विनीता तिवारी की ग़ज़लें – (ग़ज़ल)
विनीता तिवारी की ग़ज़लें – विनीता तिवारी, वर्जीनिया, अमेरिका *** ** *** ** *** ग़ज़ल-1 तेरा मुझसे मुझको चुराना ग़ज़ब है।चुराना, फिर अपना बताना ग़ज़ब है। यूँ ही रात ख़्वाबों…
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विनीता तिवारी की ग़ज़लें – विनीता तिवारी, वर्जीनिया, अमेरिका *** ** *** ** *** ग़ज़ल-1 तेरा मुझसे मुझको चुराना ग़ज़ब है।चुराना, फिर अपना बताना ग़ज़ब है। यूँ ही रात ख़्वाबों…
कोरिया में ‘होली है’ – सृजन कुमार होली भारतीयों की भावनाओं से जुड़ा एक ऐसा त्यौहार है, जिसका नाम सुनते ही होली के गानों के साथ ख़ुशनुमा-सी मस्ती की भावना…
– डॉ सिंह स्मिता, सिंगापुर रिश्ते और वक्त नीरव शांत जल विहीनमरुस्थल बन गया ताल है,जीवन की कठोर तपिश सेजीवन जीना हो गया मुहाल है,रिश्ते-नाते बस नाम के रह गए…
मालिनी – डॉ स्मिता सिंह मालिनी ने कभी एक निर्णय लिया था कि कभी भी भारत नहीं लौटेगी। आज इतने वर्ष बाद अपने देश की मिट्टी पर कदम रखते ही…
दक्षिण एशिया में भाषाओं के विकास पर पेगी मोहन की अंतर्दृष्टि ~ विजय नगरकर, अहिल्यानगर, महाराष्ट्र भूमिका:भाषाओं का विकास किसी समाज के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और राजनीतिक बदलावों का सजीव प्रतिबिंब…
ग्रोक (Grok xAI) से बातचीत ~ विजय नगरकर आजकल सोशल मीडिया पर कृत्रिम बुद्धि आधारित ग्रोक (Grok xAI) की भाषा और उत्तर देने की शैली पर बहुत चर्चा हो रही…
हिन्दी-अंग्रेज़ी अनुवाद कार्यशाला रिपोर्ट – डॉ जयशंकर यादव वैश्विक हिन्दी परिवार द्वारा सहयोगी संस्थाओं के तत्वावधान में अनुवाद की गुणवत्ता और महत्ता के मद्देनजर रविवारीय कार्यक्रम के अंतर्गत 23 मार्च…
संस्कारों के अंतर – अजेय जुगरान अनाहिता एक संवेदनशील, बुद्धिमान,पढ़ी-लिखी और देश – विदेश अच्छी तरह से घूम चुकी तैराक थी। वह अच्छे परिवार में पैदा हुई मुंबई की एक…
इंद्रधनुष – डॉ स्मिता सिंह सोना और कीर्ति लक्ष्मी जी की दोनों बेटियाँ उनके जन्मदिन को एक भव्य तरीके से मनाने लिए उत्सुक थीं, बिना उन्हें कुछ बताए। इन दोनों…
राजरानी – डॉ स्मिता सिंह रोज़ सुबह ईश्वर को नमन करते समय यह ख़याल आता की वह क्यों भाग्य विहीन हैं। कोई भी उसे सहारा देनेवाला क्यों नहीं है। रानी…
https://www.youtube.com/watch?v=iJYNTGojpCI
भोपाल में तृतीय अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन भोपाल में तुलसी मानस प्रतिष्ठान एवं रामायण केंद्र द्वारा 22 -23 मार्च 2025 को तृतीय अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन आयोजित किया गया। एक सत्र में…
– अनुराग शर्मा ***** घेरे अपने-अपने अपने घेरे में ही, गुनगुनाते रहेपास आना तो दूर, दूर जाते रहे॥ प्रीत हमसे न थी तो जताते नहींप्यार के नाम पर, क्यूँ सताते…
– अनुराग शर्मा ***** वफ़ा वफ़ा ज्यूँ हमने निभायी, कोई निभाये क्यूँकिसी के ताने पे दुनिया को छोड़ जाये क्यूँ॥ कराह आह-ओ-फ़ुग़ाँ न कभी जो सुन पायाग़रज़ पे अपनी बार-बार…
– अनुराग शर्मा ***** भाव-बेभाव प्रेम तुम समझे नहीं, तो हम बताते भी तो क्याथे रक़ीबों से घिरे तुम, हम बुलाते भी तो क्या वस्ल के क़िस्से ही सारे, नींद…
अरमान – डॉ स्मिता सिंह ***** बस दो ही दिन पहले के नज़ारेअदभुत रोशनी, रूमानी नज़ारे,जब शब भी शबनम माफ़िक़ चमक बिखेरेपूर्णिमा के चाँद की चाँदनी में नहाईयाद आ गई…
सुकून तो देती थी चाय – डॉ स्मिता सिंह ***** चाय हो या कोई चाह,पक्का रंग जब तक ना चढ़ेऔर नहीं हो जुनून,कहाँ मिलता है सच्चा सुख और कौन देता…
डॉ स्मिता सिंह जन्म- 12 August शिक्षा- डॉक्टरेट कर्मक्षेत्र- मुंबई, दिल्ली, और सिंगापुर में। लेक्चरर के पद पर भारत में और सिंगापुर में। प्रमुख विधाएं- कविता, आलेख, व्यंग्य साहित्यिक प्रकाशन-…
नरेश शांडिल्य के हाल ही में प्रकाशित दोहा-संग्रह ‘मेरी अपनी सोच’ पर चर्चा दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान शिवाजी कॉलेज के हिन्दी विभाग और साहित्यिक संस्था ‘वयम्’ के संयुक्त…