Category: प्रवासी रचनाकार

अरुणा अजितसरिया – (परिचय)

डॉ अरुणा अजितसरिया एम बी ई कलकत्ता विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एम ए (प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान) और पी एच डी (स्वातंत्र्य युग के हिंदी उपन्यास 1947-1970) करने…

पापा आप कहीं नहीं गए – (संस्मरण)

पापा आप कहीं नहीं गए – सरस दरबारी पापा को हमारा साथ छोड़े पूरे 18 साल हो गए। पर इन सालों में कभी नहीं लगा की पापा हमारे साथ नहीं—…

सरस दरबारी – (परिचय)

सरस दरबारी जन्मतिथि : 09 सितम्बर 1958 शिक्षा : मुंबई विश्व विद्यालय से राजनितिक विज्ञान में स्नातक लेखन की विधाएँ : कविताएँ, दोहे, हाइकु, हाईगा, माहिया, गीत, छंदमुक्त रचनाएँ ,कहानियाँ…

मधुमालती वाली खिड़की – (संस्मरण) 

मधुमालती वाली खिड़की -पूजा अनिल, स्पेन मेरी माँ के घर में किचन की खिड़की अपेक्षाकृत काफ़ी लम्बी (ऊँचाई में) थी इसलिए किचन के प्लेटफ़ॉर्म से भी थोड़ी नीचे तक जाती…

वैश्विक भाषा, कला एवं संस्कृति संगठन (GLAC) द्वारा Kortrijk, Belgium  यूरोप में ‘फादर क़ामिल बुल्के लिटरेरी अवार्ड’ से सम्मानित किए गए ब्रिटेन के सुप्रसिद्ध कथाकार श्री तेजेन्द्र शर्मा – (रिपोर्ट)

The European Literary Conclave समारोह के अवसर पर काउंसलर श्री वी नारायनन (Press, Information and Culture, Embassy of India, Brussels) द्वारा ब्रिटेन के सुप्रसिद्ध कथाकार श्री तेजेन्द्र शर्मा को साहित्य…

वैश्विक भाषा, कला एवं संस्कृति संगठन (GLAC) यूरोप द्वारा “The European Literary Conclave” का Kortrijk, Belgium में हुआ भव्य आयोजन – (रिपोर्ट)

GLAC, भारतीय दूतावास बेल्जियम, लग्जमबर्ग एवं यूरोपियन यूनियन एवं World Human Rights Organization (WHRO) के संयुक्त तत्वावधान में नीदरलैंड से विश्वास दुबे, जर्मनी से डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना एवं बेल्जियम…

सवाल उठाना मना है – (कविता)

नूपुर अशोक, ऑस्ट्रेलिया सवाल उठाना मना है यहाँ सवाल मत उठाना,सवाल उठाते ही यहाँ लोगचौखटे में जड़ करकिसी कील पर टाँग दिए जाते हैं।क्योंकि धर्म को सवालों से नफ़रत हैऔर…

विदेश में पतझड़ – (कविता)

– नूपुर अशोक, ऑस्ट्रेलिया विदेश में पतझड़ हरीतिमा में लिपटे वृक्षमहसूसते हैं बदलती हुई हवाओं कोसमझने लगते हैं किउनका समय गुज़र चुका है मन का उच्छ्वासधूमिल कर देता है उन्हेंभूरे…

प्रतीक्षा – (कविता)

नूपुर अशोक, ऑस्ट्रेलिया प्रतीक्षा सिंड्रेला की वह ख़ूबसूरत जूतीमैंने बड़े जतन से संभाल कर रखी हुई थीइस आस मेंकि शायद किसी दिन वो मुझे मिल जाएशायद किसी दिन वो खुद…

बूँद और मैं – (कविता)

नूपुर अशोक, ऑस्ट्रेलिया ====== बूँद और मैं पानी की एक बूँदमेरी खुली हथेली पर आ पहुँचीशायद आसमान से आयीज़िंदगी से भरी एक बूँद चाहूँ तो पी लूँ,चाहूँ तो गीला कर…

