मंजु श्रीवास्तव ‘मन’ की बाल कविताएँ – (बाल कविता)
छछुंदर और बंदर एक छछुंदर भोली भाली,दिखती थी थोड़ी सी काली।नाम छछुंदर का था झुमरी,चुक चुक कर गाती थी ठुमरी।एक था बन्दर,नाम था जन्तर,खाये कुल्हाटी मस्त कलंदर।खौं खौं खौं खौं…
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छछुंदर और बंदर एक छछुंदर भोली भाली,दिखती थी थोड़ी सी काली।नाम छछुंदर का था झुमरी,चुक चुक कर गाती थी ठुमरी।एक था बन्दर,नाम था जन्तर,खाये कुल्हाटी मस्त कलंदर।खौं खौं खौं खौं…
मंजु श्रीवास्तव ‘मन’ वरिष्ठ साहित्यकारवर्जीनिया, अमेरिका42300 Mad Turkey Run place,ChantillyVirginia,USA
एक ग़लत कदम -सुधा ओम ढींगरा “सरला, शुक्ला जोड़े को क्या हुआ है?” विमला ने गलियारे में जा रही सरला से पूछा।“कौन से शुक्ला? किन की बात कर रही हो!”…
सुधा ओम ढींगरा जन्म-7 सितम्बर, जालंधर, पंजाब। शिक्षा-पीऍच.डी प्रकाशित कृतियाँ उपन्यास– दृश्य से अदृश्य का सफ़र, नक़्क़ाशीदर केबिनेट।कहानी संग्रह-चलो फिर से शुरू करें, कथा-सप्तक, खिड़कियों से झाँकती ऑंखें, दस प्रतिनिधि…
हिन्दी को बैसाखी नहीं चाहिए -हंसा दीप इन दिनों सभी को हिन्दी पठन और लेखन को लेकर एक समान चिन्ता है। भारत हो या भारत के बाहर, हर ओर एक…
आत्मीय लोग कनाडा के सरकारी दफ्तर आया हूँस्वागतकर्मी पूछती है –क्या सहायता करूँ ?पेंशनर हूँ, आदतन तीन-चार काम निकाले हैंवह मुस्कुराती एक पेपर टोकन देती हैऔर संबंधित फ़ॉर्म।मेरा क्रम जल्दी…
लेक ओंटेरियो पर होना तो इसे समुद्र चाहिए थाकहीं कमतर नहीं यह झीलजहाँ तक जाती है मेरी दृष्टि इस छोर सेकोई तटबंध नहीं दिखतेपर मेरे कहने से नहीं बदलता भूगोलउसकी…
मेपल तरु के साक़ यह अलग ही बसंत हैजब मैं उसे बाँहों में भरमहसूसना चाहता हूँउसके वक्ष का खुरदरापनमुझमें उतरतेउसके टप-टप मीठे रस कोसमेटना चाहता हूँतने से बाल्टी बाँधते हुए।…
डायनासोर मैं डायनासोरों की राजधानीड्रमहेलर, कनाडा में हूँ।मुझे नहीं लगताकरोड़ों साल पहले मैं रहा होऊँगा यहाँपर्वत शृंखलाओं कोरेत-रेत घाटियाँ बनते देखने के लिए। वे बहुत बड़े थेआदमी से लंबी तो…
पर्व वेला पर्व वेला में मधुर इक गीत जो मैं गुनगुनाता,प्राण मेरे साथ गाओ।समय की उज्जवल शिला परजो लिखे हैं भाव मेरे,गीत के तुम स्वर बनाओ। पहर बीते, दिन ढले,बरस…
गीत ये निष्प्राण है गीत ये निष्प्राण है, शब्द का केवल चयन।इस उमड़ती भीड़ में अस्तित्व मेरा क्या हुआहैं अनेकों पर अकेला मैं भटकता ही रहा।आज कोई घर न मेराना…
एक विश्वास एक आशा मेरे वो गीत आज मौन आज सहमे हैंथम गई मेरी कलम और उदास नग़मे हैं। वो भी दिन थे जो मैंने गीत प्यार के गायेशब्द जीवित…
आतंक और आकांक्षा मेरी पुण्य धरती को किसने चुरायाकैसा अँधेरा है कैसा है साया। यहाँ बह रही हैं प्रलय की हवाएँक्रन्दन मचा है जलती चितायें। ले क्रोध की लौ मानव…
जगमोहन हूमर जन्मस्थान : उदयपुर, राजस्थान वर्तमान निवास : ओटवा, ओन्टेरियो शिक्षा : पीएच. डी. (इन्जीनियरिंग) प्रकाशित रचनाएँ : जीवन के रंग (काव्य संग्रह); केनेडियन हिन्दी काव्य धारा, उत्तरी अमेरिका…
दिल कुछ गुम-सुम कुछ हैरान सा हैअपने घर में मेहमान सा है,क्या-क्या सहा और क्या सहना हैदिल क्यों आज अंजान सा है। था शहर यह अजनबी पहले भीतन्हाई ज़हर थी…
बंजारा ख़ुदग़र्ज़ों की बस्ती मेंरोज़ ख़ुद को बहला लेते हैं,किसको जा के घाव दिखाएँख़ुद ही हम सहला लेते हैं। जीते हैं हम इस भ्रम मेंख़ुद में ख़ुद को ढूँढ़ ही…
वक़्त (कैनेडा में साल में दो बार वक़्त बदलने के सन्दर्भ में) सुना है कि कल रात,फिर से वक़्त बदल गयाज़िंदगी का एक हिस्सा,फिर शून्य में मिल गया।पर काश ऐसा…
अच्छा इंसान थके-हारे जज़्बात,जब रातों को उलझने लगते थे,गुम-सुम एहसास,जब सर्द-ऋतु में सुलगने लगते थे,मैं अन्तर्द्वन्द्व की आवाज़, ख़ामोशी से सुनना चाहता थामैं तो बस केवल,एक अच्छा इंसान बनना चाहता…
जगमोहन संघा शैक्षिक योग्यता : एलएलबी.; एम.ए. (इंग्लि श); एम.बी.ए.; पीएच.डी. वर्तमान पता : ब्रैम्पटन,ओंटेरियो, भाषाएँ : हिंदी, पंजाबी, अँग्रेज़ी लेखन व प्रेरणा स्रोत : १४ साल की उम्र से…
हाइकु रुत की ख़ताचुप्पियों को दे गईगीतों का पता। सर्दी का छोरामाना नहीं लाने सेहिम का बोरा। हिम उत्पातआँगन, छत, छज्जेकाँपे हैं हाड़। तुमने मुझेजब-जब नकाराऔर सँवारा। गिरीं बौछारेंझुलसी दिशाओं…