सवाल उठाना मना है – (कविता)
नूपुर अशोक, ऑस्ट्रेलिया सवाल उठाना मना है यहाँ सवाल मत उठाना,सवाल उठाते ही यहाँ लोगचौखटे में जड़ करकिसी कील पर टाँग दिए जाते हैं।क्योंकि धर्म को सवालों से नफ़रत हैऔर…
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नूपुर अशोक, ऑस्ट्रेलिया सवाल उठाना मना है यहाँ सवाल मत उठाना,सवाल उठाते ही यहाँ लोगचौखटे में जड़ करकिसी कील पर टाँग दिए जाते हैं।क्योंकि धर्म को सवालों से नफ़रत हैऔर…
– नूपुर अशोक, ऑस्ट्रेलिया विदेश में पतझड़ हरीतिमा में लिपटे वृक्षमहसूसते हैं बदलती हुई हवाओं कोसमझने लगते हैं किउनका समय गुज़र चुका है मन का उच्छ्वासधूमिल कर देता है उन्हेंभूरे…
नूपुर अशोक, ऑस्ट्रेलिया प्रतीक्षा सिंड्रेला की वह ख़ूबसूरत जूतीमैंने बड़े जतन से संभाल कर रखी हुई थीइस आस मेंकि शायद किसी दिन वो मुझे मिल जाएशायद किसी दिन वो खुद…
नूपुर अशोक, ऑस्ट्रेलिया ====== बूँद और मैं पानी की एक बूँदमेरी खुली हथेली पर आ पहुँचीशायद आसमान से आयीज़िंदगी से भरी एक बूँद चाहूँ तो पी लूँ,चाहूँ तो गीला कर…
बाबा जी राम राम – नूपुर अशोक, ऑस्ट्रेलिया मोहनदास को स्वर्ग में रहते हुए सत्तर से भी ज़्यादा वर्ष हो चुके थे। धर्मराज सत्तर साल से उन का रिपीट टेलीकास्ट…
डॉलर वाले बैंगन जी – नूपुर अशोक देशी आदमी जब दोस्तों को इम्प्रेस करना चाहता है तो उन्हें पिज़्ज़ा और बर्गर खिलाता है। वही देशी आदमी जब विदेश पहुँचता है…
ऑपरेशन अंग्रेज़ी – नूपुर अशोक “नारायण- नारायण” – कहते हुए नारद मुनि ने प्रवेश किया – “प्रभुगण किस चिंता से त्रस्त हैं?” नारद जी ने अपनी बात को स्पष्ट करते…
दूर्वा तिवारी, ऑस्ट्रेलिया राम इस युग में अब राम कहाँ हैं? निजता में बस मनु रह गयानहीं रहा अब कोई मनस्वीभीड़ पड़ी है महाकुंभ मेंलेकिन दुर्लभ कोई तपस्वीकोलाहल और शोर…
दूर्वा तिवारी, ऑस्ट्रेलिया गुत्थियां अनगिनत अनसुलझी गुत्थियां…शरीर से भारीकर मन का वज़नबढ़ने नहीं देतीएक भी कदमये हजारों बेतरतीब गुत्थियां सैंकड़ों तंतुओं केमहीन बुने जाल मेंबदहवास फैलते हुएग्रसित कर मस्तिष्क कोरेंगती…
दूर्वा तिवारी, ऑस्ट्रेलिया परब्रह्म निहित भाव बस यही है अबस्वयं के सत्य को पाऊँ मैंआकार-साकार से मुक्त कहींनिराकार हो जाऊँ मैं युग-काल, यूँ ही सब बीत रहेजन्म-जन्मांतर व्यर्थ सहेजीवन-मृत्यु अब…
– दूर्वा तिवारी, ऑस्ट्रेलिया कविता एक नई कविता की ख़ातिर मैं स्याही हो जाऊँगीरिक्त हृदय में ढूँढूंगीनिःशब्द मेरे सारे अनुभवफिर धीमे-धीमे दूँगी मैंरूप उन्हें यथा सम्भवकुछ होंगीं बिसरी सी स्मृतियाँऔर…
अपने बुजुर्गों को अकेला मत छोड़िए – डॉ शिप्रा शिल्पी जर्मनी में विगत एक दशक से ज्यादा समय हो गया है। यहां के जीवन मे सहज रूप मे रम भी…
जंगल के बाघ से कविता का बाघकुछ अधिक धीर-स्थिर हैचतुर होने पर भी शिष्ट हैतेज होने पर भी सीधा-सादा है… राजेंद्र प्रसाद मिश्र द्वारा अनुवादित और राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित,…
अधूरी उड़ान – शिखा रस्तोगी, थाईलैंड चाहा था नभ को छूना, सपनों को रंग देना,पर हर मोड़ पर कहा गया — तू लड़की है, संयम से रह लेना। हर कहानी…
अमेरिका में विश्व भाषा मानक आधारित पाठ्यक्रम रचना – सुषमा मल्होत्रा, सहायक व्याख्याता, क्वींस कॉलेज, न्यूयॉर्क वैश्वीकरण के इस युग में भारत की राष्ट्रीय और आधिकारिक भाषा और एशिया की…
– सुषमा मल्होत्रा, अमेरिका तुलसी का पौधा वो खुला सा आंगनउस में कई तरह के पौधेफल के कुछ फूल केमगर मेरा सबसे मनपसन्दथा तुलसी का पौधारखती थी दादीउसे सदा एक…
– सुषमा मल्होत्रा, अमेरिका भारतम्बा भारत की मातृ देवीहो सब की तुम माताजन जन कहे तुम्हे जननीअपनी सर्वश्रेष्ठ भारत मातामाँ सुन लो सब की पुकारगिरे हुओं को फिर से उठाओ…
– सुषमा मल्होत्रा, अमेरिका वसंत देखो फिर वसंत है आयाअपने संग मधुरता लाया लद गइ हर तरु की डालीफूलों संग हवा मतवालीकुदरत का है रूप सलोनाकिसने किया हसीन टोना कोयल…
–सुषमा मल्होत्रा, अमेरिका प्रज्ज्वलित शिकारा स्याही सी काली रात छा रही हैधरा से ज्वालाएं ऊपर आ रही हैंहर ओर है मातम का समांधू-धू करता धुआँ उठ रहा हैउसके बीच कोई…
– सुषमा मल्होत्रा, अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस आज है अंतरराष्ट्रीय दिवसमज़ेदार अपनी चाय का,बेहतर जीवन जीने के लिएस्वाद लो हमारी चाय का। ठण्ड पड़ती हो या गर्मीआंख नहीं खुलती है…