Category: एशिया

बूंदों से वार्तालाप – (कहानी)

बूंदों से वार्तालाप मेरे आँगन की खिड़की पर कलवर्षा की बूंदों ने दस्तक दीआहिस्ता से चटखनी खोलकर मैंनेउन्हें अंदर आने की दावत दी पहले कुछ शर्मायीं, सकुचायींफिर मुसकुराकर धीमे सेबैठ…

प्रेम और घृणा – (कविता)

प्रेम और घृणा प्रेम और घृणा दोनों ही बंधन हैंजो बाँध देते हैं हमें एक दूसरे सेपरंतु……..प्रेम में स्वतंत्रता है, घृणा में है जकड़नप्रेम में विस्तार है, घृणा में है…

वशीकरण – (कविता)

वशीकरण पल भर में बदल जाते हैं मौसम चेहरे परक्षण भर में ले आता है मुस्कान वह अधरों पर है आधिपत्य आजकल सर्वश्रेष्ठ सिंहासन परगर्व से विराजमान है सभी के…

चलिए वसंत बन जाएं – (कविता)

चलिए वसंत बन जाएं ऋतुराज वसंत जब आता हैजीवन, जीवंत हो जाता हैप्रकृति के विराट आँचल परसौंदर्य विस्तार पा जाता है अमराई से आती मधुर ध्वनिगूँजता कोयल का कूजनपल्लवित सुगंधित…

विवाह – (कविता)

विवाह विवाह की वरमालामात्र पुष्पों का हार नहींयह जयमाला हैएक दूसरे की जय कीएक दूसरे को चुन लेने कीएक दूसरे के सम्मान की विवाह का गठबंधनमात्र दो दुपट्टों की गांठ…

चदरिया झीनी रे झीनी – (लेख)

चदरिया झीनी रे झीनी -अदिति अरोरा मैं अपने परिवार के साथ आजकल लंदन प्रवास पर हूँ। हमारा घर थेम्स नदी के समीप निर्मित एक बहुमंज़िली इमारत की छटी मंज़िल पर…

एक पतंग का आत्ममंथन – (लेख)

एक पतंग का आत्ममंथन -अदिति आरोरा एक महीन अदृश्य डोर से बंधी, दो पतली डंडियों का एक कंकाल और उस पर रंग-बिरंगी पोशाक, आकाश की ऊँचाइयों को छूने की महत्वाकाँक्षा…

एक अंतिम आलिंगन – (संस्मरण)

एक अंतिम आलिंगन अदिति अरोरा कितना सत्य है, समय न कभी किसी के लिए रुकता है और न ही बीता हुआ समय कभी पलट कर आता है। पलट कर आती…

अदिति अरोरा

अदिति अरोरा जन्म स्थान – बड़ौत, उत्तर प्रदेश।वर्तमान नागरिकता – सिंगापुर शिक्षा – मेरठ विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर और बी.एड.पिछले २७ वर्षों से सिंगापुर प्रवासीमातृभाषा के लिए योगदान…

धीरे-धीरे हम दलदल में – (कविता)

धीरे-धीरे हम दलदल में धीरे-धीरे हम दलदल मेंधँसते चले गए।अपने ख़ुद के बुने जाल मेंफँसते चले गए। हैरी-पॉटर तो गहरीतन्मयता से पढ़तेगीता-रामायण पढ़ने सेदूर-दूर रहतेसंस्कार हम सभी ताक पररखते चले…

धनवान – (लघु कहानी)

धनवान -आलोक मिश्रा आलोक जी का जन्म १ दिसंबर १९६५ को कानपुर में हुआ। आलोक जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रायबरेली जिले के एक छोटे से गाँव रंजीतपुर लोनारी में…

गीत आशाओं भरे गाया करो – (कविता)

गीत आशाओं भरे गाया करो २१२२ २१२२ २१२गीत आशाओं भरे गाया करोमुश्किलों से खौफ़ ना खाया करो । दर्द समझेगा तुम्हारा ना कोईज़ख़्म सबको ही न दिखलाया करो । चाहते…

आलोक मिश्रा

आलोक मिश्रा आलोक जी का जन्म १ दिसंबर १९६५ को कानपुर में हुआ। आलोक जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रायबरेली जिले के एक छोटे से गाँव रंजीतपुर लोनारी में प्राप्त…

वो तुमसे कहेंगे कि – (कविता)

वो तुमसे कहेंगे कि वो तुमसे कहेंगे कितुम्हारे सृजनात्मक सपनों के सतरंगी ताने बानेखूबसूरत हैंलेकिनइन्हें भ्रष्ट वास्तविकता के वस्त्र पहनाओ,भाई।हम निष्कलुष सौंदर्य कोसीधे सहने के अभ्यस्त नहीं हैं।वो तुमसे कहेंगे…

विस्मया: कुछ अनुत्तरित प्रश्न – (कविता)

विस्मया : कुछ अनुत्तरित प्रश्न १ फिर भोर में बज उठी वंशी की तान, फिर चहक उठा चिड़ियों का मधुर गान। फिर महक उठी ताज़ा फूलों से बगिया, फिर साँसों…

रुक्मिणी – (कविता)

रुक्मिणी द्वारिका के सारे राजकोष खाली करतराजू के एक पलड़े पररख दिये थे सत्यभामा ने।इस आशा में कि तुल जाएंगेदूसरे पलड़े में बैठे कृष्ण।हो जाएगा उनके पक्ष का पलड़ा ऊँचा।मगर…

मेरी कविता – (कविता)

मेरी कविता जब तुम्हें महसूस होकि दीपावली के दियेचारों ओर फैले हुए अन्धकार कोमिटा देने के लिये पर्याप्त नहीं हैं,कि रावण के दस सिर काट करगिरा देने वाला राम तुम्हें…

मीठा बन! – (कविता)

मीठा बन! जिह्वा से बोलोगे तो क्या घाव करोगे दूजे को ,ऐसे बोल बोलना बंधु , दोस्त बने ,जो हो दुश्मन।मीठा बन।हँस दे जो भी देखे तुझको, चूम ले माथा…

तुम मुझसे बात करते रहना , मेरे दोस्त! – (कविता)

तुम मुझसे बात करते रहना , मेरे दोस्त! तुम मुझसे बात करते रहना , मेरे दोस्त!क्योंकि जब तुम मुझसे बात करते हो ,मेरा शहर मुझसे बात करता है। वो रास्ते…

क्या तुम मेरे साथ चलोगे ? – (कविता)

क्या तुम मेरे साथ चलोगे ? क्या तुम मेरे साथ चलोगे ? वहाँ, जहाँ प्रभुता ही प्रभुता,हर क्षण है आनंद बरसता,जीवन प्याला रहे छलकता,दसों दिशाएँ, बहे सरसता। क्या तुम मेरे…

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