सवाल – (कविता)
सवाल एक सवाल हमेशामेरे मन में घर कर रहा हैहैरान हूँ, परेशान हूँलोग कहते हैं, हम इंसान हैंअगर हम इंसान हैसुनाई क्यों नहीं देतीचीखें हमें घायलों कीमहसूस होता दर्द क्यों…
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सवाल एक सवाल हमेशामेरे मन में घर कर रहा हैहैरान हूँ, परेशान हूँलोग कहते हैं, हम इंसान हैंअगर हम इंसान हैसुनाई क्यों नहीं देतीचीखें हमें घायलों कीमहसूस होता दर्द क्यों…
परदेस न तीज है, न त्यौहार हैपरदेस में लगता सूनासब संसार हैन सावन के झूलेन फूलों की बहार हैन आम की डाली परबैठ कोयल गाती मल्हार हैन लगते यहाँ तीजमेले…
देश हमारी जान चलो उठाकर गर्व से मस्तक अपना हिन्दुस्तान है,इस पर आंच न आने देंगे, देश हमारी जान है। है नेतृत्व सबल हाथों में, हर मुश्किल आसान है,शत शत…
हिन्दुस्तान हमारा भारत माता के चरणों पर तन मन धन सब वारा है,हिन्दुस्तान हमारा, हमको प्राणों से भी प्यारा है। लहराता जब अमर तिरंगा अनुपम लगे नज़ारा है,विश्व प्रेम के…
दर्शन करें श्री राम का आओ चलें हम अवध को, दर्शन करें श्री राम कापूजन, भजन, अर्चन करें, स्वागत करें श्री राम का कण कण में व्यापक है वही, शिव…
बिना शर्तों का रिश्ता – दोस्ती बड़ी अनमोल होती है दोस्ती,दिलों से दिलों का जुड़ाव होती है दोस्ती,हर मुश्किल में साथ निभाने का एहसास है दोस्ती,हर अच्छे बुरे वक्त में…
पापा की यादें पापा याद तुम्हारी आती है,आंखों में नमी भर जाती है,बचपन की वो मीठी यादें,वो खेल खिलौने और फरियादें !वो भाइयों से लड़ना झगड़ना मेरा ,वो रो रो…
पापा पापा, तुम हो मेरे जीवन की सबसे अद्भुत रेखा,तुम्हारे आशीष ने लिखा मेरी किस्मत का लेखा।तुम्हारे मार्गदर्शन और साथ से ही मैंने सीखा,अपने सपनों को पंख देकर, उड़ने का…
सूत्रधार कर्म करना है मात्र कर्म तेरा, आगे की क्यों तू सोच करेफल देना तो है काम मेरा, तू क्यों मन में संताप धरे। मैं राम की मर्यादा, मैं सीता…
करे है क्यों गोरी श्रृंगार (श्रृंगार छन्द) करे है क्यों गोरी श्रृंगार।तुझे क्या गहनों की दरकार।रूप तेरा है रस की धार।ओस में ज्यों भीगा कचनार। लुभाते हैं कजरारे नैन।लगाऊँ अंक…
कृष्ण पूरे नहीं राधिका के बिना (गंगोदक सवैया) बात ऐसी भला आज क्या हो गयी,रूठ से क्यों गए हो बताओ पिया।भूल क्या हो गयी? चूक कैसी हुई?मौन क्यों बोल दो,…
तिलक करें दशरथ नंदन का (चौपाई छन्द) सब भक्तों के पालनहारे, गूँज रहे उनके जयकारे।परमशक्ति सबके रखवाले, जय हो नीली छतरी वाले।आदि-अनंत शक्ति के दाता, धर्म-कर्म-वेदों के ज्ञाता। मितभाषी तुम…
उदित स्वर्णिम भोर (रूपमाला छन्द) चैन की वंशी बजाती, नित्य स्वर्णिम भोर।वो सुहाना युग पुराना, खो गया किस छोर? खत्म आँखों से शरम ह स्वार्थ ठेकेदार।चढ़ गया मुख पर मुखौटा,…
अविचल रहना साधे मन को (वामा छन्द) मन व्यग्र बड़ा रातों जगता।सब उथल-पुथल जीवन लगता।प्रतिकूल परिस्थिति क्षुब्ध करे।चिंता विपदा के रंग भरे। तब हार नहीं मन मार नहीं।मन हार करे…
माता-पिता माता-पिता आज केआज के युग का गहन संतापमाता-पिता का अस्तित्व तो हैपर रहते हैं वो चुपचाप!यूँ तो देश-विदेश में भ्रमण कर आयेंपरंतु चैन अपने स्वयं के घरों में ही…
अमलतास अमलतास की स्वर्णिम आभामानो प्रकृति ने पहना फूलों का झालाचमकीलाहवा की इशारों पर नाचतासुंदरता को यूँ ही उड़ेलताजब जब खिलताआकर्षण का केंद्र बन जाता हैसुनहरा अमलतास का वृक्ष न्यारा!…
विदेश में मज़दूर दोपहर की तपती धूप में मोटा पीला टोप (हेलमेट) चढ़ाएंपसीने में लथपथतन्वंगा-साभू-खनन कार्य में तल्लीन मिलेगा एक मज़दूर!! प्रकृति के प्रचंड कोप को निज शीश पर नि:शब्द…
नीला समंदर हिलोरे लेता गहरा नीला समंदरअसीम रत्नराशि लिए समंदरबिखरा हुआ है मेरे आगेबहुत दूर तक जाता हैयह नीला समंदर! ना जाने कहाँ से आता है!?ना जाने कहाँ परजाता है!?निरंतर…
आज की शाम, वीर भारतीयों के नाम -विजय विक्रांत 14 फ़रवरी, 2022 की शाम को सेठ द्वारका प्रशाद जी की कोठी की जब घण्टी बजी, तो उनकी बेटी मालती ने…
मेरी शादी इस कथा को ध्यान लगा के सुनो,मैं प्रेम की गाथा सुनाता हूँ ।कैसे शादी हो गई मेरीकविता में पढ़ के सुनाता हूँ ।। बेटा जब बने अभियन्ता,पिताश्री ने…