Category: बाल साहित्य

ऋतु शर्मा ननंन पाँडे की बाल कविताएँ – (बाल कविता)

नई कहानी नानी सुनाओ कोई नई कहानीराजा रानी की कहानीहो गई बहुत पुरानीनई सोच और मन बहलाने वाली जादूगर और भूतों सेलगता डर अब हमको नहींहमको पता है अबयह रहते…

मंजु श्रीवास्तव ‘मन’ की बाल कविताएँ – (बाल कविता)

छछुंदर और बंदर एक छछुंदर भोली भाली,दिखती थी थोड़ी सी काली।नाम छछुंदर का था झुमरी,चुक चुक कर गाती थी ठुमरी।एक था बन्दर,नाम था जन्तर,खाये कुल्हाटी मस्त कलंदर।खौं खौं खौं खौं…

दिविक रमेश की बाल कविताएँ – (बाल कविता)

चलो बोल दो सॉरी तो ढीली थी सो खिसक गई थोड़ी इधर-उधर।हँसने की क्या बात है जी क्यों इतनी खिर-खिर।क्या पेंट ने कोई जोक अजी सुनाया है।देख किसी को परेशान…

दिव्या माथुर की बाल कविताएँ – (बाल कविता)

नन्ही-मुन्नी सिया के लिए नन्ही-मुन्नी कविताएँ सिया और बंदर छत पर देखोआया बंदरसिया जल्दीजाओ अंदर। दादी का चश्माले भागापकड़ो पकड़ोशोर मचायामम्मी ने इककिया करिश्मालेने कोदादी का चश्मा केला फेंकाउसकी ओरबंदर…

बाल दिवस पर विशेष – (बाल कविता)

अनीता वर्मा की बाल कविताएँ सूरज रवि गगन पर रौब जमातेअपनी दुनिया में इठलातेललाट तेज पर खूब चमकतादीप दीप्ति से अद्भुत दमकता धरती को प्रकाश पहुँचातेसुबह-सुबह आकाश में आतेपात-पात और…

माँ अगर मैं जयचंद होता – (बाल कथा)

माँ अगर मैं जयचंद होता नितीन उपाध्ये मोनू की दादी के गाँव से शहर आने की ख़ुशी जितनी मोनू को नहीं होती थी उससे ज्यादा उसके आसपास रहने वाले विक्की,…

मोटी सुई – (बाल कथा)

मोटी सुई नितीन उपाध्ये आज शाम से ही गोलू की बेचैनी देखने लायक थी। आज उसने अम्मा से कुछ खाने के लिए भी गुहार नहीं लगाई। वह तो अम्मा ने…

कुछ परीकथाएँ जो बच्चों के लिए नहीं हैं

(मूल भाषा रूसी से अनुवाद – प्रगति टिपणीस) अख़रोट- लियोनिद निकोलायेविच आंद्रेयेव एक समय की बात है। हरे-भरे एक जंगल में एक बहुत सुंदर गिलहरी रहती थी जिसे हर कोई…

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