बाबा जी राम राम – (व्यंग्य कथा)

बाबा जी राम राम – नूपुर अशोक, ऑस्ट्रेलिया मोहनदास को स्वर्ग में रहते हुए सत्तर से भी ज़्यादा वर्ष हो चुके थे। धर्मराज सत्तर साल से उन का रिपीट टेलीकास्ट…

डॉलर वाले बैंगन जी – (व्यंग्य)

डॉलर वाले बैंगन जी – नूपुर अशोक देशी आदमी जब दोस्तों को इम्प्रेस करना चाहता है तो उन्हें पिज़्ज़ा और बर्गर खिलाता है। वही देशी आदमी जब विदेश पहुँचता है…

ऑपरेशन अंग्रेज़ी – (व्यंग्य)

ऑपरेशन अंग्रेज़ी – नूपुर अशोक “नारायण- नारायण” – कहते हुए नारद मुनि ने प्रवेश किया – “प्रभुगण किस चिंता से त्रस्त हैं?” नारद जी ने अपनी बात को स्पष्ट करते…

नूपुर अशोक – (परिचय)

नूपुर अशोक शिक्षा – एम.ए. (हिन्दी), पीएचडी (शोधकार्य – शिवानी के उपन्यास कथ्य और शिल्प) संप्रति – स्वतंत्र लेखन व चित्रांकन , सह-सम्पादक ‘काव्यालय’ साप्ताहिक व्यंग्य स्तम्भ लेखन – दास…

राम – (कविता)

दूर्वा तिवारी, ऑस्ट्रेलिया राम इस युग में अब राम कहाँ हैं? निजता में बस मनु रह गयानहीं रहा अब कोई मनस्वीभीड़ पड़ी है महाकुंभ मेंलेकिन दुर्लभ कोई तपस्वीकोलाहल और शोर…

गुत्थियां – (कविता)

दूर्वा तिवारी, ऑस्ट्रेलिया गुत्थियां अनगिनत अनसुलझी गुत्थियां…शरीर से भारीकर मन का वज़नबढ़ने नहीं देतीएक भी कदमये हजारों बेतरतीब गुत्थियां सैंकड़ों तंतुओं केमहीन बुने जाल मेंबदहवास फैलते हुएग्रसित कर मस्तिष्क कोरेंगती…

परब्रह्म – (कविता)

दूर्वा तिवारी, ऑस्ट्रेलिया परब्रह्म निहित भाव बस यही है अबस्वयं के सत्य को पाऊँ मैंआकार-साकार से मुक्त कहींनिराकार हो जाऊँ मैं युग-काल, यूँ ही सब बीत रहेजन्म-जन्मांतर व्यर्थ सहेजीवन-मृत्यु अब…

कविता – (कविता)

– दूर्वा तिवारी, ऑस्ट्रेलिया कविता एक नई कविता की ख़ातिर मैं स्याही हो जाऊँगीरिक्त हृदय में ढूँढूंगीनिःशब्द मेरे सारे अनुभवफिर धीमे-धीमे दूँगी मैंरूप उन्हें यथा सम्भवकुछ होंगीं बिसरी सी स्मृतियाँऔर…

दूर्वा तिवारी – (परिचय)

दूर्वा तिवारी मूल निवासी : जयपुरनागरिकता : ऑस्ट्रेलियाईशैक्षिक योग्यता : मास्टर्स ऑफ कंप्युटर एप्लिकेशन्सकार्यक्षेत्र : सूचना प्रौद्योगिकीहिन्दी साहित्य : साझा संकलनों, पत्रिकाओं और वेबसाइट्स पर कविताओं, कहानियों इत्यादि का प्रकाशन।…

अपने बुजुर्गों को अकेला मत छोड़िए – (आलेख)

अपने बुजुर्गों को अकेला मत छोड़िए – डॉ शिप्रा शिल्पी जर्मनी में विगत एक दशक से ज्यादा समय हो गया है। यहां के जीवन मे सहज रूप मे रम भी…

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