कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में भाषा और साहित्य – (आलेख)
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में भाषा और साहित्य डॉ. वंदना मुकेश भूमिका बचपन में लोककथाओं में जादू की छड़ी वाली परी के चमत्कार लुभाते थे नरभक्षी डायन और राक्षसों की…
हिंदी का वैश्विक मंच
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में भाषा और साहित्य डॉ. वंदना मुकेश भूमिका बचपन में लोककथाओं में जादू की छड़ी वाली परी के चमत्कार लुभाते थे नरभक्षी डायन और राक्षसों की…
ब्रिटेन में हिंदी शिक्षण एवं प्रशिक्षण – एक संक्षिप्त अवलोकन – डॉ. वंदना मुकेश भाषा, भाव और विचारों की अभिव्यक्ति का साधन है। किसी भी भाषा को सीखना, सिखाना या…
जीवन यात्रा ये जीवन के लम्बे-चौड़े टेढ़े-मेढ़े रास्तेकुछ तेरे हिस्से के हैं तो कुछ हैं मेरे वास्तेक़दम न चाहें फिर भी हमें चलते ही जाना हैमिल जायेगी मंज़िल यूं ही…
ये कमाल हमें करना है… समय कठिन है फिर भी हमेंहंसते-गाते रहना है,हो धारा चाहे जितनी उल्टीदरिया-सागर तरना है,लिये हाथ में प्रेम पताकाआसमान तक चलना हैये कमाल हमें करना है,नहीं…
वसीयतनामा क्यों न हमखुले आकाश तलेबहती हवा, बहता पानीपरिंदों के गीत, जीवन के संगीत,इन सबकी मौजूदगी मे आजएक दूजे के दिल परअपना-अपना वसीयतनामा लिख दें,जीवन तो एक दूजे के साथ…
मुझको चाहिये चाहिये मुझको अदब की इक सौग़ात चाहियेकलम को रवानी मेरे दिल को जज़बात चाहिये आस्मां से उतर समा जाये रग रग मे जोशब्दों की ऐसी पूरी एक क़ायनात…
एक साधारण सी औरत -आशा बर्मन वह सचमुच एक अत्यंत साधारण सी औरत थी। लोगों की आँखों के सामने से गुजर जाए तो कोई उस पर ध्यान भी नहीं देता।…
प्राकृतिक आपदा बारिश की गिरफ्त में,मैं असहाय बैठी हूँ,डर के हाथों से झकझोर दी गई हूँ। जहाँ पक्षी आकर चहचहाने चाहिए थे,वहाँ केवल अराजकता और बेचैनी की गूँज चीखती है।मैं…
ब्रजराज किशोर कश्यप की कविताएँ 1. मानव और गणित मानव ने जब गणना सीखी वह हर्षायाबड़े चाव से उसने जोड़ा और घटाया योग और ऋण का कार्य उसे अधिक न…
शिवनंदन सिंह यादव की कविताएँ 1. छोटी-छोटी बातों पर भी बहुत सोचना ठीक नहीं हैप्रति पग फूंक फूंक कर रखनाकोई अच्छी नीति नहीं है! छोटी-छोटी बातों से हीहम अपना स्वभाव…
लेबनॉन की एक रात…. डॉ. शैलजा सक्सेना १२ अगस्त १९४५! दूसरी बड़ी लड़ाई का समय! लेबनॉन के यहूदी लोग छोटे-छोटे समूहों में छिप कर अपनी ज़मीन पर अपना देश बनाने…
चार लघु कथाएं –अंजू मेहता 1. सामान दौड़ते-दौड़ते जल्दी से स्कूल की बस पकड़ी चलती बस में चढ़कर बैठना सचमुच किसी रोमांच से कम नहीं होता है ऐसे में हृदय…
छछुंदर और बंदर एक छछुंदर भोली भाली,दिखती थी थोड़ी सी काली।नाम छछुंदर का था झुमरी,चुक चुक कर गाती थी ठुमरी।एक था बन्दर,नाम था जन्तर,खाये कुल्हाटी मस्त कलंदर।खौं खौं खौं खौं…
नन्ही-मुन्नी सिया के लिए नन्ही-मुन्नी कविताएँ सिया और बंदर छत पर देखोआया बंदरसिया जल्दीजाओ अंदर। दादी का चश्माले भागापकड़ो पकड़ोशोर मचायामम्मी ने इककिया करिश्मालेने कोदादी का चश्मा केला फेंकाउसकी ओरबंदर…
खूब दौड़ने, पढ़ने और मीठा खाने वाली एक जापानी लड़की का अनोखा सपना –वेदप्रकाश सिंह, (ओसाका विश्वविद्यालय, जापान) हिंदी पढ़ाते हुए कई बार विद्यार्थियों को सौ-दो सौ शब्दों में अपना…
जापानी राग-मिरवा वेदप्रकाश सिंह (ओसाका विश्वविद्यालय, जापान) इस समय जापान में बरसात का मौसम है। जून और जुलाई का महीना बरसात के ही नाम होता है। वैसे बारिश तो जापान…
एक प्रवासी की उलझनें अब नहीं रहापहले जैसा असहनीय प्रवासकुछ लोगों के लिएन रहे पहले जैसे प्रवासीप्रवास अब बन चुका हैएक जीवन स्थितिजिसे कभी चाहकरतो कभी मजबूरनस्वीकार करते हैं असंख्य…
एक ग़लत कदम -सुधा ओम ढींगरा “सरला, शुक्ला जोड़े को क्या हुआ है?” विमला ने गलियारे में जा रही सरला से पूछा।“कौन से शुक्ला? किन की बात कर रही हो!”…
हिन्दी साहित्य की विश्व में भारतीय संस्कृति को बढ़ाने में भूमिका -परवीन लता हमें ये जानना है कि संस्कृति का शब्दlर्थ क्या है? संस्कृति याने कि उत्तम या सुधरी हुई…
दर्द, भय और पीड़ा कोई भी दर्द, भय और पीड़ा से बच नहीं पाता हैफिर भी दर्द से ज्ञान आ सकता है,डर से साहस आ सकता है,दुख से ताकत आ…