मैं नहीं जानती सृष्टि – (कविता)
मैं नहीं जानती सृष्टि मैं नहीं जानती सृष्टिकितेरे किस रूप को नमन करूं। नवरात्रि में पूज्यतेरे नौ शक्ति रूपोंका नमन करूंया फिरमाँ के रूप में स्त्री की आराधना करूं। पत्नी…
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मैं नहीं जानती सृष्टि मैं नहीं जानती सृष्टिकितेरे किस रूप को नमन करूं। नवरात्रि में पूज्यतेरे नौ शक्ति रूपोंका नमन करूंया फिरमाँ के रूप में स्त्री की आराधना करूं। पत्नी…
स्वप्नांत कल रात युगों के बाद स्वप्न फिर देखा था मैंने तेरासुरभित कर गया जगत को यूँ चंदन से शीतल प्यार तेरा मेरी शर्मीली आंखें तेरी बाँहों में यूँ झूल…
शैलजा चतुर्वेदी डॉ. शैलजा चतुर्वेदी उत्तर प्रदेश का जन्म । लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक व एमबीबीएस। आस्ट्रेलिया मे १९७० से प्रवास। ‘Raising a Child’, ‘Reflections of a Psychiatrist’, and ‘The…
आईना आज आईने में खुद सेमुलाकात हो गईकुछ देर के लिएजैसे सन्नाटा छा गया। फिर हिम्मत करकेमैंने सवाल पूछ ही लियाक्या बात हैइतने चुप क्यों होक्या जो देखा उस परविश्वास…
निरपेक्ष कल्पना करनाहमारा स्वभाव है-और उसका खंडित हो जानाउसकी नित्यता। स्वप्न संजोना हमारी मजबूरी हैऔर स्वप्नों का टूटनाउसकी शाश्वतता। असंभव को संभव करनाहमारी कामना है।और संभव का भी असंभव हो…
पुष्पा भारद्वाज-वुड वैलिंगटन निवासी डा. पुष्पा भारद्वाज-वुड का हिंदी शिक्षण, हिंदी अनुवाद और वैलिंगटन के हिंदी स्कूल में पाठ्यक्रम तैयार करने में विशेष योगदान रहा है। वैलिंगटन में प्रौढ़ों को…
जीवन चक्र भावना कुँअर बात उन दिनों की है जब रूपा ने तीसरे बेटे को जन्म दिया। दो बेटे पहले से ही थे। दो अबॉर्शन तो पहले ही उसके ससुराल…
ख़ुद्दारी भावना कुँअर आज फिर शीला अपने छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर काम की तलाश में सुबह-सुबह ही निकल पड़ी। पूरा दिन बच्चों को लेकर यहाँ-वहाँ भटकती रही किंतु…
रोशनी का संचार भावना कुँअर सोसाइटी में सभी लोग नये साल के जश्न की तैयारी में जुटे थे। हर तरफ़ रंगीन कनातें तन चुकी थीं। सोसाइटी के कुछ हिस्से रंग-बिरंगी…
ग़ज़ल -1 मेरे ग़मों का बोझ ना खुद पर लिया करेंयूँ ग़म-ज़दा न आप हमेशा रहा करें तन्हाइयों में ख़ुद ना अकेले घुटा करेंकुछ अपने दिल का हाल भी हमसे…
भावना कुँअर शिक्षा : हिन्दी व संस्कृत में पोस्ट ग्रेजुएशन, बी० एड०, पी-एच० डी० (हिंदी ग़ज़ल), टेक्सटाइल डिजाइनिंग में पीजी डिप्लोमा, कुकिंग, स्टिचिंग और आर्ट में डिप्लोमा। पदनाम : ऑस्ट्रेलियन…
1. लघुकथा – ‘आमदनी अठन्नी खर्चा रूपैया’ पिता के बाद माँ को आधी पेंशन मिलने लगी थी जो एक अच्छी ख़ासी रक़म थी जो युवा बच्चों के वेतन से भी…
ग़ज़ल -1 देर थोड़ी क्या हुई पर फड़फड़ाने में हमेंआसमाँ ही लग गया नीचे गिराने में हमें एक मुश्किल को ज़रा सुलझा दिया हमने तभीमुश्किलें सब लग गयीं हैं आज़माने…
प्रगीत कुँअर पिता का नाम : डॉ० कुँअर बेचैन जन्म : ग़ाज़ियाबाद उ०प्र० निवास स्थान : ऑस्ट्रेलिया (सिडनी) शिक्षा : बी० कॉम, सी० ए०, आई० सी० डब्ल्यू ० ए०, एल०…
खत लिखने का वो ज़माना चला गया सुकुन से बैठ कर खत लिखने का, वो ज़माना चला गया;चलता था कुछ धीरे, मलाल है, वो वक़्त पुराना चला गया। तेज रफ़्तार…
आईना हमसे उम्र का हिसाब मांगता है रहा नहीं जो वक़्त, एक लम्हा कभी काबू में हमारे,आईना हमसे रोज, उस उम्र का हिसाब मांगता है। हम औरों की तरह मुकम्मल…
प्रिय तुम आज फ़ोन लेकर मत आना प्रिय तुम आज फ़ोन लेकर मत आना,इसके साथ चला आता है पूरा ज़माना। आज हम मिलना चाहते हैं बे-खलल,थोड़ी देर, सिर्फ तुमसे, तेरे…
हद कभी दायरे घर तक सिमट जाएँ तो;सब अपने हों, जिनके निकट जाएँ तो;काम थोड़े हों, जल्दी निबट जाएँ तो;लम्हे सामने से आकर लिपट जाएँ तो,क्या जिंदगी, बहुत बुरी हो…
खलती बहुत कमी है नीतियों में नीयत नेक की;तथ्यों में सूचना एक की;सूचनाओं में ज्ञान की;ज्ञान में विवेक की,खलती बहुत कमी है। बेशुमार हासिल पैगामों में;अपनेपन के संवादों की;सब शहर,कस्बे,…
जो सुन्दर है, विविध है कालातीत बृहत् ब्रह्म में;अनहत उसके अनवरत क्रम में;सब स्थिति, सब गति में;जड़-चेतन, समस्त प्रकृति में,जो भी है, सब विविध है। अंतरिक्ष में जो कहकशां,सबकी अनोखी…