Category: यूरोप

यूरोप

टोकरी – उम्मीदों की – (बाल कहानी)

टोकरी – उम्मीदों की डॉ. शिप्रा शिल्पी सक्सेना, कोलोन, जर्मनी ओह, 7 बज गए, क्रिस्टी ने आँख खोलकर घड़ी पर नजर दौड़ाई, आँखें मिचमिचाते हुए चारों ओर देखा, पर सुबह…

🎃Happy Halloween🎃 – (ब्लॉग)

Happy Halloween डॉ शिप्रा शिल्पी हैलोवीन का दिन सेल्टिक कैलेंडर का आखिरी दिन होता है, इसलिए यूरोप में सैल्टिक जाति के लोग इस दिन को नए साल की शुरुआत के…

कोरोना-चिल्ला – (कहानी)

कोरोना-चिल्ला* दिव्या माथुर तीन हफ्ते हो चुके हैं जॉन को घर छोड़े हुए; वह एक कैरावैन में किराए पर रह रहा है, वहीं से वह दफ़्तर का काम भी संभाल…

बेक्ड-बीन्स – (कहानी)

बेक्ड-बीन्स दिव्या माथुर सुपरमार्केट के यूँ ही चक्कर लगते हुए बुढ़िया ने ग्राहकों और लोगों की नज़र से बचते हुए दो छोटे टमाटर और कुछ लाल अँगूर मुँह में रख…

चौक पुराये मंगल गायें – (कविता)

डॉ. शिप्रा शिल्पी (कोलोन, जर्मनी) ***** चौक पुराये मंगल गायें चौक पुराये मंगल गायें, आई है दीवालीनाचे-गायें ख़ुशी मनायें, आई है दीवाली धनतेरस खुशहाली लायाजन-जन का है मन हर्षायामिलजुल कर…

दिल दा मामला है – (ब्लॉग)

दिल दा मामला है डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना, कोलोन , जर्मनी दिल दा मामला है!! खुद के संग समय बिताना, अच्छा होता है। अपने दिल की भी सुनना-सुनाना, अच्छा होता…

रावण (कविता)

दसग्रीव दशानन् दसकंधर कहलाता थाजब रावण चलता सारा जग हिल जाता थावो था पंडित-विद्वान और था बलशालीउसके सन्मुख देवों का जी थर्राता था रावण ने सोने की लंका बनवाई थीतीनों…

रावण – (कविता)

मनीष पाण्डेय ‘मनु’ ***** रावण दसग्रीव दशानन् दसकंधर कहलाता थाजब रावण चलता सारा जग हिल जाता थावो था पंडित-विद्वान और था बलशालीउसके सन्मुख देवों का जी थर्राता था रावण ने…

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर – (आलेख)

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर डॉ अरुणा अजितसरिया एम बी ई, लंदन 23 सितम्बर सन 1908 को पराधीन भारत के एक साधारण कृषक परिवार में जन्मे रामधारी सिंह दिनकर ने गाँव…

आधुनिक गिरमिटिया – (लघुकथा)

आधुनिक गिरमिटिया डॉ ऋतु शर्मा ननंन पाँडे, नीदरलैंड कल कारला को एक सामाजिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने का अवसर मिला। क्योंकि कार्यक्रम भारतीय था इसलिए कारला ने भारतीय परिधान पहना…

चाँद

चाँद भीबहरूपियाऔर छलिया है कभी तोप्रेमिका केसुन्दर मुखड़े सादिख जाता हैया कभीउसकी याद मेंदिल मेंटीस जगाता है कभी तोचौथ की पूजा के समयबादलों मेंछुपकर सताता हैतो कभी अँधेरी रात मेंराहगीरों…

श्री कृष्ण की विश्व में प्रासंगिकता – (ब्लॉग)

श्री कृष्ण की विश्व में प्रासंगिकता डॉ शिप्रा शिल्पी कान्हा संस्कार है, आचार है, व्यवहार है। अन्याय का प्रतिकार है और प्रेम का व्यवहार है। कर्म का सिद्धांत है, जीवन…

जर्मनी में गुंजायमान : जय कन्हैया लाल की – (ब्लॉग)

आत्मिक आनंद का उत्सव : जन्माष्टमी डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना, कोलोन, जर्मनी जन्माष्टमी मात्र एक धार्मिक उत्सव के रूप में ही नहीं वरन अधिकांशतः एक आत्मिक उत्सव के रूप में…

हम लखनौवा हैं : दोस्ती नहीं यारी निभाते हैं – (कविता)

हम लखनौवा है : दोस्ती नहीं यारी निभाते है डॉ शिप्रा शिल्पी, कोलोन, जर्मनी क्या फर्क पड़ता कोई आपको क्या समझता है, दोस्त वही जो आपको समझने की समझ रखता…

नीना पॉल को याद करते हुए – (संस्मरण)

नीना पॉल को याद करते हुए -डॉ अरुणा अजितसरिया एम बी ई, ब्रिटेन नीना पॉल से मेरा परिचय मेरे घर पर तेजेंद्र शर्मा जी द्वारा आयोजित कथा यूके की कथा…

बैरंग पाती – (ब्लॉग)

बैरंग पाती रामा तक्षक, नीदरलैंड आपका घर, मेरा घर और इससे भी आगे बढ़कर, सभी जीव जन्तुओं और जीवाश्मों, हम सबका घर है यह धरती। यह धरती भी इस अस्तित्व…

सिंगल मदर से सुपरमदर – (कहानी)

सिंगल मदर से सुपरमदर -अर्चना पैन्यूली “हर एक कथाकार की हर रचना की कोई प्रेरणा होती है। इस पुस्तक के लिए प्रेरणादायक कौन है?” टीना ने मुझसे पूछा तो मैं…

कबूतरी, थारो कबूतर गूटर-गूटर-गू बोल्यो रे… (कितनी माँएं हैं मेरी) – (कहानी)

कबूतरी, थारो कबूतर गूटर-गूटर-गू बोल्यो रे… (कितनी माँएं हैं मेरी) –अर्चना पैन्यूली गूटर गू… गूटर–गू…। वह उसे छेड़ रहा है…। इन दिनों उसकी गर्दन, सिर और छाती पर आकर्षक पंख…

क्या लिखूँ आप पर… – (संस्मरण)

क्या लिखूँ आप पर… (हिंदी के मूर्धन्य साहित्यकार डॉ. कमल किशोर गोयनका पर आधारित अर्चना पैन्यूली का संस्मरण) अर्चना पैन्यूली डॉ. कमल किशोर गोयनका के कृतित्व के संबंध में कुछ…

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