Category: प्रवासी साहित्य

राम – (कविता)

दूर्वा तिवारी, ऑस्ट्रेलिया राम इस युग में अब राम कहाँ हैं? निजता में बस मनु रह गयानहीं रहा अब कोई मनस्वीभीड़ पड़ी है महाकुंभ मेंलेकिन दुर्लभ कोई तपस्वीकोलाहल और शोर…

गुत्थियां – (कविता)

दूर्वा तिवारी, ऑस्ट्रेलिया गुत्थियां अनगिनत अनसुलझी गुत्थियां…शरीर से भारीकर मन का वज़नबढ़ने नहीं देतीएक भी कदमये हजारों बेतरतीब गुत्थियां सैंकड़ों तंतुओं केमहीन बुने जाल मेंबदहवास फैलते हुएग्रसित कर मस्तिष्क कोरेंगती…

परब्रह्म – (कविता)

दूर्वा तिवारी, ऑस्ट्रेलिया परब्रह्म निहित भाव बस यही है अबस्वयं के सत्य को पाऊँ मैंआकार-साकार से मुक्त कहींनिराकार हो जाऊँ मैं युग-काल, यूँ ही सब बीत रहेजन्म-जन्मांतर व्यर्थ सहेजीवन-मृत्यु अब…

कविता – (कविता)

– दूर्वा तिवारी, ऑस्ट्रेलिया कविता एक नई कविता की ख़ातिर मैं स्याही हो जाऊँगीरिक्त हृदय में ढूँढूंगीनिःशब्द मेरे सारे अनुभवफिर धीमे-धीमे दूँगी मैंरूप उन्हें यथा सम्भवकुछ होंगीं बिसरी सी स्मृतियाँऔर…

अपने बुजुर्गों को अकेला मत छोड़िए – (आलेख)

अपने बुजुर्गों को अकेला मत छोड़िए – डॉ शिप्रा शिल्पी जर्मनी में विगत एक दशक से ज्यादा समय हो गया है। यहां के जीवन मे सहज रूप मे रम भी…

गायत्रीबाला पंडा के कविता-संग्रह ‘बाघ उपाख्यान’ पर चित्रा मुद्गल की टिप्पणी – (पुस्तक परिचय)

जंगल के बाघ से कविता का बाघकुछ अधिक धीर-स्थिर हैचतुर होने पर भी शिष्ट हैतेज होने पर भी सीधा-सादा है… राजेंद्र प्रसाद मिश्र द्वारा अनुवादित और राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित,…

अधूरी उड़ान – (आलेख)

अधूरी उड़ान – शिखा रस्तोगी, थाईलैंड चाहा था नभ को छूना, सपनों को रंग देना,पर हर मोड़ पर कहा गया — तू लड़की है, संयम से रह लेना। हर कहानी…

अमेरिका में विश्व भाषा मानक आधारित पाठ्यक्रम रचना – (आलेख)

अमेरिका में विश्व भाषा मानक आधारित पाठ्यक्रम रचना – सुषमा मल्होत्रा, सहायक व्याख्याता, क्वींस कॉलेज, न्यूयॉर्क वैश्वीकरण के इस युग में भारत की राष्ट्रीय और आधिकारिक भाषा और एशिया की…

तुलसी का पौधा – (कविता)

– सुषमा मल्होत्रा, अमेरिका तुलसी का पौधा वो खुला सा आंगनउस में कई तरह के पौधेफल के कुछ फूल केमगर मेरा सबसे मनपसन्दथा तुलसी का पौधारखती थी दादीउसे सदा एक…

भारतम्बा – (कविता)

– सुषमा मल्होत्रा, अमेरिका भारतम्बा भारत की मातृ देवीहो सब की तुम माताजन जन कहे तुम्हे जननीअपनी सर्वश्रेष्ठ भारत मातामाँ सुन लो सब की पुकारगिरे हुओं को फिर से उठाओ…

 वसंत – (कविता)

– सुषमा मल्होत्रा, अमेरिका वसंत देखो फिर वसंत है आयाअपने संग मधुरता लाया लद गइ हर तरु की डालीफूलों संग हवा मतवालीकुदरत का है रूप सलोनाकिसने किया हसीन टोना कोयल…

प्रज्ज्वलित शिकारा – (कविता)

–सुषमा मल्होत्रा, अमेरिका प्रज्ज्वलित शिकारा स्याही सी काली रात छा रही हैधरा से ज्वालाएं ऊपर आ रही हैंहर ओर है मातम का समांधू-धू करता धुआँ उठ रहा हैउसके बीच कोई…

अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस – (कविता)

– सुषमा मल्होत्रा, अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस आज है अंतरराष्ट्रीय दिवसमज़ेदार अपनी चाय का,बेहतर जीवन जीने के लिएस्वाद लो हमारी चाय का। ठण्ड पड़ती हो या गर्मीआंख नहीं खुलती है…

  उर्दू लेखिका सावित्री गोस्वामी – (संस्मरण)

उर्दू लेखिका सावित्री गोस्वामी – रीता कौशल, ऑस्ट्रेलिया कुछ रिश्ते नाम के होते हैं, और कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते। ऐसा ही अनाम रिश्ता था मेरा, उर्दू लेखिका सावित्री…

  संस्कार – (कहानी)

संस्कार – रीता कौशल, ऑस्ट्रेलिया इशान फूला नहीं समा रहा था। ख़ानदान-परिवार में ही नहीं बल्कि अपनी मित्र मंडली में वह पहला व्यक्ति है जो अपनी मास्टर डिग्री करने के…

दोपहर की अकेली पगडंडी – (कविता)

– मृणाल शर्मा, ऑसट्रेलिया दोपहर की अकेली पगडंडी वह दोपहर की एक अकेली पगडंडी,जो मेरे घर के ठीक पीछे निकलती है,न जाने कहाँ जाती है ?बेखौफ उन झाड़ियों में खो…

पेड़ लगाना यज्ञ है – (कविता)

– मृणाल शर्मा, ऑस्ट्रेलिया पेड़ लगाना यज्ञ है जब यौवन सो चुका युद्ध की बेला,और मांग रहा रण अपनी आहुतिउस समय बिन विचारे घर-घर वीर जगाना यज्ञ है जब धरा…

चिड़ियों को दाना – (कविता)

– मृणाल शर्मा चिड़ियों को दाना मै चिड़ियों को दाना,पीने को पानी क्यों दूँ ?यह जबरन झरोखों से,भीतर घुस आती हैअलमारियों के पीछेपंखे के ऊपर घोंसले बनाती हैटूटते परिवारों के…

सात पहाड़ियों पर बसा शहर : रोम – (यात्रा संस्मरण)

सात पहाड़ियों पर बसा शहर : रोम शशि पाधा, वर्जीनिया, यू एस ए याद है बचपन में मैंने अपने जन्म स्थान जम्मू शहर की मुबारक मंडी के राजमहलों के बीचोबीच…

मेरी माँ – (पत्र)

मेरी माँ – आशा बर्मन यह भी कैसी विडम्बना है कि माँ तुमको पत्र तो लिख रही हूं यह जानते हुए भी कि यह पत्र कभी तुम तक पहुंचेगा तो…

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