Category: प्रवासी साहित्य

शोर के गढ़ – (कविता)

डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन शोर के गढ़ शोर के गढ़ बन गए सब ओरजिनमें शब्द अर्थों से छुड़ाकरकैद कर रखे उन्होंनेपास जिनके आदमी अपनेबने नक्कारखाने।लेखनी का शील करके भंगवे फहरा…

अधर का पुल – (कविता)

डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन अधर का पुल अधर में रखा है एक पुलन इधर कोई किनारा है उसकान उधर।दिशाओं से ऊपरआर या पार ले जाने की प्रतिबद्धता से मुक्तशून्य को…

खंडित मुकुर – (कविता)

डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन खंडित मुकुर मैं पड़ा खंडित मुकुर-साआपकी नजरों से गिरकरधूल मेंअब रूप कितने देखताप्रतिबिम्ब कितने दे रहा हूं।आप चतुरानन दशानन या शताननरूप जितने भी बनातेमैं उन्हें शत-शतमुखीगंदले…

एक और आत्मसमर्पण – (कविता)

डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन एक और आत्मसमर्पण खोलकर डोरी धनुष कीऔर निज तूणीरतीखी वेदनाओं से भरामैं डालता हूंआज फिर हथियार मन के स्वर्णलता के बिछाए जाल सेअब तीर अपने आप…

संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदी शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का समावेश: एक समग्र विश्लेषण – (शोध आलेख)

संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदी शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का समावेश: एक समग्र विश्लेषण डॉ. राकेश कुमार, कार्मेल, इंडिआना, संयुक्त राज्य अमेरिका प्रस्तावना हिंदी, एक प्रमुख भारतीय भाषा, जो वैश्विक…

वैश्विक युग में हिंदी भाषा: एक नई दिशा की ओर – (आलेख)

वैश्विक युग में हिंदी भाषा: एक नई दिशा की ओर डॉ. राकेश कुमार, कार्मेल, इंडियाना, अमेरिका, प्रस्तावनाहिंदी भाषा भारत के भाषाई परिप्रेक्ष्य में एक प्रमुख स्थान रखती है और इसे…

अब घर आ जा – (कविता)

– सुयोग गर्ग, तोक्यो, जापान अब घर आ जा आधी रात, सून सन्नाटा और पापा का कॉलजागे हुए हैं तेरी फ़िक्र में, अब घर आ जा मन मौज़कड़कती धूप, झुलसती…

लोकतांत्रिक जनादेश और दक्षिण कोरिया – (आलेख)

लोकतांत्रिक जनादेश और दक्षिण कोरिया – संजय कुमार, पत्रकार, कोरिया हेराल्ड दक्षिण कोरिया ने हाल ही में एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण राष्ट्रपति चुनाव के माध्यम से अपने लोकतांत्रिक विकास की एक…

केटी कोटी -गुलामी का अतीत – (आलेख)

केटी कोटी -गुलामी का अतीत – डॉ ऋतु शर्मा (नंनन पांडे), नीदरलैंड आज हम जिस यूरोप को बहुत ही सम्मानित व आधुनिकीकरण के लिए जानते हैं उस यूरोप का एक…

बार्नेट अस्पताल के एक्सीडेंट ऐण्ड एमरजेंसी वार्ड में एक रात – (संस्मरण)

बार्नेट अस्पताल के एक्सीडेंट ऐण्ड एमरजेंसी वार्ड में एक रात डॉ. अरुणा अजितसरिया, एम.बी.ई सुबह 3:30 बजे मुझे शौचालय जाने की ज़रूरत महसूस हुई। जब तक मैं वॉशरूम में जाने…

पापा आप कहीं नहीं गए – (संस्मरण)

पापा आप कहीं नहीं गए – सरस दरबारी पापा को हमारा साथ छोड़े पूरे 18 साल हो गए। पर इन सालों में कभी नहीं लगा की पापा हमारे साथ नहीं—…

मधुमालती वाली खिड़की – (संस्मरण) 

मधुमालती वाली खिड़की -पूजा अनिल, स्पेन मेरी माँ के घर में किचन की खिड़की अपेक्षाकृत काफ़ी लम्बी (ऊँचाई में) थी इसलिए किचन के प्लेटफ़ॉर्म से भी थोड़ी नीचे तक जाती…

सवाल उठाना मना है – (कविता)

नूपुर अशोक, ऑस्ट्रेलिया सवाल उठाना मना है यहाँ सवाल मत उठाना,सवाल उठाते ही यहाँ लोगचौखटे में जड़ करकिसी कील पर टाँग दिए जाते हैं।क्योंकि धर्म को सवालों से नफ़रत हैऔर…

विदेश में पतझड़ – (कविता)

– नूपुर अशोक, ऑस्ट्रेलिया विदेश में पतझड़ हरीतिमा में लिपटे वृक्षमहसूसते हैं बदलती हुई हवाओं कोसमझने लगते हैं किउनका समय गुज़र चुका है मन का उच्छ्वासधूमिल कर देता है उन्हेंभूरे…

प्रतीक्षा – (कविता)

नूपुर अशोक, ऑस्ट्रेलिया प्रतीक्षा सिंड्रेला की वह ख़ूबसूरत जूतीमैंने बड़े जतन से संभाल कर रखी हुई थीइस आस मेंकि शायद किसी दिन वो मुझे मिल जाएशायद किसी दिन वो खुद…

बूँद और मैं – (कविता)

नूपुर अशोक, ऑस्ट्रेलिया ====== बूँद और मैं पानी की एक बूँदमेरी खुली हथेली पर आ पहुँचीशायद आसमान से आयीज़िंदगी से भरी एक बूँद चाहूँ तो पी लूँ,चाहूँ तो गीला कर…

बाबा जी राम राम – (व्यंग्य कथा)

बाबा जी राम राम – नूपुर अशोक, ऑस्ट्रेलिया मोहनदास को स्वर्ग में रहते हुए सत्तर से भी ज़्यादा वर्ष हो चुके थे। धर्मराज सत्तर साल से उन का रिपीट टेलीकास्ट…

डॉलर वाले बैंगन जी – (व्यंग्य)

डॉलर वाले बैंगन जी – नूपुर अशोक देशी आदमी जब दोस्तों को इम्प्रेस करना चाहता है तो उन्हें पिज़्ज़ा और बर्गर खिलाता है। वही देशी आदमी जब विदेश पहुँचता है…

ऑपरेशन अंग्रेज़ी – (व्यंग्य)

ऑपरेशन अंग्रेज़ी – नूपुर अशोक “नारायण- नारायण” – कहते हुए नारद मुनि ने प्रवेश किया – “प्रभुगण किस चिंता से त्रस्त हैं?” नारद जी ने अपनी बात को स्पष्ट करते…

राम – (कविता)

दूर्वा तिवारी, ऑस्ट्रेलिया राम इस युग में अब राम कहाँ हैं? निजता में बस मनु रह गयानहीं रहा अब कोई मनस्वीभीड़ पड़ी है महाकुंभ मेंलेकिन दुर्लभ कोई तपस्वीकोलाहल और शोर…

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