अतीत के अवशेष
समय की मार ने उधेड़ दी है घर के दीवारों की चमड़ी बुज़ुर्ग छत पर पड़ गयी हैं सिलवटें झुर्रीदार दरवाज़ों की भिंची हुई मुट्ठियाँ पड़ती जा रही हैं नरम…
हिंदी का वैश्विक मंच
समय की मार ने उधेड़ दी है घर के दीवारों की चमड़ी बुज़ुर्ग छत पर पड़ गयी हैं सिलवटें झुर्रीदार दरवाज़ों की भिंची हुई मुट्ठियाँ पड़ती जा रही हैं नरम…
सुहाना सुहाना लगे यह मौसम, यह रिमझिम यह सरगम यह गुंजन यादों के बीच चले जब बचपन मदहोश लहरों से सतरंगी सपने आँखों में ठहरे साँझ सबेरे धरती को चूमें…
मैं चाहे अभी मज़बूर हूँ रुग्ण हूँ पर टूटी नहीं हूँ आंचल में खुशियाँ समेटे, मैं सदा यूँ मुस्कराती रहूँगी। रावण से कैंसर को भस्म करे, वह राह चाहे है…
चाहती हूँ आज देना प्यार का उपहार जग को। मुग्ध सपनों की बगिया से, तोड़ मैं कुछ फूल लाई भावनाओं के भवन से, रस भरे वह मधु गान लाई। कंठ…
नीना ने गणेश जी की मूर्ति के सामने आरती का दिया रखा और श्रृद्धा से सिर झुकाकर प्रार्थना की। वहीं साथ ही क्राइस्ट की मूर्ति भी थी, उसके सामने भी…
“हाय दीदी!” चहकती हुयी निनी लिसा के कन्धों पर झूल गयी। “बहुत खराब हैं दीदी आप। कितना वेट कराया। नहीं आना था तो पहले ही बता देतीं। सारे लोग आप…
डॉक्टर अशोक अपने शयनकक्ष की बालकनी में दोलन कुर्सी पर गुमसुम बैठे हुए हैं। डॉक्टर अशोक ने ज़िंदगी में कभी भी अपने आपको इतना निरीह और नि:सहाय महसूस नहीं किया।…
आज बहुत दिनों बाद आभा अचानक पोर्ट ऑफ स्पेन के इंडियन ग्रोसरी स्टोर में मीना से टकरा गई। दोनों ही एक-दूसरे को देखकर चौंक गई। दोनों ने एक-दूसरे को ज़ोर…
१ ।। ज़िंदगी और मौत में एक क्षण का अंतराल होता है जैसे कि एक पानी का बुलबुला जिसके ऊपर सूर्य की किरण पड़ने से सतरंगी इन्द्रधनुष दिखाई दे रहा…
सावधान मेरे मित्रों मेरे भारतवासियों अभी भी समय है संभल जाओ समय रहते नहीं तो अगले पचास-सौ सालों में हिन्दी वैसे ही डूब जायेगी भारत में, जैसे डूबी ट्रिनिडाड में।…
वक़्त इंसान को बहुत कुछ सिखा देता है वक़्त इंसान से बहुत कुछ करा देता है! कभी उसे देवता तो कभी हैवान बना देता है कभी उसे यश तो कभी…
प्रवासी भारतीय, हिंदुस्तान से बाहर क्यों हैं? बार बार मन से यह सवाल करती हूँ, जवाब का इंतजार करती हूँ, पर अनुत्तरित रह जाती हूँ। क्या वे पैसे की खातिर…
फूफा जी छोटा कद के, श्यामल छवि के, हल्के डील-डौल के, अधेड़ उम्र के व्यक्ति के रूप में बचपन की यादों में अंकित हैं। सिर और मूंछों के डाई किए…
सूरज कहता धन्य दीप तुम, धन्य तुम्हारा त्याग से नाता जब मैं चलकर थक हूं जाता, दीप तब अपना तन पिघलाता बना तेल बाती की सेना, चल पड़ते हो तान…
1) मीठे हैं बोल मिसरी रहे घोल मन अमोल (2) वर्षा का पानी देता है जिंदगानी यही रवानी (3) ये अमराई न अगर बौराए कैसे दे साए (4) है अंहकार…
हमारी पूरी दुनिया में इस सदी में भयावह स्थिति तब बन गई, जब समस्त विश्व कोरोना जैसी महामारी की चपेट में आ गया और किसी के पास इससे बचने का…
“संजय, मुझे तुमसे जरूरी बात करनी है।” “हां लिसा, बोलो।” “यह जो तुम्हारी टीम में राकेश है यह मुझे कभी-कभी इग्नोर करता है, कई बार मैंने इसको आवाज लगाई और…
पृष्ठभूमि यह है, की बिग बैंग सिद्धांत से ब्रह्मांड का निर्माण प्रारंभ हुआ और किस प्रकार पृथ्वी पर जीवन का प्रादुर्भाव हुआ। कहा ये भी गया है कि ब्रह्मा को…