Category: प्रशांत

वैश्विक भगवान की खोज -(कविता)

वैश्विक भगवान की खोज नया ज़माना, नयी संस्कृति, नूतन है परिवेशवैश्वीकरण के आँचल में पलता है देश- विदेश l दुनिया के इस वैश्वीकरण में गाऊँ किसका गानप्रभु प्रार्थना भी है…

कहाँ है मेरी पहचान? – (कविता)

कहाँ है मेरी पहचान? (भारत की गौरवगाथा) सात समंदर पार से मैं आया कंगारू के देश मेंकुछ यादें, कुछ सपने, कुछ पुस्तक, कुछ तस्वीर लिएजीवन की इस भागदौड़ में एक…

संवेदनशील मनोवृत्ति – (कहानी)

संवेदनशील मनोवृत्ति कौशल किशोर श्रीवास्तव मेलबर्न महानगर का एक चर्चित उच्च विद्यालय। आठवें वर्ष की कक्षा में प्रवीण विद्यार्थियों का समूह, तेरह-चौदह वर्ष के हमउम्र लड़के और लड़कियों की संख्या…

शिक्षक की परीक्षा – (कहानी)

शिक्षक की परीक्षा कौशल किशोर श्रीवास्तव आज शिक्षक दिवस का पुनीत अवसर था। एक ऐसा दिन जब सारा समाज शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करता है, बच्चों में ज्ञान और…

दस्तक – (कहानी)

दस्तक कौशल किशोर श्रीवास्तव मेलबर्न शहर, वर्ष 2020 का उत्तरार्ध, कोरोना वायरस महामारी का वैश्विक प्रकोप, मृत्यु की काली छाया, लोगों में दहशत, सर्वत्र लॉकडाउन, घर से पाँच किलोमीटर से…

कौशल किशोर श्रीवास्तव

डॉ कौशल किशोर श्रीवास्तव भारत के बिहार प्रदेश का निवासी l 1967 में भौतिक विज्ञान के व्याख्याता के रूप में पटना विश्वविद्यालय में नियुक्तिl 1977 में ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी से…

दो पाटों के बीच – (कहानी)

दो पाटों के बीच रोहित कुमार हैप्पी रेडियो पर गीत बज रहा है और बूढ़ी हो चली भागवन्ती जैसे किसी सोच में डूबी हुई है। तीन-तीन बेटों वाली इस ‘माँ’…

चायवाला – (कहानी)

चायवाला रोहित कुमार हैप्पी गंगाधरन पहली बार भारत आया था। वैसे तो वह फीजी से था लेकिन अब कई वर्षों से न्यूज़ीलैंड में आ बसा था। यहाँ के बड़े उद्यमियों…

आ अब लौट चलें… – (कहानी)

आ अब लौट चलें… -रोहित कुमार हैप्पी स्वर्ग पाने के बाद भी एक आत्मा नाखुश थी। भूलोक के लोग अकसर स्वर्ग पाने के लिए लालायित रहते हैं लेकिन इस आत्मा…

रोहित कुमार हैप्पी

नाम : रोहित कुमार हैप्पी जन्म स्थान : कुरुक्षेत्र, हरियाणा शिक्षा : न्यूज़ीलैंड से पत्रकारिता, इंवेस्टिगेटिव सर्विसिस, ग्राफिक्स व वेब डिवेलपमैंट में प्रशिक्षित। प्रकाशन : न्यूज़ीलैंड की हिंदी यात्रा, प्रशांत…

ऑस्ट्रेलिया में हिंदी साहित्य – (लेख)

ऑस्ट्रेलिया में हिंदी साहित्य -रेखा राजवंशी कहा जाता है साहित्य समाज का दर्पण है। ऑस्ट्रेलिया में हिंदी साहित्य का इतिहास अधिक पुराना नहीं है। लगभग चालीस वर्ष पहले हिंदी भाषी…

ऑस्ट्रेलिया में हिंदी शिक्षण – (लेख)

ऑस्ट्रेलिया में हिंदी शिक्षण -रेखा राजवंशी ऑस्ट्रेलिया भी भारत की ही तरह एक बहु-सांस्कृतिक देश है, जहाँ अनेक देशों के लोग आकर बस गए हैं। यहाँ के खान-पान, रंग, रूप,…

चंदा मामा दूर के – (कहानी)

चंदा मामा दूर के -रेखा राजवंशी आज मेरा जन्मदिन है। बर्थडे नहीं बल्कि वह दिन, जिस दिन मैं अपनी माँ की कोख से जन्म लूंगा। माँ और पापा बहुत खुश…

तलाश – (कहानी)

तलाश -रेखा राजवंशी मेरा नाम नेटा है, किसने रखा, शायद मेरे माता पिता ने रखा होगा। या शायद बाद में मेरे इंस्टीट्यूशन ने रखा हो। पर इससे क्या फर्क पड़ता…

पागलपन – (ग़ज़ल)

पागलपन ऐसा भी मौसम होता है नैन हँसें और मन रोता है यादो की रिमझिम होती है आँखो में सावन होता है अपने गुलशन के ख़ारो से बँधा हुआ दामन…

ख़लिश – (ग़ज़ल)

ख़लिश इक ख़लिश सी हुई मेरे दिल मेंकोई डूबा है आके साहिल में शख़्स वो उठ गया अचानक सेजान डाली था जिसने महफ़िल में रस्ते साफ़ थे, सफ़र आसाँख़ार लेकिन…

ढलती शाम – (ग़ज़ल)

ढलती शाम धीरे-धीरे घर में आई ढलती शाम कितनी भूली बातें लाई ढलती शाम पैरो की आहट आई तो मुझे लगा तुम्हें ढूँढ कर वापस लाई ढलती शाम फिर से…

अन्जान – (ग़ज़लें)

अन्जान उम्र भर घर में रहा, अपनों से अन्जान रहा शख़्स दीवाना था, दुनिया से परेशान रहा कुछ ख़रीदार जो आते रहे, जाते भी रहे ख़्वाहिशें बिकती गईं और वो…

ज़ख्म पुराने – (ग़ज़लें)

ज़ख्म पुराने जाने क्यों फिर रोने का मन करता है ज़ख्म पुराने धोने का मन करता है यूँ तेरी यादों के मंज़र तारी हैं दामन आज भिगोने का मन करता…

एक फोटो भर नहीं – (कविता)

एक फोटो भर नहीं मैं कोई फोटो भर नहीं मैं मात्र चेहरा भी नहीं जिसे देखो रॉयल डॉल्टन क्रिस्टल के फ्रेम में जड़ो, सराहो रंगीन सपने सजाओ प्रेम गीत गाओ…

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