Category: भौगोलिक इकाई

अंतिम लीला – (नाटक) – यूरी बोत्वींकिन

अंतिम लीला भूमिका इस नाटक के पात्रों में हिंदू देवी-देवताओं के साथ कुछ स्लाविक पौराणिक ईसाईपूर्व देव-देवता भी हैं, जिनका ऐतिहासिक आधार हिंदू चरित्रों की तुलना में कहीं कम प्रमाणित…

गौतम सागर की कविताएँ

1. मैंने बिकना अभी नहीं सीखा जैसा बाज़ार का माहौल है, वैसा रंग बदलना अभी नहीं सीखा, दुःख में शामिल होकर, अपना उल्लू सीधा करना अभी नहीं सीखा, यारों का…

गौतम सागर

डॉ – इंजीनियर गौतम सागर संस्थापक– फ्रेंड्स ऑफ इंडियन डायस्पोरा हैनोवर, जर्मनी विगत दो दशकों से जर्मनी के हैनोवर शहर मे इंजीनियर के पद पर कार्यरत होते हुए विभिन्न विषयों…

वापसी – (कहानी)

नाविक कमलनाथ आज घर वापस लौट रहा था। बंदरगाह पर रुके जहाज में चढ़ने और अपनी-अपनी निर्धारित सीट पर बैठने में अभी कुछ समय की देर थी। कुछ औपचारिकताओं का…

चौराहे के बीच – (कहानी)

“वीरेंद्र, क्या तुम सचमुच नहीं जानते कि सम्राट अशोक कौन थे? तुम कैसे भारतीय हो जिसने भारत के ऐसे प्रसिद्ध राजा का नाम भी नहीं सुना! क्या तुम्हारे माँ-बाप ने…

एक रिक्शे वाले की कहानी – (कहानी)

कीर्ति रिक्शा वाला पंद्रह साल से रिक्शा खींचता चला आया है। वह गरीब तो था ही और रिक्शा चलाने में जी-तोड़ परिश्रम की जरूरत होती थी, पर उसे अपने इस…

तोमिओ मिज़ोकामि

तोमिओ मिज़ोकामि (जन्म- 12 मई, 1941) ओसाका विश्वविद्यालय, जापान के एक प्रोफेसर एमेरिटस हैं। 2018 में साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें भारत के राष्ट्रपति…

आस्था नवल की कविताएँ

1. सुविधापरस्त ए.सी. वाली कार के भीतर बैठ मुरझाया-सा मन लिए जब चिलचिलाती धूप में मुस्कुराते फूल को देखा तो हैरत से भर गई मैं कि कैसे इतनी सड़ी गरमी,…

आस्था नवल

आस्था नवल आस्था नवल का जन्म दिल्ली के साहित्यिक परिवार में हुआ। पिताः डॉ॰ हरीश नवल और माता डॉ॰ स्नेह सुधा से बचपन से ही लेखन कला को विरासत में…

जापान में हिंदी : इतिहास और वर्तमान

डॉ. वेदप्रकाश सिंह ओसाका विश्वविद्यालय जापान में हिंदी भाषा आने से डेढ़ हज़ार साल पहले तत्कालीन सिद्धम लिपि और वर्तमान देवनागरी लिपि में व्यवहृत कुछ वर्ण आ चुके थे। अभी…

साहित्यिक अनुवाद से जुड़ीं चुनौतियाँ – (निबंध)

अनुवाद के साथ मेरा राब्ता कुछ दस साल पहले हुआ, जब मैंने रेडियो रूस में बतौर अनुवादक और उद्घोषक काम शुरू किया था। बावजूद इसके कि हिंदी और रूसी भाषाएँ…

प्रतीकऔर संकेत

मूल लेखक – व्लादिमीर व्लादिमीरोविच नाबोकोव (मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद – प्रगति टिपणीस) इतने सालों में चौथी बार वे फिर इस बात पर सिर खपा रहे थे कि उस नौजवान…

व्लादिमीर व्लादिमीरोविच नाबोकोव

व्लादिमीर व्लादिमीरोविच नाबोकोव (रूसी: Владимир Владимирович Набоков ; अप्रैल 1899 – 2 जुलाई 1977), जिसे व्लादिमीर सिरिन (Владимир Сирин) के उपनाम से भी जाना जाता है। रूसी-अमेरिकी उपन्यासकार, कवि, अनुवादक…

कुछ परीकथाएँ जो बच्चों के लिए नहीं हैं

(मूल भाषा रूसी से अनुवाद – प्रगति टिपणीस) अख़रोट- लियोनिद निकोलायेविच आंद्रेयेव एक समय की बात है। हरे-भरे एक जंगल में एक बहुत सुंदर गिलहरी रहती थी जिसे हर कोई…

लालफूल – (कहानी)

(कहानीकार – वस्येवलद गार्शिन) (रूसी भाषा से हिंदी में अनुवाद – प्रगति टिपणीस) I. – महाराजाधिराज पीटर प्रथम के आदेश पर मैं इस पागलख़ाने के मुआयने का ऐलान करता हूँ!…

वस्येवलद गार्शिन

वस्येवलद गार्शिन (1855-1888) रूसी साहित्यकार। वस्येवलद गार्शिन रूसी साहित्य में थोड़ा लिखकर भी अपनी एक अलग पहचान रखते हैं। “गार्शिन से अधिक प्रतिभाशाली, अधिक विख्यात और अधिक महत्त्वपूर्ण लेखक भी…

यह हवाओं का चलना  – (रिपोतार्ज)

सुना था कि हवाएँ मौसम का रुख़ बदलती हैं, हमारी सोच के मौसम का भी, समाज के मौसम का भी। आजकल सुबह होते ही फ़ोन पर दिन का मौसम देखने…

पूश्किन हमारा सब कुछ हैं… (शोध आलेख)

6 जून 1799 को पूश्किन का जन्म हुआ, उन्हें उम्र 37 साल की मिली। यह उम्र अंकों में छोटी लगती है लेकिन किए गए काम कहते हैं कि वह सार्थक…

अपनी जगह, अपना शहर  – (निबंध)

आजकल दुनिया निरंतर सिमटती जा रही है और लोग बेहतर काम और जीवन की तलाश में न सिर्फ़, अपना गाँव और शहर बदलते रहते हैं हैं बल्कि देश और महाद्वीप…

मात्र सड़क का एक नुक्कड़ या विरोधाभासों का बवंडर – (यात्रा संस्मरण)

परिवर्तन ही सृष्टि के चालक हैं। कई सदियाँ बोल रही थीं, परिवर्तन की कहानी कह रही थीं और हमारे जैसे सैलानियों का समूह जो अपने शहर यानी मॉस्को को बेहतर…

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