Category: प्रवासी साहित्य

प्रेम-दिवस का जश्न  – (कविता)

प्रेम-दिवस का जश्न (श्रृंगार रस) प्रेम-दिवस की मधुशाला में तेरी आज प्रतीक्षा हैतेरे ओंठो की मदिरा से प्यास बुझाना बाकी है l तेरे नयनों के आकर्षण में मदहोशी का आलम…

बोल रहे हैं वृक्ष आज  – (कविता)

बोल रहे हैं वृक्ष आज (जलवायु परिवर्तन) वृक्ष बोलते वृक्षों से कहते एक कहानीहरे-भरे उद्यानों में, विस्तृत वन्य प्रदेशों मेंउनकी वाणी फैल रही है दुनिया के आँचल मेंमानव जाति नहीं…

 मेरा गाँव, मेरी परछाई  – (कविता)

मेरा गाँव, मेरी परछाई (ग्रामीण जीवन) यह था वसन्त ऋतु का आगमनप्रकृति का स्वागतम, जीवन का स्पंदन l मुझे भी था इसका इंतज़ारताकि कर सकूँ रगों में नयी ऊर्जा का…

बाला की अभिलाषा – (कविता)

बाला की अभिलाषा (युग परिवर्तन की नारी) ग्रामीण कुटिया में बैठी बाला ध्यानमग्न है पुस्तक मेंसंवाद सुनती रेडियो पर ‘मोदी’ की चर्चा चालू हैकभी किताब, कभी रेडियो, दोनों के प्रति…

समय की आवाज – (कविता)

समय की आवाज (आतंकवाद का शाप) बंदूकों से निकले धर्म, ग्रंथ हुए बेकारमानवता घायल हुई, पीड़ा का संचार l धमाका हुआ विस्फोट का, हिल गया संसारअंधकार छाया गगन में, धरा…

मन का विषाद  – (कविता)

मन का विषाद (विदेशी जीवन की एक झलक) दक्षिण ध्रुव का निकट पड़ोसी, कंगारू का देशसौम्य, सुशोभित, दृश्य मनोरम, उत्तम है परिवेश lहलवा पूड़ी भूल गया, खाते हैं बर्गर पिज़्ज़ापत्नी…

क्या आप कवि हैं? – (कविता)

क्या आप कवि हैं? (व्यंग्य, परिहास) मैंने पढी है एक कविता :“वह दरवाजे से आयी, खिड़की से निकल गयीबालों की सुगंध छोड़ती गयीमेरी नासिका है व्यस्त, मस्तिष्क हुआ रिक्तदिल में…

वैश्विक भगवान की खोज -(कविता)

वैश्विक भगवान की खोज नया ज़माना, नयी संस्कृति, नूतन है परिवेशवैश्वीकरण के आँचल में पलता है देश- विदेश l दुनिया के इस वैश्वीकरण में गाऊँ किसका गानप्रभु प्रार्थना भी है…

कहाँ है मेरी पहचान? – (कविता)

कहाँ है मेरी पहचान? (भारत की गौरवगाथा) सात समंदर पार से मैं आया कंगारू के देश मेंकुछ यादें, कुछ सपने, कुछ पुस्तक, कुछ तस्वीर लिएजीवन की इस भागदौड़ में एक…

संवेदनशील मनोवृत्ति – (कहानी)

संवेदनशील मनोवृत्ति कौशल किशोर श्रीवास्तव मेलबर्न महानगर का एक चर्चित उच्च विद्यालय। आठवें वर्ष की कक्षा में प्रवीण विद्यार्थियों का समूह, तेरह-चौदह वर्ष के हमउम्र लड़के और लड़कियों की संख्या…

शिक्षक की परीक्षा – (कहानी)

शिक्षक की परीक्षा कौशल किशोर श्रीवास्तव आज शिक्षक दिवस का पुनीत अवसर था। एक ऐसा दिन जब सारा समाज शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करता है, बच्चों में ज्ञान और…

दस्तक – (कहानी)

दस्तक कौशल किशोर श्रीवास्तव मेलबर्न शहर, वर्ष 2020 का उत्तरार्ध, कोरोना वायरस महामारी का वैश्विक प्रकोप, मृत्यु की काली छाया, लोगों में दहशत, सर्वत्र लॉकडाउन, घर से पाँच किलोमीटर से…

जय सूरीनाम – (कविता)

जय सूरीनाम प्यारा देश मेरा यह सच है कि मैं तुम से प्यार करूँ तू है तो महान मैं कहती हूँ यह सच है, सब जानो यह धरती पर हम…

ऋषि स्वामी दयानन्द – (कविता)

ऋषि स्वामी दयानन्द मेरी राहों में एक दीपक जलायाअंधेरों को वेदों से उसने हटायाचलो आज से मान लो उनको प्यारोचलो आज से मान लो उनको प्यारोदयानन्द क्या था, गजब का…

आप्रवासी दिवस – (कविता)

आप्रवासी दिवस आया है दिन यह कितना सुहानाप्यार में छेड़ो सब यह तरानापाँच जून है यह दिन तो पुरानाआए थे उस दिन परनानी और परनाना आए थे परआजा और परआजीकहते…

पाँच जून मनाएँगे – (कविता)

पाँच जून मनाएँगे पाँच जून मनाएँगे पाँच जून आया है, खुशियाँ मनाएँगे, साथ-साथ हम और तुम खुशियाँ मनाएँगे। पाँच जून मनाएँगे…. वादा यह करना है, नहीं डरेंगे हम कभी, कदम-कदम…

प्रवासी देशों में हिंदी : स्थति और संभवनाएँ -(आलेख)

प्रवासी देशों में हिंदी : स्थति और संभवनाएँ कारमेन सुयश्वी देवी जानकी सूरीनाम भी एक प्रवासी देश है और यहाँ हिंदी के अलावा हमारी मातृ भाषा सरनामी है और सब…

हिदी की पढ़ाई और नेता दल पाठशाला – (संस्मरण)

हिदी की पढ़ाई और नेता दल पाठशाला कारमेन सुयश्वी देवी जानकी सूरीनाम एक गिरमिटया देश कहलाता है, क्योंकि हमारे पुरखें भारत से यहाँ लाए गए थे गिरमिट काटने के लिए।…

देह की अपनी अवधि है – (कविता)

देह की अपनी अवधि है देह की अपनी अवधि है, साँस का अपना सफर ।मन का’ पंछी उड़ चले कब, किसको इसकी है खबर।। पर्व जीवन का मना लें, प्रेमियों…

वैश्विक प्रार्थना – (कहानी)

वैश्विक प्रार्थना गैरों की पीड़ा को समझूँ,इतनी तो गहराई देना।देने वाले जब भी देना,दिल में बस अच्छाई देना।। लिखना जब भी भाग्य हमारा,थोड़ी सी नरमी अपनाना।हो जाये रोटी की किल्लत,इतनी…

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