Category: आस्ट्रेलिया

पगलाई आँखें ढूंढती – (कविता)

पगलाई आँखें ढूंढती पगडंडी के पदचिन्ह से भीक्षितिज देखा हर जगहपगलाई आँखें ढूंढती अपने पिया को हर जगह। फूल सूंघे, छुअन भोगीसपन का वह घरकचनार की हर डाल लिपटी राह…

चिढ़ाते तुम! – (कविता)

चिढ़ाते तुम! आचमन भर, दे रहे हो, नदी में सेचिढ़ाते तुम!महामायानींद में कुछ बाँध लेतीमधुर सपनो की सुगंधि, प्यास बनतीबाग महके फूल पाया, सिकुड़ता सा;चिढ़ाते तुम! भूख की चिंता नहींमैं…

कविराज बने फिरते हो – (कविता)

कविराज बने फिरते हो लाट साहब की तरह रोजकविराज बने फिरते होहवा निकल जाएगीभंडाफोड़ करूंगी याद रहे।माथापच्ची कौन करे,तुम बहस किसे जिताते होकवि-सम्मेलन में जातेया कहाँ समय बिताते होजासूसी से…

चल पड़ी है वेदना – (कविता)

चल पड़ी है वेदना खुशी की राहें भटकती मोड़ पर, हर राह परआँसुओं में डूबती लो चल पड़ी है वेदना नैन जलते थे अंधेरी व्यथाओं की आग परसंग काजल देख…

उलझा दिए हैं किस तरह – (कविता)

उलझा दिए हैं किस तरह जिन्दगी नेमायने उलझा दिए हैं किस तरहतिमिर नेकिरणों के पग उलझा दिए हैं किस तरह मंथन हुआ, क्षीर सागर,हिलोरें ले कह रहाविष पयोधर साथ मिल…

सूची – (कविता)

सूची उलझा दिए हैं किस तरहचल पड़ी है वेदनाकविराज बने फिरते होचिढ़ाते तुम!पगलाई आँखें ढूंढतीरूह में लपेट करआनंद ही आनंदधनुष-बाण तेरे घुस आते।भूत जो अब घट गया हैना हो उदास,…

चंद्रयान ने खिड़की खोली – (परिचय)

चंद्रयान ने खिड़की खोली इंद्रधनुष की किरणो से चंद्रयान की हँसी ठिठोली। उड़ान का फर्राटा ऐसा,ठुमकों पर चलती हो गोलीमामा देखेंगे कठपुतलीनाचे पहनी घाघर चोलीकत्थक गरबा और भाँगड़ा, नृत्य की…

हरिहर झा – (परिचय)

हरिहर झा शिक्षा : M. Sc. (उदयपुर विश्बविद्यालय)बीएआरसी में वैज्ञानिक अधिकारी के पद पर कार्य करने के पश्चात मेलबोर्न के मौसम विभाग में। प्रकाशित कृतियाँ : ‘भीग गया मन’ ‘Agony…

कौन है यह? – (कविता)

कौन है यह? नन्ही सी छोटी सी जानकाम ढंग से करे तो महानना करे तो बने हैवानलचीली, फुर्तीली, सुरीली सुधा की यह तानयोगी का यह मानइंद्र का वर्चस्व येयोगी का…

श्रृंखला – (कविता)

श्रृंखला श्रृंखला किस की गिनूँमैं देश पर आघात कीनारी पर अत्याचार कीफैले हुये व्यभिचार कीश्रृंखला किस की गिनूँ निवस्त्र होती नार कीमनुष्य के विकार कीनिर्धन पर अत्याचार कीश्रृंखला किस की…

अनर्थ – (कविता)

अनर्थ तिनका तिनका मन चुगेमन का मिले ना मीत।मन का मीत जो मिलेसो मन से बाँधे प्रीत।कलियुग ऐसा आ धरासीता संग ना लाये। कहीं ओर जा कर प्रियकुलटा को घर…

हे हरि – (कहानी)

हे हरि हरि अनंत हरि कथा अनंतागुण गाऊँ कैसै भगवंतामैं मूरख, अक्षर ना जानूँदीजौ ज्ञान, प्रेम बस मानूँ।तू मेरे मन का, मनका हैसमता का गुण तुझ से पाऊँजीवन अपना सरल…

हे कृष्णा – (कविता)

हे कृष्णा हे कृष्णा, हे मुरारीमोहे हर लो मन की पीड़मन चंचल कैसै मैं बाँधूकुछ तो भर दो धीरहे कृष्णा मोहे मन की हर लो पीड़। में तो केवल माटी…

बातें – (कविता)

बातें किस की बातेंउस की बातेंमीठी बातें कढ़वी बातेंकुछ ऊँची, कुछ नीची बातेंलम्बी बातें, पल की बातेंरुसवा ना होना, कल की बातें। किस से कहूँ मैं मन की बातेंक्यों करते…

रिश्ते – (कविता)

रिश्ते रिश्ते बनते नहीं; होते हैंधागे में मोती से पिरोतै हैंकुछ बनाये जाते हैंकुछ बस दूर सोते हैंकुछ बस ना भी कहोकहीं अचानक खोते हैं रिश्ते सहेजने की ज़रूरत नहींवो…

हिंदी भाषा – (कविता)

हिंदी भाषा आओ बच्चों तुम्हें बताऊँबात इक बतलाती हूँछोटी सी कविता गा करमैं तुम को समझाती हूँ। जब भी छुट्टियाँ होती होगींनानी के घर जाओगेनानी को मिल कर अपनीक्या क्या…

मँजी – (कविता)

मँजी आज बरसो बाद मुझको लगामैं अपनी दादी के संग सोईचाँद सितारों के नीचे खोई।मंजी की रस्सी मेंपाया दादी का प्यारअनंत असीम शांति व दुलार।दुपट्टे में छिपायाअपने संग सुलाया।आज बरसो…

देवनागरी लिपि – (कविता)

देवनागरी लिपि देव नागरी लिपि अनोखीभाव अर्थ की नहीं है दूरी अ अमृत की वर्षा हो सब परसभी सुखी हों जिस से हर पल। आ आंगन की तुलसी है न्यारीमानव…

निकट – (कविता)

निकट निकट जिस को निकट मानानिकट, विकट हो आ खड़ा है। विकट हो सब रीत डालाजीवन ऐसे बीत डाला। निकट होने की समस्याकर रही केवल तपस्या। निकट से कुछ मिल…

मधु खन्ना – परिचय

ऑस्ट्रेलिया, ब्रिज़्बन की निवासी मधु खन्ना का जन्म भारत, राजधानी दिल्ली में हुआ। एम ए ‘हिंदी’ व बी.एड ‘दिल्ली’ व एम.एड स्पेशल एजुकेशन ‘ग्रिफ़िथ यूनिवर्सिटी’ से। वे क्वींज़लैंड में विशेष…

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