खमेन्द्रा कमल कुमार – (परिचय)
खमेन्द्रा कमल कुमार खमेन्द्रा कमल कुमार फीजी नेशनल यूनिवर्सिटी के लौटोका कैंपस में कार्यरत हैं। आप अंग्रेजी के साथ-साथ फीजी हिंदी में कहानियाँ और कविता लिखते हैं। सन् 2018 में…
हिंदी का वैश्विक मंच
खमेन्द्रा कमल कुमार खमेन्द्रा कमल कुमार फीजी नेशनल यूनिवर्सिटी के लौटोका कैंपस में कार्यरत हैं। आप अंग्रेजी के साथ-साथ फीजी हिंदी में कहानियाँ और कविता लिखते हैं। सन् 2018 में…
‘उर्दू और हिन्दी हमारी मातृभाषा को कैसे बढ़ा सकती हैं?’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन आजकल दिनांक 19.09.2024 से 21.09.2024 उत्तर प्रदेश के नोएडा, सैक्टर 16-A स्थित फ़िल्म सिटी…
रोमानिया( बुकारेस्ट) में 14 सितंबर 2024 को राजदूतावास में हिंदी दिवस रोमानिया( बुकारेस्ट) में 14 सितंबर 2024 को राजदूतावास में हिंदी दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में भाषण, कविताओं के पाठ…
शाम अच्छे से वाकिफ़ हूँ इससेजो अंधेरे जैसी छाई है,जमाना कहे जिसे आज़ादीएक लंबी सी तनहाई है ।ए ख़ुद की मर्जी की मालिक,तूने क्या किस्मत पाई है,कहते हैं जिन्होंने हर…
पहाड़ और नदी मैं, दुर्गम, कठोर पहाड़वह खिलखिलाती बहती नदी थी,ताज़्जुब नहीं कि चली गईहैरत है कि वह कभी मेरी थी।मेरा ठहराव,शायद कभी समझी नहीं।अच्छा हुआ के मुझ पत्थर संगवह…
दिल्लगी आँखों ही आँखों में आपने ना जाने क्या कह दिया।कि हमने अपना दिल आपके नाम कर दिया।।बस यही तो एक भूल की हमने।कि बिना सोचे समझे आपसे प्यार कर…
सई शिधये मेरा नाम सई शिधये है। मैं पुणे, महाराष्ट्र से हूँ।वर्तमान में जापान में रह रही हूँ।मुझे कविताएँ और शायरी पढ़ना बहुत पसंद है और मैं खुद से कुछ…
जिनकी गोद-भराई नहीं होती -अनिल प्रभा कुमार चाय का प्याला साथ की तिपाई पर रखते हुए, मां ने प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरा। “उठ जा बेटे, आज तो…
अमेरिका के पटल पर हिंदी भाषा और साहित्य –अनिल प्रभा कुमार यह एक तथ्य है कि वर्तमान समय में विश्व पटल पर भारतीय छाए हुए हैं। स्वाभाविक है कि उनके…
फिर से –अनिल प्रभा कुमार केशी पांच सीढ़ियां नीचे धंसे फ़ैमिली रूम में, आराम-कुर्सी पर अधलेटे से चुपचाप पड़े थे। व्यस्तता का दिखावा करने के लिये सीने पर किताब नन्हे…
अनिल प्रभा कुमार जन्म : दिल्ली में। शिक्षा : दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी आनर्स और एम.ए तथा आगरा विश्वविद्यालय से “हिन्दी के सामाजिक नाटकों में युगबोध” विषय पर पी एच.डी.…
सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा की लघु कथाएँ 1. आजादी आजादी के अवसर पर पापा के ऑफिस में स्वतंत्रता–पर्व के साथ एक पारिवारिक मिलन का भी आयोजन किया गया था। पत्नी स्कूल–टीचर…
सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा जन्म–तिथि : 9 नवम्बर,1951 पिता : स्वर्गीय श्री मोहन लाल माता : (स्वर्गीया) श्रीमती धर्मवन्ती (जमनी बाई ) गुरुदेव : (स्वर्गीय) श्री सेवक वात्स्यायन (कानपुर विश्वविद्यालय) पत्नी…
राजभाषा अधिकारी स्नेह मिलन समारोह : रिपोर्ट दिनाँक 13 सितम्बर 2024 शनिवार को सायंकाल 5:30 बजे प्रवासी भवन में राजभाषा अधिकारी स्नेह मिलने कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न…
सागर के तट पर सागर की पारदर्शी देह पर थिरकती हैंरहस्य और रोमांच से आह्लादित लहरेंरेतीली जमीन पर लिखती हैंप्रेम की अमिट कहानियां…समर्पित होने से ठीक पहलेआवेग से आती हैंपुरजोर…
सिरहाने में रखी है किताब कई दिनों तक पड़ी रहींमेरी पसंद की किताबेंमेरे सिरहानेपढ़ती रही मैं उन्हेंकिसी-किसी बहाने। कभी नींद लाने की कोशिश मेंतो कभी जाग जाने की खातिरकभी खुदबुदाते…
समर्पित अहसास हैं बहुत ही खास कुछ अहसास मेरे पासकर रही हूं आज वो तुमको समर्पित। मुट्ठियों में हूं सहेजे बालपन की गिट्टियांभेज न पाई कभी जो प्रेम की कुछ…
शिवोहम् आंखों की नमी से गूंदती हैज़िन्दगी का आटाथपकियां दे देकर चकले की धार परगोल-गोल घूमती हैरिश्तों की आंच पर रोटी के साथ-साथसिंकती है खुद भीउनके लिएबड़के और छुटकी के…
जिंदगी की चादर जिंदगी को जिया मैंनेइतना चौकस होकरजैसेकि नींद में रहती है सजगचढ़ती उम्र की लड़की कि कहींउसके पैरों से चादर न उघड़ जाए। ***** – अलका सिन्हा
पीपल, पुरखे और पुरानी हवेली – अलका सिन्हा चैटर्जी लेन का यह सबसे पुराना, दो तल्ला मकान होगा जिसे समय के साथ नया नहीं कराया गया। नीचे-ऊपर मिला कर लगभग…