जोड़ा और घटाया योग और ऋण का कार्य उसे अधिक न…

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