मेरी माँ – (पत्र)
मेरी माँ – आशा बर्मन यह भी कैसी विडम्बना है कि माँ तुमको पत्र तो लिख रही हूं यह जानते हुए भी कि यह पत्र कभी तुम तक पहुंचेगा तो…
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मेरी माँ – आशा बर्मन यह भी कैसी विडम्बना है कि माँ तुमको पत्र तो लिख रही हूं यह जानते हुए भी कि यह पत्र कभी तुम तक पहुंचेगा तो…
-आशा बर्मन, कनाडा प्रश्न यह प्रश्नचिन्ह क्यों बार-बार ?क्यों उसे जीत, क्यों मुझे हार ?यह प्रश्न उठे क्यों बार-बार ? जीवन में जो भी किये कर्म,तत्समय लगा था, वही धर्म…
-आशा बर्मन, कनाडा तुमने मुझको नहीं मनाया तुमने मुझको नहीं मनाया बात ना कोई ऎसी भारी.हो गयी तकरार हमारी,सीमा पार हुई जब बातें,चुप रहने की मेरी बारीयत्न किया, पर थमें…
-आशा बर्मन, कनाडा मन की आँखे मन की आँखे खोल रे बन्दे,अपने मन को तोल रे बन्दे,बोल प्यार के बोल रे बन्दे,भर मन में झनकार।बोलो, प्यार प्यार प्यार ।।१।। याद…
-आशा बर्मन, कनाडा सुखमय जीवन यह जीवन है क्षणभंगुर,लोग सदा से कहते हैं,फिर न क्यों हम कष्ट भुलाकरसहज रूप से जीते हैं? जब भी जाए तुम पर दृष्टिमुख गभीर और…
-सुनील शर्मा, कनाडा प्रतिबिम्ब चंद हरी पत्तियां“ग्रीन माउंटेन” शुगर मेपलवृक्ष केमध्य परखिलती हुई कोमलछोटी-छोटी किसी किशोरउम्मीदजैसी किसी हरीचूड़ी चुन्नी जैसी कई हरे-भरेखेतों जैसी किसी कीहरीआँखोंजैसी, वृक्षकेतने परबिंदीजैसी या फिरजिजीविषाजैसी जोसुने…
-सुनील शर्मा, कनाडा इस बारिश में निर्मल वर्मा के साथ टोरंटो की इस हलकी-हलकीबारिश में एक बसके इंतज़ारमें, अकेला, अचानकऐसाक्योंलगा मैंवापस, उसी वक़्त, गंगा के किनारेलौट आया हूँ, एक बार…
-सुनील शर्मा, कनाडा एक अहसास तुमखुशबू की मानिंदआस पास होहमेशा कभी हवा में कभीसितारों में इस गुनगुनातीधूप में वृक्षोंकी छायामें तो कभीपक्षी कीउड़ान में तुम लहरातीझील में कभी धूप केआंगन…
सुनील शर्मा वर्तमान में टोरंटो, कनाडा में निवास सुनील शर्मा को पक्षियों, हवाओं, समुद्रों, नदियों की सिम्फनी सुनना और आकाश तथा सितारों को उनकी अलौकिक सुंदरता के लिए देखना बहुत…
संगीता शर्मा, कनाडा *** रीत इस दुनिया की दुनिया बनाने वाले ये भी तूने क्या रीत बनाईभेज दी जाती हैं गैरों के,अपनी जाईहंस खेल रही होतीं हैं अपनों के बीचकर…
– संगीता शर्मा, कनाडा वक़्त सुन्दर वक़्त तो ऐसे बह निकलता हैजिस तरह घटायें हवाओं के साथहर पल, फुरती से बनता चला जाता है कलसमय रुकता नहीं, रेत जैसे जाता…
संगीता शर्मा, कनाडा अपना शहर उस शहर की खासियत तो उस शहर की बेटी से पूछेंजो साल भर के इंतज़ार के बाद पहुँच पाती होउस शहर, जहाँ वो पली बढ़ी…
संगीता शर्मा वर्तमान में टोरंटो, कनाडा में निवास सेतु की वरिष्ठ संपादक मुंबई विश्वविद्यालय से संबद्ध डिग्री कॉलेज में अंग्रेजी की पूर्व प्रमुख। आर्थर मिलर पर एक किताब, तीन कविता…
पंकज शर्मा, अमेरिका *** यह दौड़ती भागती सड़कें दिन रात यह जागती सड़केंकिसी को मंज़िल तक पहुंचाएंकिसी को यूँ ही भटकती सड़केंकहीं पे कन्धा दे अर्थी कोकहीं पे ढोल बजाती…
पंकज शर्मा, अमेरिका 1. कभी तो पूछो मुझसे भी ज़िंदा हूँ या मर गयाजो ज़िंदा है वो मैं नहीं मैं ही हूँ जो मर गया एक अधूरा रस्ता था न…
हिंदी दिवस पर अनिता कपूर रचित हाइकु 1 प्रवास में भीमहक रही हिन्दीजैसे गुलाब 2 मैं हुई मीरातुमको माना कान्हाहिन्दी बाँसुरी 3 हिन्दी हो तुमभावों की अभिव्यक्तिदिव्य भास्कर 4 चांदी-सी…
लौट चलो घर साँझ हो चली, लौट चलो घर। अब न शेष है आतप रवि में,सुषमा रही न दिन की छवि में,मिला ज्योति को देश-निकाला,घनी तमिस्रा छाती भू पर॥ हर…
सरस्वती वन्दना मुझको नवल उत्थान दो।माँ सरस्वती! वरदान दो॥ माँ शारदे! हंसासिनी!वागीश! वीणावादिनी!मुझको अगम स्वर-ज्ञान दो॥माँ सरस्वती! वरदान दो॥ निष्काम हो मन कामना,मेरी सफल हो साधना,नव गति, नई लय तान…
नया उजाला देगी हिन्दी तम-जाला हर लेगी हिन्दी,नया उजाला देगी हिन्दी।विश्व-ग्राम में सबल सूत्र बन,सौख्य निराला देगी हिन्दी।द्वीप-द्वीप हर महाद्वीप में,हम हिन्दी के दीप जलाएँ। जीवन को सक्षम कर देगी,वर्तमान…
धरती कहे पुकार के दूर-दूर तक फैली धरती,देखो कहे पुकार के।ओ वसुधा के रहने वालों!रहो सर्वदा प्यार से॥ नाम अलग हैं देश-देश के,पर वसुन्धरा एक है,फल-फूलों के रूप अलगपर भूमि…