Category: आस्ट्रेलिया

हिसाब ज़िंदगी के – (कविता)

हिसाब ज़िंदगी के बाद मुद्दत तू आया है मेरे आँगन मेंकोई शिकवा नहीं जज़्बात की बातें कर लें मैं तेरी हीर नहीं तू मेरा रांझा न रहाबिकते और काँपते इंसान…

प्रश्नोत्तरी – (कविता)

प्रश्नोत्तरी तेरे प्रश्नों की पंक्ति की तू धूनी समान जल रहा वहाँक्यों व्यस्त यहाँ मेरा जीवन था फाग और मल्हारों में मर गए तरस कर गीत तेरे जब कफन बिनाक्यों…

स्वप्नांत

स्वप्नांत कल रात युगों के बाद स्वप्न फिर देखा था मैंने तेरासुरभित कर गया जगत को यूँ चंदन से शीतल प्यार तेरा मेरी शर्मीली आंखें तेरी बाँहों में यूँ झूल…

शैलजा चतुर्वेदी

शैलजा चतुर्वेदी डॉ. शैलजा चतुर्वेदी उत्तर प्रदेश का जन्म । लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक व एमबीबीएस। आस्ट्रेलिया मे १९७० से प्रवास। ‘Raising a Child’, ‘Reflections of a Psychiatrist’, and ‘The…

जीवन चक्र – (कहानी)

जीवन चक्र भावना कुँअर बात उन दिनों की है जब रूपा ने तीसरे बेटे को जन्म दिया। दो बेटे पहले से ही थे। दो अबॉर्शन तो पहले ही उसके ससुराल…

ख़ुद्दारी – (कहानी)

ख़ुद्दारी भावना कुँअर आज फिर शीला अपने छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर काम की तलाश में सुबह-सुबह ही निकल पड़ी। पूरा दिन बच्चों को लेकर यहाँ-वहाँ भटकती रही किंतु…

रोशनी का संचार – (कहानी)

रोशनी का संचार भावना कुँअर सोसाइटी में सभी लोग नये साल के जश्न की तैयारी में जुटे थे। हर तरफ़ रंगीन कनातें तन चुकी थीं। सोसाइटी के कुछ हिस्से रंग-बिरंगी…

भावना कुँअर की ग़ज़लें

ग़ज़ल -1 मेरे ग़मों का बोझ ना खुद पर लिया करेंयूँ ग़म-ज़दा न आप हमेशा रहा करें तन्हाइयों में ख़ुद ना अकेले घुटा करेंकुछ अपने दिल का हाल भी हमसे…

भावना कुँअर

भावना कुँअर शिक्षा : हिन्दी व संस्कृत में पोस्ट ग्रेजुएशन, बी० एड०, पी-एच० डी० (हिंदी ग़ज़ल), टेक्सटाइल डिजाइनिंग में पीजी डिप्लोमा, कुकिंग, स्टिचिंग और आर्ट में डिप्लोमा। पदनाम : ऑस्ट्रेलियन…

प्रगीत कुँअर की लघु कथाएँ

1. लघुकथा – ‘आमदनी अठन्नी खर्चा रूपैया’ पिता के बाद माँ को आधी पेंशन मिलने लगी थी जो एक अच्छी ख़ासी रक़म थी जो युवा बच्चों के वेतन से भी…

प्रगीत कुँअर की ग़ज़लें

ग़ज़ल -1 देर थोड़ी क्या हुई पर फड़फड़ाने में हमेंआसमाँ ही लग गया नीचे गिराने में हमें एक मुश्किल को ज़रा सुलझा दिया हमने तभीमुश्किलें सब लग गयीं हैं आज़माने…

प्रगीत कुँअर

प्रगीत कुँअर पिता का नाम : डॉ० कुँअर बेचैन जन्म : ग़ाज़ियाबाद उ०प्र० निवास स्थान : ऑस्ट्रेलिया (सिडनी) शिक्षा : बी० कॉम, सी० ए०, आई० सी० डब्ल्यू ० ए०, एल०…

खत लिखने का वो ज़माना चला गया – (ग़ज़ल)

खत लिखने का वो ज़माना चला गया सुकुन से बैठ कर खत लिखने का, वो ज़माना चला गया;चलता था कुछ धीरे, मलाल है, वो वक़्त पुराना चला गया। तेज रफ़्तार…

आईना हमसे उम्र का हिसाब मांगता है – (ग़ज़ल)

आईना हमसे उम्र का हिसाब मांगता है रहा नहीं जो वक़्त, एक लम्हा कभी काबू में हमारे,आईना हमसे रोज, उस उम्र का हिसाब मांगता है। हम औरों की तरह मुकम्मल…

प्रिय तुम आज फ़ोन लेकर मत आना – (कविता)

प्रिय तुम आज फ़ोन लेकर मत आना प्रिय तुम आज फ़ोन लेकर मत आना,इसके साथ चला आता है पूरा ज़माना। आज हम मिलना चाहते हैं बे-खलल,थोड़ी देर, सिर्फ तुमसे, तेरे…

हद – (कविता)

हद कभी दायरे घर तक सिमट जाएँ तो;सब अपने हों, जिनके निकट जाएँ तो;काम थोड़े हों, जल्दी निबट जाएँ तो;लम्हे सामने से आकर लिपट जाएँ तो,क्या जिंदगी, बहुत बुरी हो…

खलती बहुत कमी है – (कविता)

खलती बहुत कमी है नीतियों में नीयत नेक की;तथ्यों में सूचना एक की;सूचनाओं में ज्ञान की;ज्ञान में विवेक की,खलती बहुत कमी है। बेशुमार हासिल पैगामों में;अपनेपन के संवादों की;सब शहर,कस्बे,…

जो सुन्दर है, विविध है – (कविता)

जो सुन्दर है, विविध है कालातीत बृहत् ब्रह्म में;अनहत उसके अनवरत क्रम में;सब स्थिति, सब गति में;जड़-चेतन, समस्त प्रकृति में,जो भी है, सब विविध है। अंतरिक्ष में जो कहकशां,सबकी अनोखी…

हम-आप से परे – (कविता)

हम-आप से परे सत्य तो बस है, उसका बोध ही संभव;प्रकृति उसकी, गंध, गुण-माप से परे। कुदरत में सतत गति सनातन है;ये ऋतु आवागमन, शीत-ताप से परे। जीवन में चलना…

प्रेम की एक तरल नदी लूंगा – (कविता)

प्रेम की एक तरल नदी लूंगा शिव नहीं हूँ मैं,कि सब के बदले जहर पी लूंगा।बुद्ध नहीं हूँ मैं,कि भिक्षाटन कर जी लूंगा। सांसारिक हूँ,कुछ जरूरतें, कुछ चाहतें हैं।कुछ दायित्व…

Translate This Website »