Category: यूरोप

यूरोप

काग़ज़ के फूल

मेरे घर की खिड़की में चीड़-पेड़ों का उपवन दिखता है… उसी के पीछे से सूर्योदय होता है… किसी ने कहा है कि सूर्य कभी भेदभाव नहीं करता है, भलों-दुष्टों को…

यूरी बोत्वींकिन की कविताएं

फ़रिश्ता… मेरी रक्षा के लिए भेजे फ़रिश्ते, तुम हो भी क्या?.. और हो तो बस छुप जाओ तुम मेरी पीठ के पीछे – सुरक्षित रहोगे… यह जो विजेता का सेहरा…

यूक्रेनी भाषा में हिन्दी शिक्षण- प्रारंभिक स्तर

यूक्रेनी भाषा में हिन्दी शिक्षण- प्रारंभिक स्तर

यूरी बोत्वींकिन

यूरी बोत्वींकिन तारास शेव्चेंको कीव राष्ट्रीय विश्वविद्यालय जन्म तिथि : 16 मई 1978 पता : यूक्रेन, कीव क्षेत्र शैक्षणिक योग्यता : हिंदी में एम. ए. (तारास शेवचेंको कीव राष्ट्रीय विश्वविद्यालय)…

डेड एंड (कहानी संग्रह) -लेखक : पद्मेश गुप्त

पिछली सदी में भारत से ब्रेन ड्रेन के दुष्परिणाम का सुपरिणाम विदेशों में हिन्दी का व्यापक विस्तार रहा है। विस्थापित प्रवासियों के परिवार जन भी उनके साथ विदेश गये। उनकी…

‘फूफा जी’

फूफा जी छोटा कद के, श्यामल छवि के, हल्के डील-डौल के, अधेड़ उम्र के व्यक्ति के रूप में बचपन की यादों में अंकित हैं। सिर और मूंछों के डाई किए…

दीपक और सूरज

सूरज कहता धन्य दीप तुम, धन्य तुम्हारा त्याग से नाता जब मैं चलकर थक हूं जाता, दीप तब अपना तन पिघलाता बना तेल बाती की सेना, चल पड़ते हो तान…

अभिषेक त्रिपाठी

पता : द वाइन्स,बेलफास्ट, आयरलैंड, पोस्ट कोड: BT10 0GP ईमेल : Belfast.Abhi@gmail.com/Hindi.Ireland@gmail.com जन्मस्थान : लखनऊ, उत्तर प्रदेश (भारत) शिक्षा : सम्प्रति : संबद्ध : प्रकाशन : मान्यता/ पुरस्कार/ सम्मान :…

दिव्या माथुर

वातायन-यूके की संस्थापक, दिव्या माथुर एक वरिष्ठ और बहु-पुरस्कृत लेखिका, अनुवादक और इम्प्रेसरियो हैं, जिन्हें तीन दशकों में सैंकड़ों सफल और सार्थक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए भारत और ब्रिटेन…

अंतिम तीन दिन

अपने ही घर में माया चूहे सी चुपचाप घुसी और सीधे अपने शयनकक्ष में जाकर बिस्तर पर बैठ गई; स्तब्ध। जीवन में आज पहली बार मानो सोच के घोड़ों की…

प्रवासी लेखन में ‘नौसटैलजिया’

दिव्या माथुर समय तेजी से बदल रहा है, जाहिर है कि हमारे साहित्य में भी यह बदलाव, व्याकुलता और बेचैनी छलक रही है जो हिन्दी साहित्य को अपनी मौलिकता से…

लोरी – (कविता)

लोरी निंदिया बनके तेरी पलकों में छिप जाऊंतू जागे मैं जागूं, तू सोए सो जाऊंकाली रात की अलकें भारी भारीतेरी आँखें हैं कारी कजरारीभोर किरण बन आऊंतुझको चूमूं जगाऊँतू जागे…

आत्महत्या के बीज – (कविता)

आत्महत्या के बीज सुना हैभारत बड़ी तरक्की कर रहा है जिसे देखो ऊपर, ऊपर और ऊपर हीचढ़ रहा हैसुना है किसान अब अपने बीज नहीं बो सकते न ही बांट…

मैं चील हूँ – (कविता)

मैं चील हूँ मैं एक चील हूँजो एक पीड़ादायी मृत्यु से जीत आईघायल हुई, हाँ, बेहद घायल,किन्तु मैंने पुन: सीखे कौशलऔर देखो न, मैं कितनी तैयार हूँअब तो मृत्यु के…

कढ़ी – (कविता)

कढ़ी आज सुबह मैंने कढ़ी बनाईछोटी छोटी गोल मटोल पकौड़ियांयूं खदक रही थीं पतीले में ज्यूं फुदकते थे बच्चे बरसात से भीगे आंगन मेंऐसा आल्हादित था मन कि सारे मुहल्ले…

दस्तक – (कविता)

दस्तक न सुने तो कोई क्या कीजेदस्तक देने में हर्ज़ है क्याहम खुशी खुशी भुगतेंगे इसेजो मिट जाए वो मर्ज़ है क्यादिल माँगा, जां हमने दीये छोटा मोटा क़र्ज़ है…

रचनात्मक अवरोध (writer’s block) – (कविता)

रचनात्मक अवरोध (writer’s block) बाहर हल्कीपर मन में भारी बारिश हो रही हैकागज़ की नाव पर सवार शब्दतेज़ी से बहे जा रहे हैंमैं उन्हें बचाने के लिएभाग रही हूँ छपाछपनाव…

शब्दकोष – (कविता)

शब्दकोष शब्दकोष वह अद्बभुत था, ‘युद्ध’ शब्द उसमें न था‘शत्रु’ का था न अता-पता, ‘बारूद’ बेचारा क्या करता’घृणा’ न थी न ‘द्वेष’ वहाँ, ‘आहें’ थीं न ‘बीमारी’न ‘आँसू’ थे न…

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