Author: वैश्विक हिंदी परिवार

‘कस्तूरी’ का विशेष कार्यक्रम- ज्ञान मार्ग से भक्ति मार्ग : गीता  – (सूचना)

नमस्कार आप सभी को। देखते – देखते ‘कस्तूरी’ अपने पांचवे वर्ष में प्रवेश कर रहा है, यहाँ तक पहुँच पाना आपके स्नेह, आशीष के बिना असंभव था। इस खुशी को…

घाट – (कविता)

– डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन घाट चल रहा हूंनित्य मैं कांवर उठाएढो रहा हूंनित्य प्यासे अंध तापसजनक-जननी काल एवं कामना कोसामने लहरा रहा तालाबजिसमें तृप्त होने को छलकती लालसाएंऔर पक्का…

अलविदा दिल्ली, तुम्हारा आसमां – (कविता)

– डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन अलविदा दिल्ली, तुम्हारा आसमां अलविदा दमघोंट जहरीला धुंआअलविदा फैशन भरी तन्हाइयांअलविदा मतलब भरी रुसवाइयांअलविदा मेले नुमाइश शोरगुलअलविदा बेकार के जल्से बिगुलअलविदा दिल्ली की जिंदा महफिलेंअलविदा…

लंदन के फुटपाथ-शायी – (कविता)

डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन लंदन के फुटपाथ-शायी शंख औंधे जा पड़े इस-उस किनारेलहर के छोड़े हुए सूने पिटारे भूख कुतिया-सी न छोड़े साथ इनकाचुन रहे पत्तल फिंकी से नमकपारे राज…

लंदनी धूप – (कविता)

डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन लंदनी धूप यहां धूप मिलती पहनकर लबादाहर दिन बदल जाए उसका इरादाकभी बनके निकले फटेहाल दुखियाकभी बाप ज्यों उसका हो रायजादादबे पांव घुस-घुसके देखे घरों मेंपरदों…

धुंध का बुर्का पहनकर आई बरतानी सुबह – (कविता)

डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन धुंध का बुर्का पहनकर आई बरतानी सुबह धुंध का बुर्का पहनकर आई बरतानी सुबहपेड़ पर पंछी सरीखी झाड़ती पानी सुबहबहुत रोका और सोने दो नहीं मानी…

गौतम सचदेव – (परिचय)

डॉ. गौतम सचदेव डा. गौतम सचदेव जी का जन्म 8 जून 1939 को मंडी वारबर्टन (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ। दिल्ली विश्वविद्यालय से आपने एम.ए. तथा पी.एच.डी. किया। डा. गौतम सचदेव…

मुझे फिर से लुभाया – (कविता)

– कीर्ति चौधरी, ब्रिटेन मुझे फिर से लुभाया खुले हुए आसमान के छोटे से टुकड़े नेमुझे फिर से लुभाया।अरे! मेरे इस कातर भूले हुए मन कोमोहने,कोई और नहीं आया।उसी खुले…

वक्त – (कविता)

– कीर्ति चौधरी, ब्रिटेन वक्त यह कैसा वक्त हैकि किसी को कड़ी बात कहोतो वह बुरा नहीं मानता। जैसे घृणा और प्यार के जो नियम हैंउन्हें कोई नहीं जानता खूब…

साहित्य अकादेमी द्वारा रवींद्रनाथ ठाकुर की जयंती पर साहित्य मंच कार्यक्रम का आयोजन – (रिपोर्ट)

उनके लेखन में प्रकृति और पर्यावरण पर हुई चर्चा साहित्य अकादेमी द्वारा साहित्य मंच कार्यक्रम में रवींद्रनाथ ठाकुर की जयंती के अवसर पर प्रकृति और पर्यावरण पर रवींद्रनाथ ठाकुर विषयक…

देश मेरा – (कविता)

– कीर्ति चौधरी, ब्रिटेन देश मेरा देश मेरा हो गया हैसमृद्ध और वैभवशालीदैनिक जरूरतों में शामिल हैफ्रिज, टेलिविजन और मोटरगाड़ी एक दौड़ जिसे निबटा लिया हैबहुतों नेबाकी बस पहुंचने वाले…

लिखना-दिखना – (कविता)

– कीर्ति चौधरी, ब्रिटेन लिखना-दिखना जो लिखता था,वैसा ही तो मैं दिखता था। अभी पुरानी नहीं हुई यह बातधूप धूप थीरंग रंग थेसही नाम हर एक चीज काफूल अगर कागज…

कंगाली – (कविता)

– कीर्ति चौधरी, ब्रिटेन कंगाली शब्द पहले ही कम थेऔर मुश्किल से मिलते थेदुख-सुख की बात करने कोअब जैसेएक कंगाली सी छा गई है क्या इशारों में हम करें बातेंसर…

हर ओर जिधर देखो – (कविता)

– कीर्ति चौधरी, ब्रिटेन हर ओर जिधर देखो हर ओर जिधर देखोरोशनी दिखाई देती हैअनगिन रूपों रंगों वालीमैं किसको अपना ध्रुव मानूंकिससे अपना पथ पहचानूं अंधियारे में तो एक किरन…

कीर्ति चौधरी – (परिचय)

कीर्ति चौधरी कीर्ति चौधरी जी का जन्म सन् 1934 में नईमपुर, उन्नाव, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनकी मां श्रीमती सुमित्रा कुमारी सिन्हा हिन्दी की प्रमुख कवयित्री थीं। अतः उनका…

‘मानस’ में रामभक्त के मापदंड – (आलेख)

‘मानस’ में रामभक्त के मापदंड प्रो.आलोक गुप्त, पूर्व प्रोफेसर, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने तुलसी के सदाचार और भक्ति को अन्योन्याश्रित बताया है। वैसे तो इसमें कोई नवीनता…

कट्टी बट्टी – (आलेख)

कट्टी बट्टी ~डॉ सुरेश पंत (शब्दों के साथ साथ के लेखक) “कट्टी तो कट्टी बारह बजे बट्टी मैं खाऊँ आइस्क्रीम तू खाए मिट्टी …… हा-हा, हा-हा-हा !!!” हमारा बचपन कट्टी-बट्टी…

महाकवि बिहारी – (आलेख)

महाकवि बिहारी -राजेन्द्र रंजन चतुर्वेदी महाकवि बिहारी की गणना रीतिकाल के राज्याश्रित कवियों में ही की जाती है। महाराज जयसिंह के दरबार में थे ही, किन्तु राजा के मन में…

मोदी जी के संबोधन के बाद और इन दिनों की परिस्थितियों पर जो विचार आए वह अभिव्यक्त कर रहा हूं – राकेश पांडे – (विचार स्तंभ)

मोदी जी के संबोधन के बाद – राकेश पांडे वर्तमान शासकों का मैं भी विरोधी रहा हूं। इसका यह मतलब नहीं कि पाकिस्तान जैसे देश के ‘denial’ पर अपने देश…

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