अमेरिका के पटल पर हिंदी भाषा और साहित्य – (लेख)
अमेरिका के पटल पर हिंदी भाषा और साहित्य –अनिल प्रभा कुमार यह एक तथ्य है कि वर्तमान समय में विश्व पटल पर भारतीय छाए हुए हैं। स्वाभाविक है कि उनके…
हिंदी का वैश्विक मंच
अमेरिका के पटल पर हिंदी भाषा और साहित्य –अनिल प्रभा कुमार यह एक तथ्य है कि वर्तमान समय में विश्व पटल पर भारतीय छाए हुए हैं। स्वाभाविक है कि उनके…
फिर से –अनिल प्रभा कुमार केशी पांच सीढ़ियां नीचे धंसे फ़ैमिली रूम में, आराम-कुर्सी पर अधलेटे से चुपचाप पड़े थे। व्यस्तता का दिखावा करने के लिये सीने पर किताब नन्हे…
अनिल प्रभा कुमार जन्म : दिल्ली में। शिक्षा : दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी आनर्स और एम.ए तथा आगरा विश्वविद्यालय से “हिन्दी के सामाजिक नाटकों में युगबोध” विषय पर पी एच.डी.…
राकेश मल्होत्रा राकेश मल्होत्रा एक प्रेरणादायक विचारक, उद्यमी, लेखक और कवि हैं। हिंदी समन्वय समिति, शिकागो के मुख्य संचालक और फाइव ग्लोबल वैल्यूज, शिकागो के संस्थापक के रूप में वे…
आसमान वही छूते हैं जो तूफ़ानों को चुनौती देते है,सपने उनके ही सच होते है।जो ऊँचाई से नहीं डरते है,वही आसमान को छूते हैं। जो हर पल को नई दिशा…
उफ़ क्या नाम दूँ तुझे ए ज़िंदगीकिस रूप में पहचानूँ तुझकोमेरे देश के गाँव के आँगन मेंआँख-मिचौली खेलते हुएहम दोनों हुए थे जवानतेरे हर रूप रँगीले दिखते थेइंद्र्धानुषी यौवन को…
मेरी आँखों में आज सुबह को देखना तुममेरी आँखों मेंउस सपने की तरहजो लाती है सूरज को रोज़ किसीसच की तरहदेखना वो हो जाएगा बर्फतुम्हारे प्यार की आग के सामने…
ख़्वाब कितनी ही चीज़ों कोतुमने जोड़ दिया हैमेरे दायरे में-फ़िलहालसोच के ढेरों ख़्वाबहथेलियों में छपाक-छपाकफिसलती जा रही है देहनस-नस मेंदरिया की तरह बदलतीजा रही है तुम्हारी मौजूदगीबहुत सारे मायनें बदल…
चाहत क्या हुआ जो तुम मुझे नहीं चाहतेमेरा प्यारहो यासमुद्र की अथाह गहराईन तुम उसे भाँप सकेन इसे नाप सकेफिर भी तुम आया करोक्योंकितुम्हारा आना जैसेपतझड़ के मौसम मेंबहार का…
अकेली तुम खुद हीअपनी दुनिया सेमेरी दुनिया में आए थेमैंने तुम्हें स्वीकारा थाअन्तरमन से चाहा थातुम्हारे दिखाये सपनों केइन्द्रधनुषी झूले से झूली थीतुमने दिखाई थी बहारेंलिपट गयी थी गुलाबों से…
माँ नहीं रही माँ तो गईअब मकान भी पिता कोअचरज से देखता हैमानो संग्रहालय होने से डरता हैउसने खंडहरों में तब्दील होतेमुहल्ले के कई मकानों को देखा है माँ तो…
युद्ध जब वो कहते हैंजब तुम भी कहते होकि मैं गलत हूँतो मैं मान भी लेती हूँकि मैं गलत हूँलेकिन उनके कहने मेंऔर तुम्हारे कहने मेंजो अंतर हैउस अन्तर के…
धूप की मछलियाँ बनारस के घाटों परनयी करवटें बदलती ज़िंदगीअंतिम यात्राएक बुलबुला फटता हैजिसमे जीवन कैद था।बस यह तो बाहरी छिलका था जो गिर गयाबाहरी सतह टूट गयीअंदर की तो…
अध्यात्म की अनुभूति आत्मा और परमात्मा सेसंबंधित शाश्वत ज्ञानईश्वरीय आनंद की अनुभूतिस्वयं के अस्तित्व के साथ जोड़नामार्ग है अध्यात्म काऔर अनुगमन है अध्यात्म विद्याभौतिकता से परे जीवन का अनुभवसूक्ष्म विवेचन…
तुम मैं शब्द बुनती रहीतुम अर्थ उघेड़ते रहेपूरा न हो पाया रिश्तों का स्वेटरतुम ऐसे क्यो हो?मैं रेत पर घर बनाती रहीतुम लहरें बुलाते रहेबन न पाया प्यार का घरतुम…
नहीं भूली हूँ नहीं भूली हूँ मैं आज तकअपने बचपन का वो पहला मकानपिताजी का बनाया वो छोटा मकानकुछ ऋण ऑफिस सेबाकी गहने माँ के काम आएमेरे लिए वो ताजमहल…
शब्द और स्वर की बातचीत शब्द ने स्वर सेअवतरित होने का रहस्य पूछातो स्वर ने कहासृष्टिशब्दों की गुफाएँमैं तपस्वीमैं बारिश की बंद से आयाशब्दों से लिपटबादलों से टपकाबिजली में कड़काहृदय…
अनिता कपूर डॉ. अनिता कपूर जन्म : भारत (रिवाड़ी) शिक्षा : एम .ए.(हिंदी एवं अँग्रेजी), पी-एच.डी (अँग्रेजी), सितार, कथ्थक नृत्य, जर्मन भाषा और पत्रकारिता में डिप्लोमा। व्यवसाय: “बे-एरिया इमिग्रेशन एवं…
देश हमारी जान चलो उठाकर गर्व से मस्तक अपना हिन्दुस्तान है,इस पर आंच न आने देंगे, देश हमारी जान है। है नेतृत्व सबल हाथों में, हर मुश्किल आसान है,शत शत…
हिन्दुस्तान हमारा भारत माता के चरणों पर तन मन धन सब वारा है,हिन्दुस्तान हमारा, हमको प्राणों से भी प्यारा है। लहराता जब अमर तिरंगा अनुपम लगे नज़ारा है,विश्व प्रेम के…