सूची – (कविता)
सूची उलझा दिए हैं किस तरहचल पड़ी है वेदनाकविराज बने फिरते होचिढ़ाते तुम!पगलाई आँखें ढूंढतीरूह में लपेट करआनंद ही आनंदधनुष-बाण तेरे घुस आते।भूत जो अब घट गया हैना हो उदास,…
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सूची उलझा दिए हैं किस तरहचल पड़ी है वेदनाकविराज बने फिरते होचिढ़ाते तुम!पगलाई आँखें ढूंढतीरूह में लपेट करआनंद ही आनंदधनुष-बाण तेरे घुस आते।भूत जो अब घट गया हैना हो उदास,…
चंद्रयान ने खिड़की खोली इंद्रधनुष की किरणो से चंद्रयान की हँसी ठिठोली। उड़ान का फर्राटा ऐसा,ठुमकों पर चलती हो गोलीमामा देखेंगे कठपुतलीनाचे पहनी घाघर चोलीकत्थक गरबा और भाँगड़ा, नृत्य की…
ध्वनियों का संसार क्या तुमने कभी विचार कियाशब्दों को कोई नाम दिया? आवाहन है तो हुंकारढोल-नगाडे की टंकार ।पीड़ा में निकले सिसकारी,आनंदित मन किलकारी। पंछी बोलें चहचह चुक-चुकभँवरे करता गुनगुन…
जीवन यात्रा ये जीवन के लम्बे-चौड़े टेढ़े-मेढ़े रास्तेकुछ तेरे हिस्से के हैं तो कुछ हैं मेरे वास्तेक़दम न चाहें फिर भी हमें चलते ही जाना हैमिल जायेगी मंज़िल यूं ही…
ये कमाल हमें करना है… समय कठिन है फिर भी हमेंहंसते-गाते रहना है,हो धारा चाहे जितनी उल्टीदरिया-सागर तरना है,लिये हाथ में प्रेम पताकाआसमान तक चलना हैये कमाल हमें करना है,नहीं…
वसीयतनामा क्यों न हमखुले आकाश तलेबहती हवा, बहता पानीपरिंदों के गीत, जीवन के संगीत,इन सबकी मौजूदगी मे आजएक दूजे के दिल परअपना-अपना वसीयतनामा लिख दें,जीवन तो एक दूजे के साथ…
मुझको चाहिये चाहिये मुझको अदब की इक सौग़ात चाहियेकलम को रवानी मेरे दिल को जज़बात चाहिये आस्मां से उतर समा जाये रग रग मे जोशब्दों की ऐसी पूरी एक क़ायनात…
प्राकृतिक आपदा बारिश की गिरफ्त में,मैं असहाय बैठी हूँ,डर के हाथों से झकझोर दी गई हूँ। जहाँ पक्षी आकर चहचहाने चाहिए थे,वहाँ केवल अराजकता और बेचैनी की गूँज चीखती है।मैं…
ब्रजराज किशोर कश्यप की कविताएँ 1. मानव और गणित मानव ने जब गणना सीखी वह हर्षायाबड़े चाव से उसने जोड़ा और घटाया योग और ऋण का कार्य उसे अधिक न…
शिवनंदन सिंह यादव की कविताएँ 1. छोटी-छोटी बातों पर भी बहुत सोचना ठीक नहीं हैप्रति पग फूंक फूंक कर रखनाकोई अच्छी नीति नहीं है! छोटी-छोटी बातों से हीहम अपना स्वभाव…
एक प्रवासी की उलझनें अब नहीं रहापहले जैसा असहनीय प्रवासकुछ लोगों के लिएन रहे पहले जैसे प्रवासीप्रवास अब बन चुका हैएक जीवन स्थितिजिसे कभी चाहकरतो कभी मजबूरनस्वीकार करते हैं असंख्य…
दर्द, भय और पीड़ा कोई भी दर्द, भय और पीड़ा से बच नहीं पाता हैफिर भी दर्द से ज्ञान आ सकता है,डर से साहस आ सकता है,दुख से ताकत आ…
खुशियाँ आनंद और प्रसन्नता देती है खुशियाँजिंदा रहने की औषधि यही तो है मियाहर्ष, सुख, आमोद, प्रमोद या कहो उल्लासइसी के पान से बुझती है हर किसी की प्यासविचारों की…
आंतरिक स्कूली शिक्षकों की याचिका हम उल्लू नहीं है जो रात को दिखते हैंन ही कोई निशाचर बिल्लीहमारी आंखें धुंधली है हम नहीं देख सकतेहम चमगादड़ की तरह अंधे हो…
औषधि जब मैं छोटी लड़की थीकई महिलाएं आती थीमेरी दादी के पास ठीक होने के लिएदादी कुछ पत्ते चबा लेतीअधिक पत्तियों में लिपटेपरेशान घावों को सूखने के लिएफिर रस का…
अंधेर है भाई छः साल के बच्चे की किलकारियां हूँ जब सुनतीभोले भाली उनके चेहरे देख खिल हूँ मैं पड़तीकुछ सीखने को मुझसे उत्सुकता भरी नजरों से देखतेमेरे मुख से…
बरसात का मौसम चलो साथियों चले बाहरघर में भला क्या रखा हैबादल गरजती, बिजली चमकतीमूसलाधार बरखा हो रहा है रह रह कर झोंके की हवा चल रहीमग्न हो झूम उठी…
राह में जीवन पानी सी आकृति मेरीपानी में घुल रही!बुलबुले सा जीवन मेरादेखो कैसे उड़ रहा!वाष्पित होती साँसे मेरीकहो कहाँ से आ रहीं?सीमित सी दृष्टि मेरीअपरिमित स्वप्न बुन रही!चंद वर्षों…
पावस देखो, बारिशों में कभी मत रोनाभीगेगी देह भीभीगेगी रूह भीतब धूप भी न होगीकि मन की नमी सोख ले!और सुनो, मत रोना गर्मियों मेंआंसूं और पसीनाएक से दिखेंगेकोई आँख…
आत्मीय लोग कनाडा के सरकारी दफ्तर आया हूँस्वागतकर्मी पूछती है –क्या सहायता करूँ ?पेंशनर हूँ, आदतन तीन-चार काम निकाले हैंवह मुस्कुराती एक पेपर टोकन देती हैऔर संबंधित फ़ॉर्म।मेरा क्रम जल्दी…