सुएता दत्त चौधरी – (परिचय)
सुएता दत्त चौधरी सुएता दत्त चौधरी, फिजी के नाउसोरी स्थित सवानी की निवासी, एक उत्कृष्ट शिक्षिका, कवयित्री और समाजसेवी हैं। वर्तमान में वह DAV GIRLS कॉलेज में हिंदी और अंग्रेजी…
हिंदी का वैश्विक मंच
सुएता दत्त चौधरी सुएता दत्त चौधरी, फिजी के नाउसोरी स्थित सवानी की निवासी, एक उत्कृष्ट शिक्षिका, कवयित्री और समाजसेवी हैं। वर्तमान में वह DAV GIRLS कॉलेज में हिंदी और अंग्रेजी…
प्राकृतिक आपदा बारिश की गिरफ्त में,मैं असहाय बैठी हूँ,डर के हाथों से झकझोर दी गई हूँ। जहाँ पक्षी आकर चहचहाने चाहिए थे,वहाँ केवल अराजकता और बेचैनी की गूँज चीखती है।मैं…
हिन्दी साहित्य की विश्व में भारतीय संस्कृति को बढ़ाने में भूमिका -परवीन लता हमें ये जानना है कि संस्कृति का शब्दlर्थ क्या है? संस्कृति याने कि उत्तम या सुधरी हुई…
परवीन लता परवीन लता का जन्म 1979 में फीजी में हुआ। अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के बाद, उन्होंने फीजी विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और हिंदी साहित्य…
दर्द, भय और पीड़ा कोई भी दर्द, भय और पीड़ा से बच नहीं पाता हैफिर भी दर्द से ज्ञान आ सकता है,डर से साहस आ सकता है,दुख से ताकत आ…
खुशियाँ आनंद और प्रसन्नता देती है खुशियाँजिंदा रहने की औषधि यही तो है मियाहर्ष, सुख, आमोद, प्रमोद या कहो उल्लासइसी के पान से बुझती है हर किसी की प्यासविचारों की…
आंतरिक स्कूली शिक्षकों की याचिका हम उल्लू नहीं है जो रात को दिखते हैंन ही कोई निशाचर बिल्लीहमारी आंखें धुंधली है हम नहीं देख सकतेहम चमगादड़ की तरह अंधे हो…
औषधि जब मैं छोटी लड़की थीकई महिलाएं आती थीमेरी दादी के पास ठीक होने के लिएदादी कुछ पत्ते चबा लेतीअधिक पत्तियों में लिपटेपरेशान घावों को सूखने के लिएफिर रस का…
अंधेर है भाई छः साल के बच्चे की किलकारियां हूँ जब सुनतीभोले भाली उनके चेहरे देख खिल हूँ मैं पड़तीकुछ सीखने को मुझसे उत्सुकता भरी नजरों से देखतेमेरे मुख से…
जिंदगी का सफर जो छूट रह है उसका क्या अफ़सोस करें हमजो हासिल हो रहा है, उसी से सवाल करें हम बहुत दूर तक जाते हैं, यादों के काफ़िलेबेकार क्यों…
बरसात का मौसम चलो साथियों चले बाहरघर में भला क्या रखा हैबादल गरजती, बिजली चमकतीमूसलाधार बरखा हो रहा है रह रह कर झोंके की हवा चल रहीमग्न हो झूम उठी…
शोभना लक्ष्मी देवी शोभना का जन्म और पालन-पोषण सुवा, फिजी में हुआ है। उनकी प्राथमिक शिक्षा वुडी मेथोडिस्ट स्कूल में पूरी हुई। इसके बाद उन्होंने महात्मा गांधी मेमोरियल हाई स्कूल…
मॉरीशस और फीजी : विश्व हिंदी सम्मेलन के झरोखे से –डॉ. सुभाषिनी लता कुमार लेखक कृपाशंकर चौबे की हिंदी भाषा एवं साहित्य लेखन, पत्रकारिता और संपादक के रूप में अंतरर्राष्ट्रीय…
हिंदी की पुकार आओ चले,निज भाषा की ओरजिससे है पहचान हमारीहिंदी हमारी मातृभाषाजहाँ है ज्ञान का भंडारभाषा है संस्कृति का आधार,सीख लोगे जब संस्कारहोंगे संगठित तब परिवार,बनेंगे घर-आँगन स्वर्ग समान,मिलेगा…
तुम्हारा साथ तुम्हारा हाथजब थाम लेता हैहाथ मेराबेचैन मन कोमिलता हैएक मजबूत भरोसाजैसे चटकती धूप मेंमिल गई हो छाव कहीं। शाम की चाय होजब साथ तेरेराहत पा जाती हैदिनभर की…
जोगिन्द्र सिंह कंवल : फीजी के प्रेमचंद डॉ. सुभाषिनी लता कुमार स्वर्गीय श्री जोगिन्द्र सिंह कंवल एक महान लेखक, अद्भुत व्यक्तित्व और सामान्य रूप में शिक्षा और समाज में योगदान…
‘फीजी माँ’ – फीजी हिंदी का महाकाव्यात्मक उपन्यास -सुभाषिनी लता कुमार अंग्रेजी के प्रतिष्ठित और चर्चित साहित्यकार होते हुए भी प्रो. सुब्रमनी ने अंग्रेजी भाषा के मोह को त्यागकर फीजी…
जोगिन्द्र सिंह कंवल के उपन्यास ‘करवट’ की समीक्षा -सुभाषिनी लता कुमार सामाजिक-राजनैतिक जागृति और 20 वीं सदी के नागरिक होने के नाते अपने अधिकारों को लेकर भारतीयों के संघर्ष को…
फीजी द्वीप में मेरे 21 वर्ष सुभाषिनी लता कुमार पं. तोताराम सनाढ्य भारत से 1893 में एक करारबद्ध मजदूर के रूप में फीजी लाए गए थे। आपका जन्म 1876 में…
गिरमिटियों की व्यथा – सुभाषिनी लता कुमार पात्र परिचय :अमर सिंह- (अमरु) 19 या 20 साल का युवकमाँ- अमरु की माँ, लगभग 50 साल की महिलासेठ कड़ोरीमल- गाँव का जमीनदार,…