यादगार एक्सप्रैस – (डायरी)
यादों की यादगार की कुछ यादें विजय विक्रान्त भारत छोड़े हुए एक लम्बा अरसा हो गया है। कैसे ज़िन्दगी का एक बहुत बड़ा हिस्सा यहाँ कैनेडा में गुज़ार दिया, इसका…
हिंदी का वैश्विक मंच
यादों की यादगार की कुछ यादें विजय विक्रान्त भारत छोड़े हुए एक लम्बा अरसा हो गया है। कैसे ज़िन्दगी का एक बहुत बड़ा हिस्सा यहाँ कैनेडा में गुज़ार दिया, इसका…
कैनेडा की पुलिस विजय विक्रान्त, कनाडा 25 फ़रवरी,1965 को, परिवार सहित, हम ने कैनेडा को अपनी कर्मभूमि स्वीकार किया। पार्टियों में या अनौपचारिक रूप में जब कभी भी मित्र मण्डली…
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर डॉ अरुणा अजितसरिया एम बी ई, लंदन 23 सितम्बर सन 1908 को पराधीन भारत के एक साधारण कृषक परिवार में जन्मे रामधारी सिंह दिनकर ने गाँव…
अनुवादक: ऋपसिमे नेरसिस्यान Տենալի Ռամակրիշնան, ով առավել հայտնի է Տենալի Ռամա անունով, 16-րդ դարի հնդիկ հայտնի գրող-երգիծաբան է: Նա եղել է հնդկական պալատական ութ պատվավոր բանաստեղծներից մեկը: Նրա ստեղծագործությունները լայնորեն…
धर्मपाल महेंद्र जैन ***** टोटम पोल जो छोड़कर चले गए स्मृतियाँवे वापस आयेंगे कभी तोयहाँ नहीं तो कहीं दूरदक्षिण के समंदर तट परया पूरब की पहाड़ी के बीहड़ मेंया कहीं…
धर्मपाल महेंद्र जैन ***** राजा राजा युद्ध की बात करते हैंयुद्ध लड़ते नहीं अब, भेजते हैंफ़ौजी, टैंकें, मिसाइलें और आयुधवे मोर्चे पर जाते नहीं अब।राजा युद्ध में मरते नहीं अब।…
पेड़ ***** धर्मपाल महेंद्र जैन खड़े हैं दो-तीन सदियों सेपेड़ घने जंगल में।यहाँ पेड़ों से बात करना सरल हैउन्हें मालूम है चप्पा-चप्पाजहाँ तक फैलती है उनकी छाँह। वे जानते हैं…
धर्मपाल महेंद्र जैन ***** ग़ुस्सैल हवा हवा ऐसी नहीं थी कभीकि सरपट दौड़ने लगे धरती परवायुयान-सी तेज़अंधी हो जाए और ज़मींदोज कर जायेयौवन से भरे पेड़उड़ा ले जाए घरों की…
धर्मपाल महेंद्र जैन ***** मेरे भीतर कितने ‘मैं’ हैं मेरे भीतर कितने ‘मैं’ हैं जाने-अनजाने।कितने ‘मैं’ नए, किंतु कुछ बहुत पुराने। एक मैं हूँ बच्चा बचपन का।एक मैं हूँ ज्ञानवान…
सफेद बत्तखें हंसा दीप मेरी पत्नी बहुत कम बोलती है। मैं उसकी चुप्पी का आदी हूँ। उसकी आँखों की पुतलियाँ मुझे उसकी हर बात समझा देती हैं। जब दोनों आँखें…
टूक-टूक कलेजा हंसा दीप सामान का आखिरी कनस्तर ट्रक में जा चुका था। बच्चों को अपने सामान से भरे ट्रक के साथ निकलने की जल्दी थी। वे अपनी गाड़ी में…
अमर्त्य हंसा दीप बीज और दरख़्त के फासलों को रौंदने में कामयाब नोआ की निगाहें अपनी सोच में वह सब देख लेतीं जो वह देखना चाहती थी। एक-एक शब्द को…
महाप्राण निराला “महाप्राण निराला मस्तमौला, यायावर तो थे ही, फकीरी में भी दानबहादुरी ऐसी कि जेब का आखिरी आना-पाई तक मुफलिसों को लुटा आते थे। नया रजाई-गद्दा रेलवे स्टेशन के…
शिक्षक, भाषा और भविष्य डॉ. रवि शर्मा मधुप, एसोसिएट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, हिंदी विभाग, श्री राम कॉलेज ऑपफ कॉमर्स, दिल्ली विश्वविद्यालय भाषा मनुष्य के भावों और विचारों की सहज अभिव्यक्ति…
विश्व हिंदी सम्मेलन : परिकल्पना, उद्देश्य और महत्त्व डॉ. रवि शर्मा ‘मधुप’, एसोसिएट प्रोफेसर, हिंदी विभाग, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली-7 हिंदी विश्व की प्रमुख भाषा है। इसका एक…
मैकाले की आत्मा डॉ. रवि शर्मा ‘मधुप’ मैकाले तो आम आदमी की तरह वक्त आने पर नश्वर देह को त्यागकर इस संसार से कूच कर गए। परंतु आत्मा तो अजर-अमर…
डॉ. राज शेखर द्वारा रचित कहानी संकलन ‘डोडो और अन्य कहानियाँ’ राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत सरकार (उच्चतर शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय) द्वारा प्रकाशित की गई है। राष्ट्रीय बाल पुस्तकालय के…
सुनीता पाण्डेय ***** हम ‘केवल श्रद्धा’ नहीं हमें नहीं बहना‘विश्वास-रजत-नग-पग-तल’ मेंहमें बहना है तुम्हारे साथया तुम्हारे समानान्तर. हम जीती जागतीहाड़ मांस कीऔरतें हैंऔरतें नहींइंसान।हमें नहीं चाहिएमहानता का ताजहमें भी सहज…
वापसी सुनीता पाण्डेय -“पिताजी यह मांस नही खाऊँगा मैं।” -“क्यों बेटा?” -“अच्छा नहीं लगता, मन ऊब गया इसे खाते-खाते।” -“बेटा यहाँ तो यही है, इस समय पेड़ों पर भी कुछ…
लक्ष्मी जयपोल ***** मां मां विश्व हैमां संसार हैमां ब्राह्माण्ड हैमां विश्वकोश हैमां महासागर है। मां हमारा जीवन की पूजा हैमां हमारी शक्ति हैमां हमारा सम्मान हैमां हमारी पहचान हैमां…