वक़्त – (कविता)
– संगीता शर्मा, कनाडा वक़्त सुन्दर वक़्त तो ऐसे बह निकलता हैजिस तरह घटायें हवाओं के साथहर पल, फुरती से बनता चला जाता है कलसमय रुकता नहीं, रेत जैसे जाता…
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– संगीता शर्मा, कनाडा वक़्त सुन्दर वक़्त तो ऐसे बह निकलता हैजिस तरह घटायें हवाओं के साथहर पल, फुरती से बनता चला जाता है कलसमय रुकता नहीं, रेत जैसे जाता…
संगीता शर्मा, कनाडा अपना शहर उस शहर की खासियत तो उस शहर की बेटी से पूछेंजो साल भर के इंतज़ार के बाद पहुँच पाती होउस शहर, जहाँ वो पली बढ़ी…
संगीता शर्मा वर्तमान में टोरंटो, कनाडा में निवास सेतु की वरिष्ठ संपादक मुंबई विश्वविद्यालय से संबद्ध डिग्री कॉलेज में अंग्रेजी की पूर्व प्रमुख। आर्थर मिलर पर एक किताब, तीन कविता…
बदलाव की परछाई डॉ सुनीता शर्मा, न्यूजीलैंड रमेश, संस्कृत का अध्यापक, दिल्ली से दूर एक छोटे कस्बे के कन्या विद्यालय में नियुक्त हुआ। यह नौकरी उसकी काबिलियत का सम्मान तो…
– डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन घाट चल रहा हूंनित्य मैं कांवर उठाएढो रहा हूंनित्य प्यासे अंध तापसजनक-जननी काल एवं कामना कोसामने लहरा रहा तालाबजिसमें तृप्त होने को छलकती लालसाएंऔर पक्का…
– डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन अलविदा दिल्ली, तुम्हारा आसमां अलविदा दमघोंट जहरीला धुंआअलविदा फैशन भरी तन्हाइयांअलविदा मतलब भरी रुसवाइयांअलविदा मेले नुमाइश शोरगुलअलविदा बेकार के जल्से बिगुलअलविदा दिल्ली की जिंदा महफिलेंअलविदा…
डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन लंदन के फुटपाथ-शायी शंख औंधे जा पड़े इस-उस किनारेलहर के छोड़े हुए सूने पिटारे भूख कुतिया-सी न छोड़े साथ इनकाचुन रहे पत्तल फिंकी से नमकपारे राज…
डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन लंदनी धूप यहां धूप मिलती पहनकर लबादाहर दिन बदल जाए उसका इरादाकभी बनके निकले फटेहाल दुखियाकभी बाप ज्यों उसका हो रायजादादबे पांव घुस-घुसके देखे घरों मेंपरदों…
डॉ. गौतम सचदेव, ब्रिटेन धुंध का बुर्का पहनकर आई बरतानी सुबह धुंध का बुर्का पहनकर आई बरतानी सुबहपेड़ पर पंछी सरीखी झाड़ती पानी सुबहबहुत रोका और सोने दो नहीं मानी…
डॉ. गौतम सचदेव डा. गौतम सचदेव जी का जन्म 8 जून 1939 को मंडी वारबर्टन (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ। दिल्ली विश्वविद्यालय से आपने एम.ए. तथा पी.एच.डी. किया। डा. गौतम सचदेव…
– कीर्ति चौधरी, ब्रिटेन मुझे फिर से लुभाया खुले हुए आसमान के छोटे से टुकड़े नेमुझे फिर से लुभाया।अरे! मेरे इस कातर भूले हुए मन कोमोहने,कोई और नहीं आया।उसी खुले…
– कीर्ति चौधरी, ब्रिटेन वक्त यह कैसा वक्त हैकि किसी को कड़ी बात कहोतो वह बुरा नहीं मानता। जैसे घृणा और प्यार के जो नियम हैंउन्हें कोई नहीं जानता खूब…
– कीर्ति चौधरी, ब्रिटेन देश मेरा देश मेरा हो गया हैसमृद्ध और वैभवशालीदैनिक जरूरतों में शामिल हैफ्रिज, टेलिविजन और मोटरगाड़ी एक दौड़ जिसे निबटा लिया हैबहुतों नेबाकी बस पहुंचने वाले…
– कीर्ति चौधरी, ब्रिटेन लिखना-दिखना जो लिखता था,वैसा ही तो मैं दिखता था। अभी पुरानी नहीं हुई यह बातधूप धूप थीरंग रंग थेसही नाम हर एक चीज काफूल अगर कागज…
– कीर्ति चौधरी, ब्रिटेन कंगाली शब्द पहले ही कम थेऔर मुश्किल से मिलते थेदुख-सुख की बात करने कोअब जैसेएक कंगाली सी छा गई है क्या इशारों में हम करें बातेंसर…
– कीर्ति चौधरी, ब्रिटेन हर ओर जिधर देखो हर ओर जिधर देखोरोशनी दिखाई देती हैअनगिन रूपों रंगों वालीमैं किसको अपना ध्रुव मानूंकिससे अपना पथ पहचानूं अंधियारे में तो एक किरन…
कीर्ति चौधरी कीर्ति चौधरी जी का जन्म सन् 1934 में नईमपुर, उन्नाव, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनकी मां श्रीमती सुमित्रा कुमारी सिन्हा हिन्दी की प्रमुख कवयित्री थीं। अतः उनका…
– ऋतु शर्मा ननंन पाँडे, नीदरलैंड उनकी खामोशी बोलती है (द्वितीय विश्वयुद्ध के यहूदी पीड़ितों के लिए) ⸻ छोटे-छोटे जूते लाइन में रखे थे,मासूम आँखों में डर चिपका था,नाम, धर्म,…
जापानी विद्यालयों से जीवन मूल्यों की सीख – डॉ अर्चना पांडेय, जापान वर्ष 2013 में टोक्यो के एक अंतरराष्ट्रीय विद्यालय में हिंदी सेकेंड लैंग्वेज शिक्षिका के रूप में मेरी नई…
भारतीय संस्कृति की पैरोकार, जिंदादिल, सुलझी हुई बड़ी बहन जय वर्मा डॉ. संदीप अवस्थी, राजस्थान, भारत “डॉक्टर साहब ने ही मेरी रचनाधर्मिता को नए आयाम दिए। वह (डॉक्टर महिपाल जी,…