Category: प्रवासी रचनाकार

खूब दौड़ने, पढ़ने और मीठा खाने वाली एक जापानी लड़की का अनोखा सपना – (संस्मरण)

खूब दौड़ने, पढ़ने और मीठा खाने वाली एक जापानी लड़की का अनोखा सपना –वेदप्रकाश सिंह, (ओसाका विश्वविद्यालय, जापान) हिंदी पढ़ाते हुए कई बार विद्यार्थियों को सौ-दो सौ शब्दों में अपना…

जापानी राग-मिरवा – (संस्मरण)

जापानी राग-मिरवा वेदप्रकाश सिंह (ओसाका विश्वविद्यालय, जापान) इस समय जापान में बरसात का मौसम है। जून और जुलाई का महीना बरसात के ही नाम होता है। वैसे बारिश तो जापान…

एक प्रवासी की उलझनें – (कविता)

एक प्रवासी की उलझनें अब नहीं रहापहले जैसा असहनीय प्रवासकुछ लोगों के लिएन रहे पहले जैसे प्रवासीप्रवास अब बन चुका हैएक जीवन स्थितिजिसे कभी चाहकरतो कभी मजबूरनस्वीकार करते हैं असंख्य…

एक ग़लत कदम – (कहानी)

एक ग़लत कदम -सुधा ओम ढींगरा “सरला, शुक्ला जोड़े को क्या हुआ है?” विमला ने गलियारे में जा रही सरला से पूछा।“कौन से शुक्ला? किन की बात कर रही हो!”…

सुधा ओम ढींगरा – (परिचय)

सुधा ओम ढींगरा जन्म-7 सितम्बर, जालंधर, पंजाब। शिक्षा-पीऍच.डी प्रकाशित कृतियाँ उपन्यास– दृश्य से अदृश्य का सफ़र, नक़्क़ाशीदर केबिनेट।कहानी संग्रह-चलो फिर से शुरू करें, कथा-सप्तक, खिड़कियों से झाँकती ऑंखें, दस प्रतिनिधि…

हिन्दी साहित्य की विश्व में भारतीय संस्कृति को बढ़ाने में भूमिका – (आलेख)

हिन्दी साहित्य की विश्व में भारतीय संस्कृति को बढ़ाने में भूमिका -परवीन लता हमें ये जानना है कि संस्कृति का शब्दlर्थ क्या है? संस्कृति याने कि उत्तम या सुधरी हुई…

परवीन लता – (परिचय)

परवीन लता परवीन लता का जन्म 1979 में फीजी में हुआ। अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के बाद, उन्होंने फीजी विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और हिंदी साहित्य…

दर्द, भय और पीड़ा – (कविता)

दर्द, भय और पीड़ा कोई भी दर्द, भय और पीड़ा से बच नहीं पाता हैफिर भी दर्द से ज्ञान आ सकता है,डर से साहस आ सकता है,दुख से ताकत आ…

खुशियाँ – (कविता)

खुशियाँ आनंद और प्रसन्नता देती है खुशियाँजिंदा रहने की औषधि यही तो है मियाहर्ष, सुख, आमोद, प्रमोद या कहो उल्लासइसी के पान से बुझती है हर किसी की प्यासविचारों की…

आंतरिक स्कूली शिक्षकों की याचिका – (कविता)

आंतरिक स्कूली शिक्षकों की याचिका हम उल्लू नहीं है जो रात को दिखते हैंन ही कोई निशाचर बिल्लीहमारी आंखें धुंधली है हम नहीं देख सकतेहम चमगादड़ की तरह अंधे हो…

औषधि – (कविता)

औषधि जब मैं छोटी लड़की थीकई महिलाएं आती थीमेरी दादी के पास ठीक होने के लिएदादी कुछ पत्ते चबा लेतीअधिक पत्तियों में लिपटेपरेशान घावों को सूखने के लिएफिर रस का…

अंधेर है भाई – (कविता)

अंधेर है भाई छः साल के बच्चे की किलकारियां हूँ जब सुनतीभोले भाली उनके चेहरे देख खिल हूँ मैं पड़तीकुछ सीखने को मुझसे उत्सुकता भरी नजरों से देखतेमेरे मुख से…

जिंदगी का सफर – (कविता)

जिंदगी का सफर जो छूट रह है उसका क्या अफ़सोस करें हमजो हासिल हो रहा है, उसी से सवाल करें हम बहुत दूर तक जाते हैं, यादों के काफ़िलेबेकार क्यों…

बरसात का मौसम – (कविता)

बरसात का मौसम चलो साथियों चले बाहरघर में भला क्या रखा हैबादल गरजती, बिजली चमकतीमूसलाधार बरखा हो रहा है रह रह कर झोंके की हवा चल रहीमग्न हो झूम उठी…

शोभना लक्ष्मी देवी – (परिचय)

शोभना लक्ष्मी देवी शोभना का जन्म और पालन-पोषण सुवा, फिजी में हुआ है। उनकी प्राथमिक शिक्षा वुडी मेथोडिस्ट स्कूल में पूरी हुई। इसके बाद उन्होंने महात्मा गांधी मेमोरियल हाई स्कूल…

हिन्दी को बैसाखी नहीं चाहिए – (आलेख)

हिन्दी को बैसाखी नहीं चाहिए -हंसा दीप इन दिनों सभी को हिन्दी पठन और लेखन को लेकर एक समान चिन्ता है। भारत हो या भारत के बाहर, हर ओर एक…

चैतन्य मन – (लघु कथा)

चैतन्य मन – पूजा अनिल सामने वाली शुक्ला आंटी की बेटी को किसी अनजान लड़के के साथ देख कर मन किया कि उन्हें उनकी बेटी के इस छुपे हुए रिश्ते…

राह में जीवन – (कविता)

राह में जीवन पानी सी आकृति मेरीपानी में घुल रही!बुलबुले सा जीवन मेरादेखो कैसे उड़ रहा!वाष्पित होती साँसे मेरीकहो कहाँ से आ रहीं?सीमित सी दृष्टि मेरीअपरिमित स्वप्न बुन रही!चंद वर्षों…

दुविधा – (लघु कथा)

दुविधा – पूजा अनिल सुबह से माँ से बात नहीं हो पाई थी उस दिन। प्रकाश ने मोबाइल देखा, दोपहर में माँ ने फ़ोन किया था लेकिन तब वह ऑफिस…

पावस – (कविता)

पावस देखो, बारिशों में कभी मत रोनाभीगेगी देह भीभीगेगी रूह भीतब धूप भी न होगीकि मन की नमी सोख ले!और सुनो, मत रोना गर्मियों मेंआंसूं और पसीनाएक से दिखेंगेकोई आँख…

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